Bangladesh News

Bangladesh News :  बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की वैधता को लेकर जारी संवैधानिक बहस अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच चुकी है। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने इस गंभीर मसले पर 16 जुलाई को सुनवाई तय की है। यह सुनवाई हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई अपील पर होगी, जिसमें कोर्ट ने प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में गठित अंतरिम सरकार को वैध करार दिया था।

क्या है मामला?

सुनवाई के लिए निर्धारित यह अपील वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद मोहसिन राशिद की ओर से दायर की गई है। उन्होंने हाई कोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने को चुनौती दी है। राशिद का कहना है कि अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया संविधानसम्मत नहीं रही और यह जन-इच्छा पर नहीं, बल्कि सत्ता पर एकतरफा कब्जे का प्रयास था।

हाई कोर्ट का क्या था फैसला?

13 जनवरी को ढाका हाई कोर्ट ने मोहसिन राशिद की रिट याचिका को “गैर-गंभीर और उत्पीड़क” बताते हुए खारिज कर दिया था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 106 के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेकर अंतरिम सरकार का गठन वैध और समयानुकूल कदम था। न्यायमूर्ति फातिमा नजीब और न्यायमूर्ति सिकदर महमूदुर रजी की पीठ ने यह भी कहा था कि पिछले वर्ष हुए जन-विरोध ने सरकार को अंतरिम समाधान की ओर बढ़ने को मजबूर किया, जो अब देश के इतिहास का हिस्सा बन चुका है।

राशिद ने 25 फरवरी को हाई कोर्ट के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने पांच बिंदुओं पर पुनर्विचार की मांग की है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण यह तर्क है कि राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 106 के अंतर्गत कोई औपचारिक ‘संदर्भ’ नहीं भेजा था, और 8 अगस्त तक सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय खंड ने कोई राय नहीं दी थी। इसके अलावा, उन्होंने सरकार द्वारा शपथ ग्रहण और कार्यभार संभालने की प्रक्रिया को भी ‘संवैधानिक प्रक्रिया की अवहेलना’ बताया।

मुख्य न्यायाधीश सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से शीघ्र सुनवाई के अनुरोध को स्वीकार करते हुए 16 जुलाई की तारीख तय की है। यह सुनवाई केवल बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य ही नहीं, बल्कि वहां की संवैधानिक प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए भी अहम मानी जा रही है।    Bangladesh News

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