अब हर घर में मिलेगी पेंशन! भारत सरकार कर रही अनोखी स्कीम की तैयारी

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Universal Pension Scheme :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 FEB 2025 01:23 PM
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Universal Pension Scheme : केंद्र सरकार अब देश में 'यूनिवर्सल पेंशन स्कीम' (Universal Pension Scheme) लाने की योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों और गिग वर्कर्स को पेंशन के दायरे में लाना है। इस नई पेंशन स्कीम के लागू होने के बाद वे सभी लोग भी पेंशन का लाभ उठा सकेंगे, जो अब तक पेंशन योजनाओं से बाहर थे। सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है, और लेबर मिनिस्ट्री द्वारा इसके प्रपोजल डॉक्युमेंट पर काम चल रहा है।

नई पेंशन स्कीम का मकसद

सरकार का लक्ष्य यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के माध्यम से न केवल वेतनभोगी कर्मचारियों, बल्कि स्व-रोज़गार (Self-Employed) करने वालों और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वालों को भी पेंशन का लाभ देना है। यह स्कीम खासकर कंस्ट्रक्शन सेक्टर के श्रमिकों और गिग वर्कर्स के लिए लाभकारी होगी। खास बात तो ये है की यूनिवरसल पेंशन स्कीम लाने से सरकार का मकसद न केवल वेतनभोगी कर्मचारी बल्कि सेल्फ एम्प्लोएड को भी दायरे मे लाना है साथ ही प्रपोजल तैयार करने के बाद हितधारको से भी इस पर सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।

अभी कौन सी पेंशन योजनाएं उपलब्ध है?

वर्तमान में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन सुविधाएं देने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है, जिनमें प्रमुख हैं- अटल पेंशन योजना : इसमें निवेश करने वाले व्यक्तियों को 60 वर्ष के होने पर गारंटीकृत पेंशन मिलती है। PM श्रम योोगी मानधन योजना : यह स्कीम खासतौर पर रेहड़ी-पटरी वालों और घरेलू कर्मचारियों को नियमित आय की गारंटी देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसमें भी 60 साल की उम्र के बाद नियमित पेंशन मिलती है।

हिस्सा लेने वाले अपनी मर्जी से करेंगे योगदान

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यूनिवर्सल पेंशन स्कीम में सरकार भी योगदान करेगी। फिलहाल इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, क्योंकि यह योजना प्रारंभिक चरण में है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह स्कीम स्वैच्छिक होगी यानी इसमें हिस्सा लेने वाले लोग अपनी मर्जी से इसमें योगदान करेंगे। फिलहाल सरकार इसमें कोई वित्तीय योगदान नहीं करेगी। वर्तमान में, जैसे EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के तहत कर्मचारियों और नियोक्ताओं का योगदान होता है, उसी तरह से इस नई पेंशन स्कीम में भी योगदान प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन इसमें सरकारी योगदान का कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।

NPS को करेगी रिप्लेस?

सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यूनिवर्सल पेंशन स्कीम नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को रिप्लेस करेगी? इस पर सरकार का स्पष्ट कहना है कि UPS और NPS दोनों अलग-अलग स्कीम्स रहेंगी और UPS का NPS पर कोई असर नहीं होगा। इसलिए, जो लोग वर्तमान में NPS का हिस्सा हैं, वे अपनी योजनाओं को जारी रख सकते हैं, और UPS उनकी योजनाओं का विकल्प नहीं होगी। कई विकसित देशों में पहले से ही यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का संचालन हो रहा है जिनमें अमेरिका, कनाडा, रूस, चीन और अधिकांश यूरोपीय देश शामिल हैं। इसके अलावा, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी पहले से ही बुजुर्गों की वित्तीय सुरक्षा के लिए यूनिवर्सल पेंशन स्कीम चल रही है।

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Google ने पेश किया फ्री AI कोडिंग असिस्टेंट, जानें क्या है इसकी खासियत?

Gemini Code Assist
Gemini Code Assist
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 FEB 2025 10:32 AM
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Gemini Code Assist : गूगल ने अपने AI-आधारित कोडिंग असिस्टेंट Gemini Code Assist का फ्री वर्जन लॉन्च कर दिया है। यह टूल विभिन्न लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषाओं का समर्थन करता है और Visual Studio Code, GitHub, JetBrains, Firebase और Android Studio जैसे IDE (Integrated Development Environment) के साथ काम करता है। इसके अलावा, यह GitHub के साथ इंटीग्रेटेड है और हर महीने 1.8 लाख कोड कंप्लीशन तक की सुविधा भी प्रदान करता है। आइए जानते हैं इस टूल को कैसे एक्सेस किया जा सकता है?

जाने फ्री AI कोडिंग असिस्टेंट से जुड़े हर पहलू

Gemini Code Assist एक AI-पावर्ड कोडिंग असिस्टेंट है जिसे गूगल ने डेवलपर्स की सहायता के लिए डिजाइन किया है। पहले यह केवल प्रीमियम वर्जन में उपलब्ध था, लेकिन अब इसका फ्री वर्जन भी लॉन्च कर दिया गया है, जिसे कोई भी व्यक्ति अपने गूगल अकाउंट से एक्सेस कर सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य AI-आधारित कोडिंग को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है।

कैसे काम करता है Gemini Code Assist?

(1) कोड जनरेशन - नए कोड ब्लॉक को उत्पन्न करना। (2) कोड कंप्लीशन - अधूरे कोड को अपने आप पूरा करना। (3) बग फिक्सिंग - कोड में पाए गए error और bugsको ठीक करना। बता दें कि, यह टूल विभिन्न लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषाओं का समर्थन करता है और Visual Studio Code, GitHub, JetBrains, Firebase और Android Studio जैसे IDE में काम करता है। इसके साथ ही, यह GitHub के साथ इंटीग्रेटेड है और हर महीने 1.8 लाख कोड कंप्लीशन तक की सुविधा प्रदान करता है।

Gemini Code Assist महत्वपूर्ण क्यों  है?

(1) छात्रों और स्वतंत्र डेवलपर्स के लिए फायदेमंद - जो महंगे AI टूल्स का खर्च नहीं उठा सकते। (2) कोडिंग क्षमताओं में वृद्धि - गिटहब कोपायलट जैसे अन्य टूल्स की तुलना में बड़ा कॉन्टेक्स्ट विंडो और अधिक कोड कंप्लीशन सुविधा प्रदान करता है। (3) कोडिंग को सरल बनाना - नए डेवलपर्स को AI सहायता से तेजी से सीखने और बेहतर कोड लिखने में मदद मिलती है।

जानें फ्री वर्जन में आपको क्या नहीं मिलेगा?

(1) बिजनेस टूल्स और एनालिटिक्स - बड़े संगठनों के लिए आवश्यक उत्पादकता मेट्रिक्स। (2) Google Cloud इंटीग्रेशन - BigQuery जैसी सेवाओं से कनेक्ट करने की सुविधा। (3) प्राइवेट कोड डेटा का उपयोग - कस्टमाइजेशन के लिए निजी कोड स्रोतों से डेटा प्राप्त करना।

Gemini Code Assist को एक्सेस कैसे करें?

बता दें कि, गूगल का यह कदम छात्रों और स्वतंत्र डेवलपर्स को मुफ्त AI कोडिंग टूल्स का उपयोग करने का अवसर देने के लिए उठाया गया है। इससे वे Gemini 2.0 मॉडल की क्षमता का लाभ उठाकर बेहतर कोडिंग कर सकते हैं। गूगल के Gemini Code Assist के मुफ्त संस्करण का उपयोग करने के लिए आपको बस एक व्यक्तिगत गूगल अकाउंट की आवश्यकता होगी। आप इसे आसानी से Visual Studio Code, JetBrains, GitHub जैसे लोकप्रिय IDEs में इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अमेरिका ने चार भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, जानें क्या है वजह

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Restricted Companies
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 FEB 2025 01:59 PM
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Restricted Companies : अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योग से जुड़े 16 संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें चार भारतीय कंपनियाँ शामिल हैं। ये प्रतिबंध ईरान के तेल व्यापार को सीमित करने और उस पर दबाव बनाने के उद्देश्य से लगाए गए हैं। हालांकि भारत सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह ईरान से अपनी सुविधा के अनुसार और अपने हित में तेल का व्यापार जारी रखेगी। प्रतिबंधित भारतीय कंपनियाँ 1. आॅस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड 2. बीएसएम मरीन एलएलपी 3. कॉसमॉस लाइन्स इंक 4. फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी

ईरान को नुकसान पहुंचाने को अमेरिकी कार्रवाई

अमेरिकी वित्त विभाग के अनुसार, ये कंपनियाँ ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार में शामिल थीं, जिससे ईरान को आर्थिक लाभ हो रहा था। इस कदम का उद्देश्य ईरान के अवैध शिपिंग नेटवर्क को बाधित करना है, जो एशिया में खरीदारों को ईरानी तेल बेचने का प्रयास कर रहा था। हालांकि इन कंपनियों का कहना है कि हम तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का ईरान से लीगल आधार पर खरीद करते हैं।

व्यापार का फायदा ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए कर रहा

अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इस व्यापार से प्राप्त राजस्व का उपयोग ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम, बैलिस्टिक मिसाइल विकास, और आतंकवादी समूहों के समर्थन के लिए कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा है। इसलिए, अमेरिका ने इन कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाकर ईरान के तेल उद्योग पर दबाव बढ़ाने का प्रयास किया है।

चीन जैसे देश अमेरिकी प्रतिबंधों को मान्यता नहीं देते

यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ईरान की तेल निर्यात को शून्य पर लाना और उसके परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों के लिए धन की आपूर्ति को रोकना है। हालांकि, चीन जैसे देश अमेरिकी प्रतिबंधों को मान्यता नहीं देते, जिससे ईरान को अभी भी कुछ राजस्व प्राप्त हो रहा है।

इससे पहले भी अमेरिका लगा चुका है प्रतिबंध

इससे पहले भी, दिसंबर 2024 में, अमेरिका ने ईरान के तेल परिवहन में शामिल 35 कंपनियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए थे, जिनमें भारत की दो कंपनियाँ, विजन शिप मैनेजमेंट एलएलपी और टाइटशिप शिपिंग मैनेजमेंट (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड शामिल थीं। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान के तेल राजस्व को कम करना और उसके परमाणु कार्यक्रम को वित्तीय सहायता से वंचित करना था। अभी तक अमेरिका के प्रतिबंधों का असर ईरान पर साफ तौर पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह ईरान के अवैध तेल व्यापार को रोकने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगी, ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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