Operation Sindoor : भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। बीते तीन दिनों से नियंत्रण रेखा (LoC) पर दोनों देशों के बीच गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई की घटनाएं बढ़ गई हैं। ऐसे में अब भारतीय टेरिटोरियल आर्मी को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस सेना का हिस्सा रह चुके और देश के पूर्व क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी तैयार रहने के निर्देश दिए जा सकते हैं।
सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का दर्जा
महेंद्र सिंह धोनी, जिन्होंने भारत को तीन आईसीसी ट्रॉफियां जिताई हैं, अब क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। धोनी को साल 2011 में भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि दी गई थी। वे पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने सक्रिय रूप से सेना के साथ प्रशिक्षण भी लिया और जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान देश की सेवा की। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। ऐसे में एमएस धोनी अपने गृह नगर रांची में हैं और अब यदि स्थिति गंभीर होती है, तो उन्हें देश सेवा के लिए फिर से वर्दी पहननी पड़ सकती है।
टेरिटोरियल आर्मी: क्या है इसकी भूमिका?
टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना की एक स्वैच्छिक इकाई है, जिसमें नागरिक अपने नियमित पेशेवर जीवन के साथ-साथ सेना की सेवा भी करते हैं। युद्ध, आपातकाल या आंतरिक संकट की स्थिति में इन सैनिकों को सक्रिय किया जाता है। इनका मुख्य कार्य सेना की नियमित इकाइयों को समर्थन देना, आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना और संकट के समय लॉजिस्टिक सहायता उपलब्ध कराना होता है। यह सेना का एक अहम हिस्सा है, जो शांतिपूर्ण समय में बैकअप के रूप में कार्य करता है। हालात यदि और बिगड़ते हैं तो टेरिटोरियल आर्मी को सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय किया जा सकता है। ऐसे में लेफ्टिनेंट कर्नल एमएस धोनी जैसे सैनिकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। Operation Sindoor :
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