Wednesday, 24 April 2024

Ganga Dussehra 2023: गंगा सप्तमी के बाद देश भर में धूम धाम से मनाया जाएगा गंगा दशहरा

  Ganga Dussehra 2023:  गंगा दशहरा इस वर्ष 30 मई, 2023 (मंगलवार) के दिन मनाया जाएगा ।  गंगा का पृथ्वी…

Ganga Dussehra 2023: गंगा सप्तमी के बाद देश भर में धूम धाम से मनाया जाएगा गंगा दशहरा

 

Ganga Dussehra 2023:  गंगा दशहरा इस वर्ष 30 मई, 2023 (मंगलवार) के दिन मनाया जाएगा ।  गंगा का पृथ्वी पर आगमन का समय गंगा दशहरा के रुप में पूरे भारत में ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा के पृथ्वी पर मोक्ष मार्गनी होने की विशेष घटना का पर्व सभी भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहता है। गंगा दशहरा, को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है. भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों पर इस समय विशेष पूजा हवन एवं मेलों का आयोजन होता है. इस शुभ दिन को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है. नदियों के पूजने की परंपरा में इस पर्व का अपना एक विशेष महत्व रहा है. गंगा को मोक्ष प्रदान करने वाली नदी के रुप में पूजा जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा को भक्त भगीरथ की कठोर साधना द्वारा पृथ्वी पर आने के लिए बाध्य होना पड़ा. माता गंगा के पृथ्वी लोक पर आते ही समस्त प्रणियों को जीवन के नवरुप के साथ ही कल्याणकारी रुप प्राप्त होता है.

देश भर में गंगा दशहरा की धूम 

गंगा दशहरा का पर्व देश भर के प्रमुख नगरों हरिद्वार, प्रयागराज, गढ़मुक्तेश्वर, ऋषिकेश, काशी, गंगा सागर इत्यादि पर विशेष रुप से भक्तों का जमावड़ा लगता है. इन पवित्र स्थानों की तीर्थ यात्रा के लिए भक्त गंगा दशहरा के समय का विशेष रुप से चयन करते हैं, जहां वे गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं. गंग अके किनारे बसे सभी नगर शहर, विशेष रूप से गंगा दशहरा के दौरान अपने अलग रुप में दिखाई देते हैं. गंगा दशहरा यहां के प्रसिद्ध उत्सवों में से एक है. इस पावन अवसर पर अनगिनत भक्त नदी में पवित्र स्नान करने के अनुष्ठान में शामिल होते हैं. गंग अके घाटों पर आयोजित मंत्रमुग्ध कर देने वाली गंगा आरती का रंग सबसे निराला दिखाई पड़ता है. देश विदेश से लोग  समारोह में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं. गंगा दशहरा में भाग लेने की इच्छा रखने वालों के लिए यह भव्य उत्सव एक अविस्मरणीय अनुभव जैसा होता है.

Ganga Dussehra 2023: क्यों हुआ गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर आगमन 

गंगा दशहरा हिंदुओं के द्वारा जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह पवित्र नदी गंगा के पृथ्वी पर आने का प्रतीक समय है,  गंगा दशहरा ज्येष्ठ के माह में शुक्ल पक्ष के चंद्रमा के दसवें दिन मनाया जाता है. यह त्योहार दस दिनों की अवधि में मनाया जाता है जिसमें पूर्व के नौ दिनों का उत्सव भी शामिल होता है. यह पर्व गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ संपन्न होता है. गंगा दशहरा भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है. इस समय पर गंगा के किनारे पूजा करने, अनुष्ठान करने और नदी से आशीर्वाद लेने के लिए लाखों की संख्या में भक्त इकट्ठा होते हैं. गंगा दशहरा के अवसर पर, भक्त गंगा नदी के तटों पर एकत्रित होते हैं और पापों से खुद को मुक्त करने हेतु इस पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं.

राजा भागीरथ कि तपस्या से पूर्ण हुई देवी गंगा के पृथ्वी लोक गमन की यात्रा 

Ganga Dussehra 2023: हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्माओं को मुक्ति दिलाने और उन्हें मोक्ष प्रदान करने की तपस्या को गंगा के पृथ्वी पर लाने के साथ संपूर्ण किया. भगवान राम की वंश परंपरा में जन्मे राजा भगीरथ का आना और समस्त लोगों को मुक्ति प्रदान करना ही विशेष ध्येय है. भगवान ब्रह्मा ने जब भगीरथ को गंगा के द्वारा मुक्ति पाने का रहस्य उन्हें बताया तब ब्रह्मा ने उन्हें भगवान शिव से प्रार्थना करने का निर्देश दिया, तब शक्तिशाली गंगा को पृथ्वी पर लाना संभव हो पाया है.

राजा भागीरथ की प्रार्थनाओं एवं कठोर साधना का आशीर्वाद देते हुए, भगवान शिव ने गंगा के शक्तिशाली प्रवाह को स्वयं से नियंत्रित करके पृथ्वी पर गंगा के आगमन को मार्ग प्रशस्त किया, तब ज्येष्ठ माह में गंगा का पृथ्वी पर आना हुआ और उसी समय पर राजा भगीरथ के पूर्वजों को मुक्ति प्राप्त होती है तथा पृथ्वी पर मोक्ष सिद्धि का मार्ग सभी के लिए सुगम बन पाया. भगीरथ के द्वारा गंगा को पृथ्वी पर लाने के कारण गंगा को भगीरथी नाम भी प्राप्त हुआ.
राजरानी

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