Eid ul-Adha 2025 : इस बार बकरीद के मौके पर मोरक्को ने एक ऐसा निर्णय लिया है जिसने न सिर्फ देश में बल्कि पूरी मुस्लिम देशों में चर्चा का विषय बन गया है। मोरक्को सरकार ने ईद-अल-अज़हा के मद्देनज़र पशु बलि पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है और देशभर के पशु बाजार बंद कर दिए हैं। इस कदम को भारत समेत विश्व भर के मुस्लिम समुदाय के लिए एक अहम संदेश माना जा रहा है। मोरक्को प्रशासन ने ईद से पहले सभी प्रकार की पशु कुर्बानी पर रोक लगाते हुए पशु बाजारों को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। मोरक्को की यह पहल पशुधन की घटती संख्या को ध्यान में रखते हुए और सामाजिक-आर्थिक दबावों को कम करने के मकसद से की गई है। इस्लामिक देशों में से एक मोरक्को ने इस साल जानवरों की कुर्बानी को स्थगित करने का ऐतिहासिक फैसला किया है।
मोरक्को सरकार ने क्यों लिया यह कदम?
मोरक्को के शासक किंग मोहम्मद VI ने देश में चल रहे गंभीर सूखे और बढ़ती आर्थिक समस्याओं के मद्देनजर इस पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान को इस वर्ष स्थगित करने के आदेश दिए हैं। पशुधन की संख्या में आई भारी गिरावट को देखते हुए सरकार ने पशु बलि के बजाय संरक्षण को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। पशुधन के संकट और गरीब समुदायों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने के लिए यह निर्णय अहम माना जा रहा है।
देश के गवर्नरों और स्थानीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे ईद से पहले सक्रिय रहने वाले सभी पशु बाजारों को बंद करें और बलि से जुड़े कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाएं। कई प्रांतों में सप्ताहिक भेड़-बकरी बाजार बंद कर दिए गए हैं, साथ ही नगरपालिका बूचड़खानों को अस्थायी रूप से बंद रखने और बलि के उपकरणों की बिक्री पर रोक लगाने के भी आदेश जारी किए गए हैं। सरकार इस फैसले को पूरी गंभीरता से लागू कर रही है।
विश्व मुसलमानों के लिए मोरक्को का संदेश
किंग मोहम्मद VI का यह फैसला न केवल पशुधन संरक्षण की दृष्टि से बल्कि आर्थिक और सामाजिक जिम्मेदारी के लिहाज से भी एक मिसाल है। उन्होंने देशवासियों से अपील की थी कि वे पारंपरिक बलि से बचें ताकि मांस की बढ़ती कीमतों से आम परिवारों को राहत मिल सके और पशुधन को संरक्षित किया जा सके। मोरक्को का यह कदम मुस्लिम दुनिया को एक नई सोच अपनाने की प्रेरणा देता है, जहां धार्मिक रीतियों के साथ पर्यावरण और समाज की भलाई को भी महत्व दिया जाता है। Eid ul-Adha 2025