ईरान से जंग में हर दिन अरबों झोंक रहा है इज़रायल, खर्च ने उड़ाए होश

ईरान से जंग में हर दिन अरबों झोंक रहा है इज़रायल, खर्च ने उड़ाए होश
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calendar20 JUN 2025 09:50 AM
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Israel Iran War :  ईरान और इज़रायल के बीच जारी सैन्य संघर्ष केवल सीमित इलाके की लड़ाई नहीं रह गया है। यह युद्ध अब इज़रायली अर्थव्यवस्था की जड़ें भी हिला रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इज़रायल को इस जंग में हर दिन औसतन 725 मिलियन डॉलर यानी लगभग 62 अरब रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। ये खर्च हथियारों, ईंधन, सैनिकों की तैनाती और बुनियादी ढांचे की क्षति से जुड़े हैं।

युद्ध की शुरुआत में ही झोंक दिए अरबों रुपये

सरकारी आंकड़ों और आर्थिक सलाहकारों के अनुसार, अकेले लड़ाकू विमानों के ईंधन और हथियारों पर ही इज़रायल का प्रतिदिन का खर्च 300 मिलियन डॉलर (लगभग 26 अरब रुपये) के आसपास है। मिसाइल और ड्रोन हमलों की तीव्रता को देखते हुए यह खर्च निरंतर बढ़ रहा है। इज़रायल वर्तमान में दो अलग-अलग सैन्य मोर्चों पर जूझ रहा है। एक ओर वह गाज़ा में हमास के खिलाफ जमीनी कार्रवाई में व्यस्त है, तो दूसरी ओर उसे ईरान की ओर से आ रहे मिसाइल और ड्रोन हमलों का सामना करना पड़ रहा है।

इस दोहरे दबाव ने उसकी सेना और अर्थव्यवस्था दोनों को व्यापक तनाव में डाल दिया है। 'इकोनॉमिक टाइम्स' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध के पहले 48 घंटों में ही इज़रायल ने लगभग 1.4 बिलियन डॉलर (125 अरब रुपये) की धनराशि सैन्य अभियानों पर खर्च कर दी थी। यह आंकड़ा युद्ध की भयावहता और उसकी लागत का शुरुआती संकेत भर है।

रिज़र्व सैनिकों पर भी बढ़ा बोझ

जंग की गंभीरता को देखते हुए इज़रायल ने बड़ी संख्या में रिज़र्व सैनिकों को सक्रिय ड्यूटी पर बुलाया है। इन सैनिकों की तैनाती, प्रशिक्षण और संसाधनों की व्यवस्था पर प्रतिदिन 27 मिलियन डॉलर (करीब 2.33 अरब रुपये) का अतिरिक्त बोझ सरकार के ऊपर आ रहा है। ईरानी मिसाइल हमलों से बचाव के लिए इज़रायल को बार-बार अपने मिसाइल इंटरसेप्टर सिस्टम का सहारा लेना पड़ रहा है। हर इंटरसेप्शन की लागत लाखों डॉलर में होती है। यह रक्षा प्रणाली भले ही प्रभावी हो, लेकिन इसकी लागत युद्ध बजट में बड़ी हिस्सेदारी रखती है।    Israeel Iran War

छठी बार टली भारत की उम्मीदों की उड़ान, लॉन्च की नई तारीख जल्द

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छठी बार टली भारत की उम्मीदों की उड़ान, लॉन्च की नई तारीख जल्द

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Shubhanshu Shukla
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 JUN 2025 09:30 AM
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Shubhanshu Shukla :  भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) जाने का सपना फिलहाल फिर टल गया है। उन्हें ले जाने वाला नासा का Axiom-4 मिशन अब छठी बार स्थगित किया गया है। इस मिशन की नई तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है।

क्यों हो रही है देरी?

नासा ने बताया कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के एक खास हिस्से, ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल में हाल ही में मरम्मत की गई है। अब एजेंसी वहां की तकनीकी स्थिति का पूरा विश्लेषण करना चाहती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्टेशन नए अंतरिक्ष यात्रियों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार हो।नासा और एक्सिओम स्पेस की टीम इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि क्या ISS की सभी प्रणालियां चार नए यात्रियों को सुरक्षित और सुचारू रूप से समायोजित कर सकती हैं या नहीं।

पहले कब-कब टल चुका है लॉन्च?

इस मिशन की शुरुआत में 29 मई को लॉन्च की योजना थी। लेकिन इसके बाद तारीखें बदलती रहीं 8 जून, 10 जून, 11 जून, 19 जून, और फिर 22 जून को भी लॉन्च नहीं हो सका। अब इसे अनिश्चित समय के लिए टाल दिया गया है। मिशन में देरी के पीछे कुछ तकनीकी और पर्यावरणीय वजहें भी रही हैं—जैसे कि फाल्कन 9 रॉकेट की तैयारी में देरी, खराब मौसम, तरल ऑक्सीजन का रिसाव, और स्पेस स्टेशन के उपकरणों में तकनीकी दिक्कतें।

भारत के लिए ऐतिहासिक मिशन

एक्सिओम-4 मिशन सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पोलैंड और हंगरी के लिए भी ऐतिहासिक साबित होने वाला है।  यह मिशन भारत के साथ-साथ पोलैंड और हंगरी के लिए भी खास है। ये तीनों देश पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक मानव मिशन भेज रहे हैं। 1984 में राकेश शर्मा के बाद, शुभांशु शुक्ला दूसरे भारतीय होंगे जो अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे।

भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला इस मिशन में शामिल हैं। वह 1984 में राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय होंगे जो अंतरिक्ष में जाएंगे। इससे भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को भी नई ऊंचाई मिलेगी। स्वास्थ्य और सुरक्षा के नियमों के अनुसार, मिशन में शामिल सभी अंतरिक्ष यात्री फिलहाल फ्लोरिडा में क्वारंटीन में हैं। लॉन्चिंग तक वे वहीं रहेंगे ताकि किसी भी तरह का संक्रमण मिशन को प्रभावित न कर सके।    Shubhanshu Shukla

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इजरायल पर बरसीं मिसाइलें, ईरान ने संवेदनशील ठिकानों को बनाया निशाना

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Israel Iran War
locationभारत
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calendar19 JUN 2025 02:47 PM
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Israel Iran War :  ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने सातवें दिन और विकराल रूप ले लिया है। ईरान ने गुरुवार को इजरायल के चार प्रमुख शहरों—तेल अवीव, बीर्शेबा, रमत गण और होलोन—पर मिसाइलों की बौछार कर दी। इन हमलों में जहां तेल अवीव की बहुमंजिला इमारतों को गंभीर क्षति पहुंची है, वहीं बीर्शेबा के एक प्रमुख अस्पताल ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ पर सीधी मार ने चिंता बढ़ा दी है।

तेल अवीव और बीर्शेबा सबसे ज्यादा निशाने पर

ईरानी हमलों ने तेल अवीव को दहशत के माहौल में झोंक दिया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शहर के विभिन्न हिस्सों में कुल सात मिसाइलें गिरीं, जिनमें से कई ने ऊंची रिहायशी इमारतों को भारी नुकसान पहुंचाया। वहीं, बीर्शेबा में स्थित प्रमुख ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ पर भी एक मिसाइल सीधी आकर गिरी, जिससे दर्जनों लोग घायल हो गए। हमले के बाद अस्पताल की आपात सेवाएं सीमित कर दी गई हैं और अब केवल गम्भीर रूप से घायल या जीवन संकट से जूझ रहे मरीजों को ही प्राथमिकता दी जा रही है।

इजरायली प्रधानमंत्री की तीखी प्रतिक्रिया

हमलों के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा— "ईरान के तानाशाही हुकूमत ने हमारे अस्पताल और आम नागरिकों पर हमला किया है। अब उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।" नेतन्याहू का बयान इजरायली जनता में आक्रोश और सुरक्षा चिंताओं को दर्शाता है। ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों में इजरायल के स्टॉक एक्सचेंज को भी निशाना बनाए जाने की खबरें हैं। इससे देश की आर्थिक राजधानी तेल अवीव में वित्तीय हलचल और दहशत का माहौल बन गया है।

इजरायल का जवाबी हमला

ईरान के हमलों के बाद इजरायल ने भी जोरदार प्रतिक्रिया दी। जानकारी के अनुसार, इजरायली वायुसेना ने ईरान के अराक स्थित भारी जल रिएक्टर को निशाना बनाया है, जो तेहरान से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह रिएक्टर प्लूटोनियम निर्माण में सक्षम है, जो संभावित रूप से परमाणु हथियारों के लिए उपयोग किया जा सकता है।

क्या कहती है मानवाधिकार समूह की रिपोर्ट ?

वाशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार संगठन के अनुसार, अब तक ईरान में 263 आम नागरिकों सहित कम से कम 639 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं, इजरायल में हमलों के चलते कम से कम 24 नागरिकों की मौत और सैकड़ों के घायल होने की पुष्टि हुई है। मध्य इजरायल में अपार्टमेंट इमारतों पर गिरे मिसाइलों ने भारी तबाही मचाई है। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका की किसी भी संभावित सैन्य दखल को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अमेरिका ने हस्तक्षेप किया, तो उसे ऐसी क्षति उठानी होगी जिसकी भरपाई संभव नहीं होगी।    Israel Iran War

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