Israel Iran War : भारत की क्षेत्रीय अखंडता से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा शनिवार को उस समय सामने आया जब इज़रायली रक्षा बल (IDF) ने सोशल मीडिया पर ऐसा ग्राफिक साझा कर दिया, जिसमें भारत के नक्शे को गलत रूप में दिखाया गया था। खासतौर पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पाकिस्तान का हिस्सा दर्शाना भारी विवाद का कारण बन गया। जैसे ही यह पोस्ट सामने आई, भारत के सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी। अनेक यूजर्स ने इस पोस्ट को हटाने की मांग की, वहीं कुछ ने सीधे इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को टैग कर जवाब तलब किया। इसके बाद इज़रायली सेना को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।
क्या है पूरा मामला?
IDF द्वारा जारी ग्राफिक में ईरान की मिसाइल रेंज को दर्शाने की कोशिश की गई थी, जिसमें बैकग्राउंड में भारत समेत कई देशों के नक्शे दिखाई दे रहे थे। इसी पृष्ठभूमि में भारत के नक्शे को जिस रूप में दर्शाया गया, उसमें जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्र के रूप में दिखाया गया था। यह तथ्य भारतीय नागरिकों और विश्लेषकों के लिए अस्वीकार्य था।
हालांकि, इज़रायली रक्षा बल ने इसे तकनीकी चूक करार देते हुए स्पष्ट किया कि साझा किया गया नक्शा किसी आधिकारिक सीमा निर्धारण का प्रतिनिधित्व नहीं करता था, बल्कि यह केवल एक इलस्ट्रेटिव विज़ुअल था।
इज़रायली सेना ने भारत से मांगी माफी
भारतीय राइट विंग कम्युनिटी नामक एक एक्स हैंडल से सवाल उठाए जाने पर IDF ने उत्तर देते हुए कहा: यह पोस्ट क्षेत्रीय चित्रण मात्र है, जिसमें सीमाओं का सटीक प्रतिबिंब नहीं था। यदि इससे किसी को ठेस पहुंची हो तो हम क्षमा चाहते हैं। भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उसके अभिन्न अंग हैं। भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह दोहराया है कि पाकिस्तान और चीन द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र अवैध रूप से अधिगृहित हैं।
बता दें कि भारत और इज़रायल के संबंध बीते वर्षों में काफी मज़बूत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में इज़रायल की ऐतिहासिक यात्रा की थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच रक्षा, साइबर सुरक्षा, कृषि और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ा है। भारत, इज़रायल से हथियारों की एक बड़ी मात्रा आयात करता है। ऐसे में IDF द्वारा भारत का गलत मानचित्र दिखाया जाना एक संवेदनशील मसला बन गया है, खासतौर पर ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्ते चरम पर हैं।
ईरान-इज़रायल टकराव की पृष्ठभूमि
विवाद का केंद्र बना वह ग्राफिक जिसे इज़रायली डिफेंस फोर्स द्वारा जारी किया गया था, जिसमें ईरान की मिसाइल क्षमताओं का आंकलन प्रस्तुत किया गया था। इसी ग्राफिक में भारत का भ्रामक और अस्वीकार्य नक्शा भी दिखाई दिया, जिससे तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़रायल पर हुए हमले के बाद से पश्चिम एशिया में अस्थिरता गहराती जा रही है। इज़रायल खुलकर ईरान को हमले के पीछे का सूत्रधार मान रहा है और इसी क्रम में हाल ही में उसने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर एक बड़ा और संगठित हवाई हमला भी किया है।
विमानों और ड्रोन की मदद से की गई इस कार्रवाई में इज़रायल ने दावा किया कि कई ईरानी सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। जवाब में, ईरान ने भी दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी, जिससे यरुशलम और तेल अवीव के आसमान में धमाकों की गूंज सुनाई दी। इज़रायल ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों में रहने की सलाह दी है, जबकि दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री नेतन्याहू और अयातुल्ला खामेनेई ने एक-दूसरे को तीखी चेतावनियाँ दी हैं। Israel Iran War
उत्तर प्रदेश में 30 जून तक बढ़ाई गई गर्मियों की छुट्टियां
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।