Israel Iran War : मध्य-पूर्व एक बार फिर युद्ध की आशंकाओं से घिरता दिख रहा है। ईरान और इज़राइल के बीच हालिया 12 दिवसीय संघर्ष के बाद भले ही युद्धविराम घोषित हुआ हो, लेकिन दोनों देशों के ताज़ा रुख और सैन्य तैयारियों से संकेत मिल रहे हैं कि यह सिर्फ अस्थायी विराम है—न कि स्थायी समाधान।
24 जून को अमेरिका और कतर की मध्यस्थता में सीज़फायर लागू हुआ था, लेकिन अब मोहर्रम के बाद फिर से संघर्ष छिड़ने की संभावनाएं गहराने लगी हैं। ईरान के सैन्य नेतृत्व ने साफ किया है कि ‘संघर्ष की समाप्ति’ को वे कभी विकल्प के रूप में नहीं देखते। वहीं, अमेरिका ने इज़राइल को 510 मिलियन डॉलर की बम गाइडेंस किट और सैन्य सहायता की आपूर्ति को हरी झंडी दे दी है, जो युद्ध की संभावनाओं को और हवा दे रहा है।
इज़राइल को फिर हथियारों से लैस कर रहा अमेरिका
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) के अनुसार, इज़राइल को यह सैन्य मदद इसलिए दी जा रही है ताकि वह अपनी सीमाओं, बुनियादी ढांचे और जनसंख्या केंद्रों की रक्षा और बेहतर कर सके। एजेंसी ने बयान में कहा, “अमेरिका, इज़राइल की आत्मरक्षा की क्षमता को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए भी अहम है।”
ईरान ने दी खुली चेतावनी
ईरानी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता अबुलफजल शेखरची ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि इज़राइल की ओर से कोई आक्रामक कार्रवाई होती है, तो ईरान की प्रतिक्रिया ‘कुचलने वाली और विनाशकारी’ होगी। उन्होंने ज़ायोनी शासन को अविश्वसनीय बताते हुए कहा, “हम किसी भी हमले का जवाब देने के लिए पहले से कहीं अधिक तैयार हैं। Israel Iran War
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