हमास का कच्चा चिट्ठा: दुनिया में हमेशा हिंसा के पीछे इस्लाम को मानने वालों का ही क्यों हाथ होता है? ये सवाल उठाया है मोसाब हसन यूसुफ ने। अब सवाल ये उठता है कौन है ये बात कहने वाले मोसाब हसन यूसुफ? दरअसल हसन युसुफ हमास के सह-संस्थापक शेख हसन यूसुफ के बेटे हैं। एक भारतीय चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने हमास का कच्चा चिट्ठा खोला। इस इंटरव्यू में उन्होंने हमास से जुड़े कई राजों को सार्वजनिक किया।
हमास का कच्चा चिट्ठा: युसुफ ने खोले हमास के कई राज
एक भारतीय न्यूज चैनल से बात करते हुए मोसाब हसन यूसुफ ने हमास का कच्चा चिट्ठा खोला। उन्होंने कहा “हमास का नागरिकों पर हमला करने का लंबा इतिहास रहा है। वो भीड़भाड़ वाले इलाकों पर हमला करते हैं। सार्वजनिक परिवहन को निशाना बनाते हैं, बाजार, ग्रासरी स्टोर्स, क्लबों और स्कूलों को भी निशाना बनाते हैं। 7 अक्टूबर को इजराइल पर जो हमला हुआ, पता नहीं क्यों दुनिया इसको लेकर आश्चर्य में है, क्योंकि ये कोई नई बात नहीं है।”
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हमास का कच्चा चिट्ठा
हमास के इरादों के बारे में बताते हुए आगे युसुफ ने कहा “अपनी स्थापना के बाद से ही हमास के दिमाग में एक ही लक्ष्य है, वो लक्ष्य है इज़राइल राज्य को नष्ट करना। अब यह कोई रहस्य नहीं है, कि हमास इजराइल राज्य को नष्ट करना चाहता है। ये बात अब किसी से छिपी नहीं है कि वे इजराइल को स्वीकार नहीं कर सकते या इजराइल के अस्तित्व के अधिकार को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं।”
इजराइल के लिए जासूस रह चुके हैं युसुफ
मोसाब हसन यूसुफ इस्लाम धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना चुके हैं। मोसाब ने इजराइल की शिन बेट के लिए लंबे वक्त तक काम किया है। वो 1997 से 2007 तक इजराइल के लिए जासूस के तौर पर काम करते रहे हैं।
उन्होंने इजराइल को ऐसी जरूरी जानकारियां दीं, जिनके कारण उसे आत्मघाती बम हमलों और आतंकवादी घटनाओं को रोकने में मदद मिली। इसलिए उन्हें उन्हें ‘ग्रीन प्रिंस’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद उन्होंने अमेरिकी नागरिकता ले ली थी और फिलहाल वहीं रहते हैं।
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