मुनीर की मंशा, ट्रंप का भ्रमण या बस एक और शिगूफा? पाकिस्तान की सियासत में फिर गूंजा आश्चर्य

Tramp muneer
Islamabad News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 JUL 2025 00:41 PM
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Islamabad News : पाकिस्तान की सियासत इन दिनों गहरी उथल-पुथल में है। एक ओर जनरल असीम मुनीर को लेकर चचार्एं तेज हैं कि वे जल्द ही देश की सर्वोच्च सत्ता अपने हाथ में लेने की तैयारी में हैं, दूसरी ओर पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप आगामी 18 सितंबर को पाकिस्तान आने वाले हैं। हालांकि, इस खबर की अब तक किसी भी आधिकारिक स्रोत से पुष्टि नहीं हुई है। न अमेरिका से और न ही पाकिस्तान से। बावजूद इसके, पाकिस्तानी चैनलों और अखबारों ने इसे प्राथमिकता के साथ उछाल दिया है, ठीक उसी तरह जैसे वहां अक्सर "हर हरफ में हकीकत तलाश ली जाती है।"

18 सितंबर या अफवाह की नई तारीख?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप के पाकिस्तान आगमन की 18 सितंबर की तारीख सामने आ रही है। लेकिन यहीं से संदेह की शुरुआत होती है क्योंकि इसी तारीख को उनका ब्रिटेन दौरा भी प्रस्तावित है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या ट्रंप वास्तव में एक ही दिन दो महाद्वीपों की राजनीति साध सकते हैं? इस अफवाह के पीछे एक और दिलचस्प पहलू यह है कि ट्रंप इस समय अमेरिका में राष्ट्रपति पद की दावेदारी को लेकर व्यस्त हैं और कई कानूनी मामलों से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान यात्रा की बात बेमेल सी प्रतीत होती है।

मुनीर को लेकर खलबली, इस्तीफा, इनकार और इशारे

इधर पाकिस्तान के भीतर जनरल असीम मुनीर को लेकर चचार्ओं ने तूल पकड़ लिया है। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं और इस रिक्त पद पर जनरल मुनीर का नाम सामने आ सकता है। इस संभावना को बल तब मिला जब रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी जरदारी के इस्तीफे की बात खुले मंच पर कह दी। हालांकि उन्होंने उत्तराधिकारी का नाम नहीं लिया, पर संकेत बेहद स्पष्ट था। इस बीच, पाकिस्तानी सियासी गलियारों में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, जरदारी, और जनरल मुनीर के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं।

अमेरिका की चुप्पी और मुनीर को सम्मान?

जनरल मुनीर हाल ही में अमेरिका की यात्रा से लौटे हैं और यह भी कहा जा रहा है कि उन्हें वहां "बेहद गर्मजोशी" से लिया गया। इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान में ट्रंप की संभावित यात्रा की बात ने एक बार फिर कयासों को हवा दी है। कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि ट्रंप, मुनीर को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने की पैरवी कर सकते हैं। एक ऐसा कदम जो पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठा के लिए बड़ी वैश्विक वैधता की ओर इशारा करता है।

बलूचिस्तान की 'शांति' में अमेरिका की दिलचस्पी?

बलूचिस्तान में शांति की कोशिश और वहां अमेरिका को संभावित रणनीतिक पहुंच देना भी इस घटनाक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि खनिज संसाधनों से भरपूर इस क्षेत्र में अमेरिका की दिलचस्पी ट्रंप की संभावित यात्रा की एक बड़ी वजह हो सकती है। साथ ही, ट्रंप के व्यावसायिक हित, पाकिस्तान में संभावित निवेश डील और इस्लामाबाद पर उनका अपेक्षाकृत "नरम रुख" भी अटकलों को बल देता है।

लेकिन असली सवाल यही है : यह हकीकत है या सिर्फ शिगूफा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस समय पाकिस्तान में सत्तांतरण की संभावनाएं वास्तविक हैं, लेकिन ट्रंप की यात्रा की खबर फिलहाल ज्यादा मीडिया कल्पना और कम कूटनीतिक सच्चाई लग रही है। जब तक व्हाइट हाउस की ओर से कोई स्पष्ट वक्तव्य नहीं आता, तब तक यह खबर एक और पाकिस्तानी सियासी कथा के रूप में ही देखी जानी चाहिए। जिसमें शोर बहुत होता है, लेकिन सच्चाई अक्सर धुंधली रहती है।
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इराक में आग लगने से 61 लोगों की मौत, तीन दिन के शोक की घोषणा

Iraq
International News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 JUL 2025 11:28 AM
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International News : इराक के पूर्वी हिस्से में स्थित वासित प्रांत के कुट शहर की एक मार्केट में आग लगने से कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई। अनेक लोग लापता बताए गए हैं। नागरिक सुरक्षा टीमों ने कम से कम 45 लोगों को बचा लिया है। वासित प्रांत में तीन दिन के शोक की घोषणा की है।

रातभर उठती रही आग की लपटें

इराक के गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह आग कुट शहर के एक हाइपरमार्केट में लगी। 14 जले हुए शव मिले हैं। नागरिक सुरक्षा टीमों ने इमारत के अंदर से 45 लोगों को बचाया है। एक स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, 59 मृतकों की पहचान हो गई है। यह हाइपर मार्केट एक पांच मंजिला इमारत में आबाद थी। यहां रात भर आग की लपटें उठती रहीं। इस इमारत में कुछ दिन पहले एक रेस्टोरेंट भी खुला था।

अधिकारियों से 48 घंटे में मांगी गई रिपोर्ट

प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने कहा कि उन्होंने गृहमंत्री को मौके पर भेजा है। वासित प्रांत के गवर्नर मोहम्मद अल-मायाही ने बताया कि आग हाइपर मार्केट और रेस्टोरेंट में लगी। दमकलकर्मियों ने कई लोगों को बचाया और आग बुझाई। प्रांत में तीन दिन के शोक की घोषणा की गई है। अधिकारियों से 48 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही इस इमारत के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले जुलाई 2021 में नासिरिया के एक अस्पताल में लगी आग में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इसके दो साल बाद 2023 में निनवेह प्रांत के हमदानिया में एक विवाह स्थल पर लगी आग में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
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पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग पर चला अमेरिकी सत्ता का चाकू, दो रिपब्लिकन भी आए विरोध में

Americi Congress
International News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 JUL 2025 08:56 AM
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International News : अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के उच्च सदन सीनेट ने गुरुवार सुबह व्हाइट हाउस के विदेशी सहायता और सार्वजनिक प्रसारण पर खर्च पर कटौती के विधेयक को मामूली अंतर से पारित कर दिया। सीनेट के इस कदम से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 9.4 बिलियन डॉलर की कटौती करने का रास्ता साफ हो गया।

ट्रंप के आगे टेके घुटने

द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, रिपब्लिकन ने कांग्रेस की खर्च करने की शक्ति के सामने समर्पण करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप के आगे घुटने टेक दिए। 51-48 के मतों से यह प्रस्ताव दो रिपब्लिकन की आपत्तियों के बावजूद पारित हुआ। दोनों ने तर्क दिया कि उनकी पार्टी संघीय वित्त पोषण पर कांग्रेस के संवैधानिक अधिकार का हनन कर रही है। इस प्रस्ताव का विरोध करने वालों में रिपब्लिकन मेन की सीनेटर सुजैन कोलिन्स और अलास्का की लिसा मुर्कोव्स्की शामिल हैं।

कटौती के लिए उठाए गए कठोर कदम

उम्मीद है कि सदन इस सप्ताह के अंत में इसे अंतिम मंजूरी देते हुए ट्रंप के पास हस्ताक्षर के लिए भेजेगा। इस विधेयक पर बहस ने कांग्रेस की धन-संपत्ति पर चल रही खींचतान को उजागर कर दिया। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से व्हाइट हाउस ने संघीय खर्च पर कटौती के लिए कठोर कदम उठाए हैं। बजट कार्यालय निदेशक रसेल टी. वॉट के नेतृत्व में व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारियों ने संघीय सरकार के आकार पर लगाम लगाने की कोशिश की है। यह राष्ट्रपति के संघीय खर्च पर दूरगामी अधिकार हासिल करने के व्यापक अभियान का हिस्सा है।

फिजूलखर्ची रोकने की पहल की सराहना

दक्षिण डकोटा के सीनेटर जॉन थून ने मतदान से पहले कहा, "मैं फिजूलखर्ची रोकने की पहल की सराहना करता हूं। अब समय आ गया है कि सीनेट बजट से इस फिजूलखर्ची को कम करने के लिए अपनी भूमिका निभाए। यह वित्तीय विवेक की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है।" उत्तरी कैरोलिना के सीनेटर थॉम टिलिस मतदान में हिस्सा लेने से पहले असहज दिखे।

फंडिंग रोकने के लिए वापस लिया जाए फैसला

इस बीच 20 रिपब्लिकन सीनेटरों ने वॉट के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ज्ञापन में मांग की गई कि शैक्षिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस से अनुमोदित लगभग 7 बिलियन डॉलर की फंडिंग रोकने के फैसले को वापस लिया जाए। ज्ञापन में कहा गया कि इस धनराशि को रोकने का फैसला राष्ट्रपति ट्रंप के लक्ष्य के विपरीत है।

कांग्रेस की संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग

दक्षिण डकोटा के सीनेटर माइक राउंड्स ने पहले संकेत दिया था कि वे सार्वजनिक प्रसारण में कटौती के कारण इस विधेयक काविरोध करेंगे। आखिरी समय में उन्होंने कटौती के पक्ष में मतदान किया। नेटिव पब्लिक मीडिया के अध्यक्ष लोरिस टेलर ने इस विधेयक पर असंतोष व्यक्त किया है। डेमोक्रेट्स ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।