Site icon चेतना मंच

श्रीलंका में मौजूद अरबों रुपये का खजाना होगा भारत का

Sri Lanka

Sri Lanka

Sri Lanka : श्रीलंका में अरबों रूपए के खजाने पर चीन की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है। भारत बहुत पहले से श्रीलंका के समुुद्र में मौजूद अरबों रूपए के इस खजाने को हासिल करने में लगा हुआ है। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की श्रीलंका यात्रा को भी श्रीलंका के इस खजाने से जोडक़र देखा जा रहा है। भारत ने श्रीलंका में कई प्रोजेक्ट पहले से ही हासिल कर लिए हैं। भारत श्रीलंका में मौजूद अरबों के खजाने को हर हाल में अपना बनाना चाहता है।

श्रीलंका में मौजूद है बड़ा खजाना

आपको बता दें कि श्रीलंका के अधिकार क्षेत्र में आने वाले हिंद महासागर में पानी के नीचे एक बड़ा पहाड़ है। इस पहाड़ का नाम अफानसे निकितिन सीमाउंट है। भारत आनन फानन में किसी भी तरह से इस पहाड़ पर उत्खनन का अधिकार हासिल करना चाहता है। अफानसे निकितिन सीमाउंट नाम का यह पहाड़ मध्य हिंद महासागर में श्रीलंका के नीचे मालदीव के पूरब में स्थित है। भारतीय तट से इस पहाड़ की दूरी 1350 किमी है। इस पहाड़ में बहुत बड़ी मात्रा में कोबाल्ट मिलने का अनुमान है।

Sri Lanka

कोबाल्ट आज दुनियाभर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है और मोबाइल से लेकर ईवी तक में इसका जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे हथियार बनाए जा रहे हैं। इस पहाड़ का इलाका 3 हजार वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसमें 150 ब्लॉक हैं। भारत 15 साल के लिए इस इलाके का सर्वेक्षण करना चाहता है। इसीलिए भारत ने इंटरनैशनल सीबेड अथॉरिटी से मंजूरी मांगी थी जिसे संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत बनाया गया है। श्रीलंका के इस पहाड़ में अरबों रूपये मूल्य का कोबाल्ट बताया जा रहा है।

श्रीलंका है भारत के साथ

इस बीच श्रीलंकाई मीडिया ने खुलासा किया है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे कथित रूप से भारत को उत्खनन अधिकार देने के लिए सहमत हो गए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के अडानी ग्रुप और ताइवान की कंपनी यूमीकोर ताइवान ने कोबाल्ट रिजर्व के उत्खनन के लिए हाथ मिलाया है। यह पूरा सौदा अरबों डॉलर का हो सकता है। भारत और ताइवान चीन को मात देने के लिए साथ आ रहे हैं ताकि श्रीलंका के समुद्री इलाके में चीन का दबदबा न कायम हो जाए।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में श्रीलंका का लम्बा दौरा किया है। भारत में PM मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते ही विदेशी मंत्री अपने सबसे पहले विदेशी दौरे पर श्रीलंका गए थे। विदेश मंत्री के श्रीलंका दौरे को सफल दौरा करार दिया गया। विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि विदेश मंत्री का श्रीलंका दौरा ऐतिहासिक रहा है। विदेश मंत्रालय के इस बयान से संकेत मिल रहे हैं कि भारत श्रीलंका में मौजूद अरबों रूपये के खजाने के बहुत निकट तक पहुंच गया है। Sri Lanka

अमेरिका ने लगा दी भारत के स्टैंड पर पक्की मुहर

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें

Exit mobile version