Thailand News

Thailand News :   थाईलैंड इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का बड़ा केन्द्र बन गया है। यह वही थाईलैंड है जो भारत के युवकों की पहली पसंद वाला देश है। भारत का हर युवक कम से कम एक बार थाईलैंड की यात्रा जरूर करना चाहता है। भारत के पर्यटकों ने थाईलैंड को आर्थिक रूप से विकसित करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अपनी खास प्रकार की बॉडी मसाज तथा ओपन Sex मंडी के कारण थाईलैंड में बड़ी संख्या में भारतीय युवक यात्रा करते हैं।

थाईलैंड की अदालत ने प्रधानमंत्री को कर दिया सस्पेंड

हाल ही में थाईलैंड में उस समय तहलका मच गया जब थाईलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री पेटोंगर्टान शिनावात्रा को सस्पेंड कर दिया गया। थाईलैंड की प्रधानमंत्री को सस्पेंड करने का आदेश थाईलैंड की अदालत ने दिया है  किसी देश के प्रधानमंत्री को अदालत के आदेश पर सस्पेंड करने का यह बहुत ही अनोखा मामला है। अपने ही देश की प्रधानमंत्री को सस्पेंड करने का अदालती आदेश पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। अदालत के इस खास आदेश के कारण थाईलैंड लगातार पूरी दुनिया में चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। थाईलैंड की जिस प्रधानमंत्री सुश्री पेटोंगर्टान शिनावात्रा को सस्पेंड किया गया है। उसे थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। शिनावात्रा मात्र 38 वर्ष की उम्र में थाईलैंड की प्रधानमंत्री बन गई थी।

एक फोन कॉल बन गई थाईलैंड की प्रधानमंत्री के सस्पेंशन का कारण

आपको बता दें कि एक फोन कॉल थाईलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री पेटोंगर्टान शिनावात्रा की सस्पेंशन का कारण बन गई। फोन कॉल की रिकॉर्डिंग के लीक होने के कारण ही थाईलैंड की अदालत ने अपने देश की प्रधानमंत्री शिनावात्रा को सस्पेंड करने का अनोखा आदेश जारी किया। दरअसल शिनावात्रा का जो फोन कॉल लीक हुआ है उसमें उन्होंने अपने ही देश के सेना की आलोचना की थी. इस कॉल में शिनावात्रा कंबोडियाई सीनेट के अध्यक्ष हुन सेन से बात कर रही थीं. ये कॉल 15 जून को किया गया था. इसके बाद इस कॉल को लीक किया गया न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार हुन सेन ने अपने फेसबुक पोस्ट किया और कहा कि उन्होंने बातचीत रिकॉर्ड की है और इसे कम से कम 80 लोगों के साथ शेयर किया है.

इस कॉल में पेटोंगटार्न और हुन सेन एक ट्रांसलेटर के जरिये थाईलैंड-कंबोडिया बॉर्डर टेंशन पर बात कर रहे थे. ये दोनों नेता ये कह रहे थे कि क्या उन्हें घातक झड़प के बाद लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना चाहिए?  इस कॉल में निलंबित पीएम पेटोंगटार्न हुन सेन को अंकल कहती हुई सुनी जा सकती हैं. गौरतलब है कि हुन सेन को  पेटोंगटार्न के पिता थाकसिन शिनावात्रा का पुराना मित्र कहा जाता है.  इस कॉल में पेटोंगटार्न ने हुन सेन से कहा कि वे थाईलैंड के क्षेत्रीय सेना की कमांडर की बात न सुनें. इस कमांडर ने थाईलैंड कंबोडिया सीमा विवाद के बारे में सार्वजनिक रूप से कंबोडिया की आलोचना की थी और उन्हें “विरोधी” कहा था. उन्होंने हुन सेन से यह भी कहा कि वे उन्हें बताएं कि वे क्या चाहते हैं और वे उसे मैनेज करने की कोशिश करेंगी.

बहुत पुराना है थाईलैंड का कंबोडिया के साथ सीमा विवाद

बौद्ध धर्म, रहन सहन और खान पान जैसे कई पहलु थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सांस्कृतिक समानता  दिखाने का काम करते हैं। लेकिन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच तनातनी  बहुत पुरानी है मई के महीने में एशिया के इन दो पड़ोसियों के बीच तब विवाद पैदा हो गया जब एक थाई सैनिक की फायरिंग में कंबोडिया का जवान मारा गया । इस विवाद पर कंबोडिया की सेना ने कहा था कि उनके जवान बॉर्डर पर रुटीन पेट्रोलिंग कर रहे थे तभी थाईलैंड के सैनिकों ने फायरिंग की. इस घटना में एक जवान की जान चली गई । 10 मिनट तक चले इस झड़प के बारे में  थाई सेना का कहना है कि कंबोडिया के सैनिक विवादित क्षेत्र में घुस गए थे. थाईलैंड के जवान बातचीत से इस विवाद को सुलझाना चाह रहे थे. तभी कंबोडियाई सैनिकों ने फायरिंग शुरू कर दी, इसके जवाब में थाईलैंड आर्मी ने गोली चलाई।

मई में हुआ ये विवाद दोनों देशों के बीच हालिया तनाव का कारण बना. इस घटना के बाद थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ अपनी सीमा पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसके तहत छात्रों, रोगियों और अन्य आवश्यक जरूरतों वाले लोगों को छोड़कर थाईलैंड में आने-जाने वाले लगभग सभी लोगों पर रोक लगा दी गई है. इधर कंबोडिया ने थाई फिल्मों और टीवी शो पर प्रतिबंध लगा दिया है, थाई फलों और सब्जियों के आयात को रोक दिया है और अपने पड़ोसी के कुछ अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट लिंक और बिजली आपूर्ति का बहिष्कार किया है । कंबोडिया ने थाईलैंड से ईंधन का आयात भी बंद कर दिया है।

इस प्रकार समझ सकते हैं थाईलैंड के सीमा विवाद को

थाईलैंड के इस सीमा विवाद को आप इस प्रकार से समझ सकते हैं। दरअसल थाईलैंड और कंबोडिया 800 किलोमीटर से ज्यादा लंबी जमीनी सीमा साझा करते हैं । दोनों देशों बीच सीमा विवाद मुख्य रूप से हिन्दू प्रीह विहार मंदिर और आसपास के क्षेत्र को लेकर है, जो डांग्रेक पर्वतों में स्थित है। यूरोप के औपनिवेशिक देश अपनी लचर नीतियों की वजह से एशियाई देशों के लिए ऐतिहासिक सीमा विवाद छोड़कर गए हैं । जैसे अंग्रेजों की अस्पष्ट नीतियों की वजह से भारत-पाकिस्तान, भारत-चीन का सीमा विवाद है ।

इसी तरह से फ्रांस कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद छोड़कर गया है।  इस विवाद की जड़ में है 1907 में बना एक नक्शा । तब कंबोडिया फ्रांस का उपनिवेश था । कंबोडिया इस मानचित्र का उपयोग अपने क्षेत्र पर दावा करने के लिए कर रहा है, जबकि थाईलैंड का तर्क है कि यह मानचित्र गलत है । 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना, लेकिन आसपास की 4.6 वर्ग किमी भूमि का मालिकाना हक स्पष्ट नहीं हुआ, जिसे थाईलैंड अपना मानता है ।  2008 में कंबोडिया द्वारा प्रीह विहार को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध करने की कोशिश ने तनाव को और बढ़ाया ।

इसके बाद 2008-2011 में सैन्य झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम 28 लोग मारे गए ।  मई 2025 का विवाद एमराल्ड ट्रायंगल क्षेत्र में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद गरमाया । यह वो जगह है जहां थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं. थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ही इस इलाके पर दावा करते हैं । कंबोडिया 2011 में एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय गया, एक बार फिर से फैसला कंबोडिया के पक्ष में आया, इससे दोनों देशों के रिश्तों में फिर कड़वाहट आई । कंबोडिया प्रीह विहार की तरह दूसरे विवादित क्षेत्रों का भी हल अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से चाहता है । लेकिन थाईलैंड ऐसे मसलों का निदान द्विपक्षीय बातचीत से चाहता है । इधर कंबोडिया कह चुका है कि उसने इन मामलों का ICJ से हल ले लिया है । इसका कहना है कि वह अब इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करेगा. इस वजह से दोनों देशों के बीच तनाव है ।      Thailand News

 

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