कितनी मजबूत है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा?

रूस के राष्ट्रपति पुतिन मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते बल्कि सुरक्षित संचार व्यवस्था के जरिए बातचीत करते हैं। इसके लिए उनकी टीम कमरे में एक टेलीफोन बूथ स्थापित करती है। राष्ट्रपति पुतिन होटल के बाथरूम का भी प्रयोग नहीं करते।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar05 Dec 2025 06:09 PM
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Vladimir Putin : रूस भारत का सबसे पुराना मित्र देश है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आए हुए हैं। ऐसे में दुनिया भर के मीडिया में रूस के राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। सुरक्षा विशेषज्ञों का दावा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निजी सुरक्षा व्यवस्था अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था से भी अधिक मजबूत है।

पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था पर चल रही है अनेक थ्योरी

भारत दौरे पर आए हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मीडिया पर अनेक थ्योरी चल रही हैं। इसी दौरान खबरी लाल के नाम से सोशल मीडिया पर सक्रिय एक मीडियाकर्मी ने पुतिन की सुरक्षा पर बहुत ही अनोखी बात लिखी है। रूस के राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया की पोस्ट में दी गई जानकारी को पढक़र आप भी चौंक जाएंगे। खबरी लाल ......हरियाणा के नाम से प्रकाशित इस पोस्ट को हम ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं। पुतिन का मल मूत्र भी उठा ले जाते हैं उनके सिक्योरिटी गार्ड पुतिन भारत में जो भी खाएंगे, उसकी जांच रूस से लाई गई लैब में हो रही है। उनकी खास ऑरस सीनेट कार पहले ही एयरलिफ्ट होकर भारत पहुंच गई थी और सबसे अनोखी बात- पुतिन का मल-मूत्र तक सील्ड बैग करके मॉस्को भेजा जाता है। उनके पहुंचने से पहले ही टॉयलेट और टेलीफोन बूथ पहुंच जाता हैं। पुतिन की सुरक्षा की जिम्मेदारी राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा यानी एसबीपी (SBP).के पास है। यात्रा से पहले एसबीपी (SBP) उस देश के क्राइम रेट, आतंकवाद, प्रोटेस्ट व धार्मिक गतिविधियों का अध्ययन करती है। यात्रा के कम से कम एक महीने पहले एक अग्रिम सुरक्षा टीम भेजी जाती है, जो उस होटल की जांच पड़ताल करती है जिसमें पुतिन को रुकना होता है। इस टीम में रूस की प्रमुख सुरक्षा एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस और फॉरेन इंटेलीजेंस सर्विस के सदस्य होते हें। राष्ट्रपति के पहुंचने से पहले कमरे से खाने-पीने और निजी प्रयोग का सभी सामान जैसे साबुन, शैंपू, हैंडवाश, टूथपेस्ट हटा दिया जाता है और रूस से लाया गया सामान रखा जाता है।

मोबाइल फोन नहीं चलाते हैं पुतिन

रूस के राष्ट्रपति पुतिन मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते बल्कि सुरक्षित संचार व्यवस्था के जरिए बातचीत करते हैं। इसके लिए उनकी टीम कमरे में एक टेलीफोन बूथ स्थापित करती है। राष्ट्रपति पुतिन होटल के बाथरूम का भी प्रयोग नहीं करते। उनकी टीम रूस से ही एक मोबाइल बाथरूम लेकर आती है, जिसे होटल रूम में सेटअप किया जाता है। पुतिन का बैक-अप प्लेन हर वक्त तैयार रहता है। उनके साथ कम से कम 100 लोगों का ग्रुप चलता है। इनमें निजी सुरक्षा कर्मी, एसबीपी और फेडल प्रोटेक्टिव सर्विस की टीम, प्रोटोकॉल अधिकारी, राष्ट्रपति की प्रशासनिक टीम और प्रेस के लोग शामिल होते हैं। एफएसओ के एजेंट रहे ग्लीब काराकुलोव बताते हैं कि अभी भी पुतिन के साथ किसी यात्रा पर जाने से पहले उनके अंगरक्षकों को दो सप्ताह के लिए क्वारेंटाइन रहना पड़ता है।  किसी भी यात्रा पर जाते समय तय तारीख और समय पर पुतिन अपने क्रेमलिन स्थित आवास नोवो-ओगारियोवो से ऑरस सीनेट गाड़ी में बैठकर वनुकोवो इंटर नेशनल एयरपोर्ट के लिए निकलते हैं। जिस प्लेन पर पुतिन सवार होते हैं, उसके साथ एक या दो बैकअप प्लेन भी उड़ान भरते हैं। अगर विदेश में पुतिन के प्लेन में कोई तकनीकी दिक्कत आ जाए तो वह साथ लाए अतिरिक्त जहाज से वापस लौट सकते हैं। किसी भी हाल में दूसरे देश के टेक्नीशियन उनके प्लेन की मरम्मत नहीं कर सकते। पुतिन के प्लेन को एयरफोर्स के जेट एस्कॉर्ट करते हुए चलते हैं।

हवा में ही परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं पुतिन

वर्ष 2023 में जब पुतिन सऊदी अरब और यूएई की यात्रा पर गए थे, तो 4 सुखोई-35 फाइटर जेट ने उन्हें एस्कॉर्ट किया था। वे हवा से ही परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति इल्यूशिन आईएल-96-300 पीयू एयरक्राफ्ट से यात्रा करते हैं। इसे फ्लाइंग क्रेमलिन भी कहा जाता है। एयरक्राफ्ट के नाम में पीयू का रूसी भाषा में मतलब है-पंकट उप्रावलेनिया यानी कमांड पोस्ट। राष्ट्रपति के प्रयोग के लिए इस प्लेन को खास तौर से कस्टमाइज किया गया है। इस पर रूस के झंडे के रंगों सफेद, नीला और लाल वाली पट्टियां बनी हैं। इसकी टेल पर रूस का झंडा भी बना हुआ है। हवाई यात्राओं में यह प्लेन ही उनका ऑफिस होता है। इसमें एडवांस कम्यूनिकेशन सिस्टम लगा है। इसके अग्रिम सुरक्षा फीचर्स मिसाइल हमले से भी पुतिन की रक्षा करते हैं। प्लेन के अंदर एमरजेंसी के लिए एक न्यूक्लियर कमांड बटन है, जिसका प्रयोग कर पुतिन हवा से ही अपनी सेना को परमाणु हथियार प्रयोग करने की इजाजत दे सकते हैं। इसके अंदर कई मीटिंग रूम, कांफ्रेंस रूम, बेडरूम, बार, जिम और मेडीकल रूम भी हैं। एयरक्राफ्ट का इंटीरियर गोल्ड प्लेटेड है। एक बार में इसमें 262 लोग यात्रा कर सकते हैं। यह एक बार में 11,000 किमी का सफर कर सकता है। 43 हजार फीट तक उड़ान भर सकता है। हवा में ही इसकी रीफ्यूलिंग भी की जा सकती है। Vladimir Putin


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रुपया पहली बार 90/यूएसडी के पार, रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँचा

रुपये की कमजोरी कई कारणों से बढ़ी है। बड़े बैंकों द्वारा डॉलर की आक्रामक खरीदारी और विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी भी इसका बड़ा कारण है। भारत-अमेरिका ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बढ़ती अनिश्चितता तथा कमजोर ट्रेडिंग सेंटिमेंट और नकारात्मक पोर्टफोलियो फ्लो का होना इसका प्रमुख कारण रहा।

rupee doller
डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar03 Dec 2025 01:45 PM
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Rupee Depreciates : बुधवार के शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया भारी दबाव में रहा और पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90 के स्तर को पार करते हुए 90.02 पर फिसल गया। यह अब तक का सबसे कमजोर स्तर है। ठीक एक दिन पहले जब रुपया 39 पैसे की गिरावट के बाद 89.95 पर बंद हुआ तभी बाजार के जानकारों में हलचल तेज हो गई थी। और जब आज बुधवार को रपया डालर के मुकाबले सर्वाधिक निचले स्तर पर पहुंचा तो बाजार में कोहराम मचा हुआ है। इससे पहले 2 दिसंबर को रुपया 39 पैसे टूटकर 89.95 पर बंद हुआ था। 1 दिसंबर को यह 89.83 के स्तर पर था। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक रुपये में कुल 4.77% की गिरावट दर्ज की गई है।

क्यों गिर रहा है रुपया?

रुपये की कमजोरी कई कारणों से बढ़ी है। बड़े बैंकों द्वारा डॉलर की आक्रामक खरीदारी और विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी भी इसका बड़ा कारण है। भारत-अमेरिका ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बढ़ती अनिश्चितता तथा कमजोर ट्रेडिंग सेंटिमेंट और नकारात्मक पोर्टफोलियो फ्लो का होना इसका प्रमुख कारण रहा। इन सभी कारणों ने बीते कुछ सत्रों में रुपये पर दबाव बनाए रखा है। पिछले पाँच कारोबारी दिनों में डॉलर-रुपया जोड़ी में 1% से अधिक की बढ़त देखी गई है, और पिछले महीने यह बढ़त 1.5% से ज्यादा रही।

स्टॉक मार्केट पर प्रभाव

रुपये की गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी दिखाई दिया। निफ्टी 26,000 के नीचे फिसल गया। वहीं सेंसेक्स में लगभग 200 अंकों की गिरावट देखी गई। कमजोर होती करेंसी ने महंगाई और विदेशी निवेश को लेकर निवेशकों की चिंताओं को और बढ़ा दिया।

1 जनवरी 2025 को डॉलर के मुकाबले रुपया 85.70 पर था, यानी तब से अब तक इसमें काफी गिरावट आ चुकी है।

यदि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अस्थिरता बनी रहती है, तो आने वाले समय में रुपया और कमजोर हो सकता है।

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पाकिस्तान में इमरान खान गायब, समर्थकों में आक्रोश, सरकार सख्ती पर उतारू

इमरान के परिवार खासकर उनकी बहन और बेटे ने सरकार से मांग की है कि उन्हें यह दिखाया जाए कि इमरान खान सही सलामत हैं। इमरान के समर्थकों के डर से पाक सरकार ने धारा 144 लगा दिया है।

pti pradartion
पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थक रैली निकालते हुए
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar02 Dec 2025 01:28 PM
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Islamabad News : पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा और स्थिति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सरकार अभी तक उनके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सकी है, जिससे उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और समर्थकों में भारी आक्रोश है। इमरान के परिवार खासकर उनकी बहन और बेटे ने सरकार से मांग की है कि उन्हें यह दिखाया जाए कि इमरान खान सही सलामत हैं। इमरान के समर्थकों के डर से पाक सरकार ने धारा 144 लगा दिया है।

अडियाला जेल और इस्लामाबाद में कड़ा बंदोबस्त

पीटीआई ने घोषणा की है कि उनकी टीम और सांसद पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर जुटेंगे और उसके बाद अडियाला जेल तक रैली निकालेंगे। इसी वजह से प्रशासन ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी, और भारी पुलिस बल तैनात किया। वहां किसी भी तरह की सभा या भीड़ पर रोक लगा दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है क्योंकि हालात लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं।

तनाव क्यों बढ़ा?

पीटीआई नेताओं का आरोप है कि अदालत के आदेश होने के बावजूद जेल प्रशासन उन्हें इमरान खान से मिलने नहीं दे रहा। खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री को भी लगातार कई बार इमरान से मिलने से रोका गया, जिसके चलते उन्होंने जेल के बाहर धरना दे दिया। पार्टी के अनुसार यह सब इमरान खान की स्थिति छुपाने के लिए किया जा रहा है।

खैबर पख्तूनख्वाह में गवर्नर शासन की चर्चा

स्थिति बिगड़ते देख यह भी खबर है कि केंद्र सरकार केपी में गवर्नर रूल लागू करने पर विचार कर सकती है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी नेता राणा सनाउल्लाह ने संकेत दिया कि यदि हालात और खराब हुए तो यह कदम उठाया जा सकता है। अडियाला जेल अधिकारियों ने एक बयान जारी कर कहा है कि इमरान खान सुरक्षित हैं, उनकी तबीयत ठीक है, उन्हें जेल से कहीं और नहीं ले जाया गया, और उन्हें हर जरूरी मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को गलत बताया। 

इमरान खान को अगस्त 2023 में गिरफ्तार किया गया था और उन पर भ्रष्टाचार और आतंकवाद सहित कई मामलों में मुकदमे चल रहे हैं। 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उन्हें पद से हटाया गया था। तब से पीटीआई लगातार उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठा रही है।


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