दुनिया की महाशक्ति अमेरिका से एक बहुत बुरी खबर सामने आई है। खबर यह है कि अपने आपको दुनिया का शक्तिशाली देश बताने वाले अमेरिका में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अमेरिका के दक्षिणी भाग यानि दक्षिणीा अमेरिका की जेलों में बड़े-बड़े अपराधी व कुख्यात अपराधिक गिरोह पैदा हो रहे हैं। यह खबर अमेरिका के नागरिकों से लेकर अमेरिका की सरकार तक को परेशानी में डालने वाली खबर है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि अमेरिका से दुनिया का एक प्रसिद्ध समाचार पत्र प्रकाशित होता है। अमेरिका के इस समाचार पत्र का नाम द न्यूयार्क टाइम्स (The New York Times) में दक्षिण अमेरिका की एक बड़ी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में दक्षिण अमेरिका की चिंताजनक स्थित बताई गई है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि इक्वाडोर की सेना को पिछले महीने देश की जेलों में भेजा गया, क्योंकि दो बड़े गिरोहों के सरगना भाग गए थे, फिर अपराधी समूहों ने वहां हड़ताल बुलाई, जिससे कानून-व्यवस्था ठप हो गई।
ब्राजील में एक कुख्यात गिरोह के दो अपराधी देश की सबसे सुरक्षित जेल से निकल भागे। ऐसे ही, कोलंबिया की एक जेल में दो सुरक्षा गाड़ों की हत्या तथा कुछ और गाड़ों को निशाना बनाए जाने के बाद अधिकारियों ने जेल में आपात स्थिति घोषित कर दी। सरकार का मानना है कि अपराधी गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करने के कारण जेलों को निशाना बनाया गया। आंकड़ों के मुताबिक, मेक्सिको की कुल 285 जेलों में से आधे से भी अधिक पर अपराधी गिरोहों का कब्जा है। पूरे दक्षिण अमेरिका में अपराधी गिरोहों का ही जेलों पर कब्जा है। वे भोजन और दूसरी जरूरतों के लिए जेल अधिकारियों और सुरक्षा गार्डों से पैसे वसूलते हैं।
यही नहीं, अपराध से जुड़ा नेटवर्क चलाने, हमले करने और विरोधियों की हत्या करवाने के लिए जेलें वहां सुरक्षित पनाहगाह हैं। अमेरिका और यूरोप में जेलों से ही ड्रग तस्करी होती है, स्थानीय व्यापारियों का अपहरण कर उनसे फिरौती वसूलने का काम होता है। इक्वाडोर के रिटायर्ड कर्नल और सुरक्षा मामलों के विश्लेषक मारिओ पजमीनों कहते हैं, ‘लैटिन अमेरिका में संगठित अपराध का केंद्र जेलें हैं। पिछले दो दशक में लैटिन अमेरिका की जेलों में अपराधियों की संख्या दोगुने से भी ज्यादा हो गई है। इस दौरान अपराधियों की क्षमता और ताकत में जितनी वृद्धि हुई है, पुलिस और सेना की ताकत उतनी नहीं बढ़ी है। यहीं दक्षिण अमेरिका में संगठित अपराध में हुई वृद्धि का कारण है।
दूसरी तरफ, मामूली वजहों से जेल जानेवालों के पास एक ही विकल्प बचता है- अपराधियों के गिरोहों से जुड़े या फिर नतीजा भुगतने को तैयार रहें। इस अर्थ में जेलें अपराधी गिरोहों में शामिल होने का मंच हैं। यानी जो जेलें अपराधियों को सुधारने का केंद्र होनी चाहिए, वे दयनीय रूप से अपराध के फलने-फूलने का केंद्र बन गई हैं। इसका एक कारण यह भी है कि सरकारों के पास जेल सुधार पर खर्च करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं। यहां कई बार जेल अधिकारियों को समय पर वेतन तक नहीं मिलता। ऐसे में, जेल प्रबंधन के पास अपराधी गिरोहों के सामने झुकने के अलावा और कोई चारा नहीं होता।
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