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सर्द रात का सन्नाटा बदल गया चीख पुकार में, ताज होटल में बिछी थी लाशों की गठरी, पढ़िए 26/11 की दर्दनाक दस्तां

Mumbai Terror Attack

Mumbai Terror Attack

Mumbai Terror Attack : मायानगरी मुम्बई (Mumbai) की शान बढ़ाता ताज होटल (Taj Hotel) आतंकवादियों से घिरा पड़ा था, ताज होटल के बाहर देश के जवानों ने अपनी पैनी नजरें आतंकवादियों की हरकतों पर गड़ा रखी थी। जहां एक तरफ मीडिया पल-पल की खबर दुनिया तक पहुंचा रही थी वहीं दूसरी ओर पूरे देश की आंखे गमगीन थी। पाकिस्तान में प्रशिक्षित और अत्याधुनिक हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में प्रवेश किया और ताज होटल को निशाना बनाते हुए हमला बोल दिया। ताबड़तोड़ गोलियों की आवाज से ताज होटल में हडकंप मच गया और लोग इधर-उधर भागने लगे। ताज होटल (Taj Hotel) के गुबंद से निकलता धुंआ देखकर मुम्बईवासियों के कदम भी थम गए और भारी संख्या में पुलिस और जवानों की टीम आ पहुंची।

26 नवंबर ये वहीं काला दिन है जिसमें 160 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवा दी थी जबकि 600 ज्यादा लोग घायल हुए थे। पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई को निशाना बनाते हुए हमला कर दिया था और 4 दिनों तक गोलीबारी के अलावा कई जगहों पर विस्फोट किए थे। देश को हिलाकर रख देने वाले इस हमले को यूं तो 16 साल बीत चुके हैं, लेकिन इस काले दिन की तस्वीर देखकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 4 दिन के ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था, जबकि आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 2012 में फांसी दी गई थी।

शाम को निकले थे नापाक मंसूबों को अंजाम देने

एक नाव के जरिए पाकिस्तान के कराची से सभी 10 आतंकी मुंबई के लिए निकले थे। समंदर के रास्ते ही आतंकवादियों ने मुंबई में एंट्री की। भारतीय नौसेना को चकमा देने के लिए रास्ते में उन्होंने एक भारतीय नाव को अगवा किया और नाव में सवार सभी लोगों को मार गिराया। इसी नाव के जरिए वे रात करीब 8 बजे कोलाबा के पास मछली बाजार में उतरे। कुछ नए चेहरों को देखकर स्थानीय मछुआरों को उनपर शक हुआ। जिसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने इसे हल्के में ले लिया। 26 नवंबर के दिन आतंकवादियों ने पहलें मुंबई में सबकुछ चेक कर लिया और शाम को अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए निकल पड़े।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनल को बनाया निशाना

बताया जाता है कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कोलाबा से 4-4 के समूहों में टैक्सी पकड़ी और अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए आगे बढ़ गए। आतंकियों का एक दस्ता रात साढ़े 9 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पहुंचा। सभी के हाथों में एके-47 राइफलें थीं, उन्होंने यहां ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी थी। इन हमलावरों में अजमल कसाब भी शामिल था। जिसे सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ लिया था। सीएसटी रेलवे स्टेशन पर फायरिंग की घटना पर पुलिस जैसे ही निकली। विले पारले इलाके में भी गोलाबारी की खबर मिली। इसके बाद आतंकियों ने मुंबई की कई नामचीन जगहों को टारगेट किया। जिसमें मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस शामिल था।

तीन दिनों तक चलता रहा मुठभेड़

26/11 हमले में मुंबई के ताज होटल में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच तीन दिनों तक मुठभेड़ चलती रही। जब पुलिस और सेना के ऑपरेशन फेल होते नजर आ रहे थे। तब एनएसजी कमांडोज को बुलाया गया। एनएसजी कमांडोज ने एक-एक कर सभी आतंकियों को मौत की नींद सुला दी। उनकी बहादुरी के चलते भारत पर आया ये संकट टला। 26/11 हमले में मुंबई के ताज होटल में काफी नुकसान हुआ था।

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