भारत के वांटेड पाक आतंकी अबू कताल की पाकिस्तान में हत्या, हाफिज सईद को भी गोली लगी

Aatanki
Bastion Of Terrorism
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 MAR 2025 06:28 PM
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Bastion Of Terrorism : पाकिस्तान में हाल ही में हुई घटनाओं ने आतंकवाद और सुरक्षा के मुद्दों को फिर से उजागर किया है। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के खतरनाक आतंकवादी अबू कताल की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई है। अबू कताल 2023 के राजौरी हमले और 2024 के रियासी बस हमले में वांछित था। उसकी हत्या पाकिस्तान के झेलम जिले के दीना क्षेत्र में अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा की गई। इस हमले में उसके ड्राइवर की भी मौत हो गई।

मास्टरमाइंड हाफिज सईद को भी गोली लगी, हुआ घायल

इसके अलावा, मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के घायल होने की भी खबरें सामने आई हैं। सूत्रों के अनुसार, हाफिज सईद को अज्ञात बंदूकधारियों ने उस समय निशाना बनाया, जब वह मंगला के कोर कमांडर से मुलाकात के बाद लौट रहा था। उसे रावलपिंडी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन उसकी वर्तमान स्थिति के बारे में आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।

सजायाफ्ता हाफिज सइद जेल के बाहर क्या कर रहा था

यह घटनाएं पाकिस्तान में आतंकवादियों के बीच आपसी संघर्ष या सुरक्षा बलों की कार्रवाई का संकेत हो सकती हैं। हालांकि, पाकिस्तान सरकार की ओर से इन घटनाओं पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि हाफिज सईद को पहले पाकिस्तान की अदालत ने आतंकवाद से जुड़े मामलों में 78 साल की सजा सुनाई थी, और वह पंजाब प्रांत की जेल में सजा काट रहा था। इन घटनाओं से पाकिस्तान में आतंकवाद और सुरक्षा की स्थिति पर नए सवाल खड़े होते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय हैं।

बलूच आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी सेना के 47 सैनिकों की मौत, 30 घायल

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भारतीयों को वियतनाम है पसंद; जानें 5 बड़ी वजह, राहुल गांधी की यात्रा पर उठा विवाद

Vietnam
Vietnam Trip
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 MAR 2025 05:35 PM
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Vietnam Trip : नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वियतनाम दौरे को लेकर भारतीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने उनके इस दौरे पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र से ज्यादा समय वियतनाम में बिता रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के तुरंत बाद भी राहुल गांधी के वियतनाम जाने पर भाजपा ने कड़ी आलोचना की थी। लेकिन इस पूरे विवाद के बीच एक अहम सवाल यह भी उठता है कि आखिर भारतीयों को वियतनाम इतना पसंद क्यों आता है? क्यों भारत से हर साल लाखों लोग इस देश की यात्रा करते हैं? और भारत-वियतनाम के बीच क्या संबंध हैं? आइए, इन पहलुओं पर विस्तार से नजर डालते हैं।

भारतीयों को वियतनाम क्यों पसंद है? ये हैं 5 मुख्य वजह 

1. वियतनाम की खूबसूरती और भारतीय मुद्रा की ताकत वियतनाम एक बेहद खूबसूरत देश है, जहां प्राकृतिक नजारों से लेकर ऐतिहासिक धरोहरों तक सब कुछ मौजूद है। भारतीय पर्यटकों के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि यहां यात्रा करना बेहद सस्ता है। भारतीय रुपया वियतनामी डोंग की तुलना में काफी मजबूत है। 1 रुपया लगभग 300 वियतनामी डोंग के बराबर होता है। ऐसे में भारतीय पर्यटकों को वहां लक्जरी सेवाएं भी किफायती दामों में मिल जाती हैं। - साल 2023 में करीब ढाई लाख भारतीयों ने वियतनाम की यात्रा की थी। - 2025 में यह संख्या पांच लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। - भारत और वियतनाम के बीच उड़ानों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। 2. व्यापार और निवेश के बढ़ते अवसर भारत और वियतनाम के बीच व्यापारिक रिश्ते बेहद मजबूत हैं। भारत ने अब तक 350 से अधिक प्रोजेक्ट्स में निवेश किया है। भारतीय कंपनियां ऊर्जा, खनिज, कॉफी, चाय, चीनी, आईटी और फार्मा सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत कर रही हैं। - ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, एचसीएल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड जैसी कई भारतीय कंपनियों के कार्यालय वियतनाम में मौजूद हैं। - वियतनाम भारतीय व्यापारियों को कई तरह की रियायतें देता है, जिससे कारोबार करना आसान हो जाता है। - 2023-24 में भारत-वियतनाम व्यापार 14.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। 3.शिक्षा और रोजगार के अवसर वियतनाम में 240 से अधिक विश्वविद्यालय हैं, जहां भारतीय छात्रों के लिए कई स्कॉलरशिप उपलब्ध हैं। - भारतीय छात्र एमबीबीएस, आईटी, इंजीनियरिंग और बिजनेस मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में पढ़ाई के लिए यहां आ रहे हैं। - भारतीय कंपनियों की मौजूदगी के कारण यहां आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और फार्मा सेक्टर में भारतीय पेशेवरों को अच्छे रोजगार मिल रहे हैं। - आने वाले वर्षों में वियतनाम में भारतीयों के लिए रोजगार के अवसर और बढ़ सकते हैं। 4. भारत-वियतनाम के सांस्कृतिक संबंध भारत और वियतनाम के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव काफी पुराना है। - वियतनाम में कई हिंदू मंदिर हैं, जहां भारतीय पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है। - भारतीय भोजन बेहद लोकप्रिय है, और वहां कई भारतीय रेस्टोरेंट आसानी से मिल जाते हैं। - योग की लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ रही है, जिसमें भारतीय शिक्षकों की बड़ी भूमिका है। 5. वियतनाम की सुरक्षा और स्थिरता वियतनाम को दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में गिना जाता है। - यहां अपराध दर बेहद कम है, जिससे पर्यटकों को किसी प्रकार का खतरा नहीं होता। - स्थिर सरकार और शांतिपूर्ण माहौल इसे घूमने के लिए एक आदर्श जगह बनाता है। - भारत के साथ इसके मैत्रीपूर्ण संबंध भी इसे भारतीयों के लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन बनाते हैं।

भारत-वियतनाम के ऐतिहासिक और कूटनीतिक संबंध

भारत और वियतनाम के बीच दोस्ताना संबंध दशकों पुराने हैं। - महात्मा गांधी और वियतनाम के नेता हो ची मिन्ह के आपसी रिश्ते बेहद मजबूत थे। - भारत ने 1972 में वियतनाम के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। - 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वियतनाम दौरे के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सामरिक संबंध और गहरे हो गए। - 2023 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हनोई में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया था।

भारत-वियतनाम रक्षा संबंध

भारत और वियतनाम रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा रहे हैं। - भारत वियतनाम को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। - दोनों देशों के सैनिक संयुक्त युद्धाभ्यास और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में हिस्सा लेते हैं। - वियतनाम में भारतीय नौसेना की मौजूदगी भी बढ़ रही है, जो चीन की बढ़ती गतिविधियों के जवाब में महत्वपूर्ण है।

राहुल गांधी की यात्रा पर उठे सवाल

राहुल गांधी की वियतनाम यात्रा पर भाजपा ने कई सवाल उठाए हैं। - रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र से ज्यादा समय वियतनाम में गुजारते हैं। - भाजपा का आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद भी वे वियतनाम में थे। - भाजपा इसे कांग्रेस की गुप्त कूटनीति करार दे रही है। हालांकि, कांग्रेस ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी की यह यात्रा व्यक्तिगत और अध्ययन से जुड़ी थी।

भारत और वियतनाम के संबंध लगातार मजबूत हो रहे

भारतीयों के लिए वियतनाम एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है। - सस्ता और खूबसूरत देश होने के कारण पर्यटन में तेजी आई है। - व्यापार और निवेश में लगातार वृद्धि हो रही है। - शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। - सांस्कृतिक समानताओं और मजबूत सुरक्षा के कारण यह भारतीयों के लिए पसंदीदा जगह बन चुका है। राजनीतिक विवादों के बावजूद, भारत और वियतनाम के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में और बेहतर हो सकते हैं।

ट्रंप ने रूस के दबाव में आकर अपने विशेष दूत को शांति वार्ता से हटाया

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बलूच आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी सेना के 47 सैनिकों की मौत, 30 घायल

Pak kafila
Suicide Attack
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 MAR 2025 03:00 PM
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Suicide Attack : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हाल ही में हुए हमलों ने सुरक्षा स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की मजीद ब्रिगेड ने तुर्बत के पास पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया, जिसमें 47 सैनिकों की मौत और 30 से अधिक घायल होने की सूचना है। बीएलए द्वारा लगातार पाकिस्तानी सेना पर हमले से पाकिस्तान बुरी तरह से परेशान हैं।

फिदायीन इकाई ने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुँचाया

बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उनकी फिदायीन इकाई ने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुँचाया है। इन हमलों से बलूचिस्तान में सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ गई हैं, जिससे पाकिस्तानी सेना के लिए स्थिति और भी जटिल हो गई है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा लगातार किए जा रहे हमले से पाकि स्तान पूरी तरह से परेशान है। सेना को भी अपने सैनिकों से बार-बार हाथ धोना पड़ रहा है।

पाकिस्तान में हालिया हमलों की प्रमुख घटनाएँ

इन हमलों से बलूचिस्तान में सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ गई हैं, जिससे पाकिस्तानी सेना के लिए स्थिति और भी जटिल हो गई है। अभी हाल ही में बीएलए ने पाकिस्तान को अलग अलग घटनाओं में नुकसान पहुंचाया है जो इस प्रकार है। तुर्बत हमला : दो महीने पहले, तुर्बत के पास पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 4 सैनिकों की मौत हुई और 32 अन्य घायल हुए। कलात हमला : लगभग एक महीने पहले, कलात जिले के मंगोचर क्षेत्र में बीएलए ने पाकिस्तानी सेना के शिविर पर हमला किया, जिसमें 17 सैनिक मारे गए। नोश्की हमला : हाल ही में, नोश्की में सुरक्षा बलों की बस पर बम विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 5 अधिकारियों की मौत हुई और 10 अन्य घायल हुए।

ट्रंप ने रूस के दबाव में आकर अपने विशेष दूत को शांति वार्ता से हटाया

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