Hanuman Jayanti 2023 : हनुमान जयंती के पर्व पर हर साल धार्मिक नगरी चित्रकूट में सुबह से भक्तों का तांता लगा रहता है। सरयू नदी पर डुबगी लगाकर भक्त बजरंगबली के चरणों में माथा टेककर मन्नत मांगते हैं। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी यानी कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने धर्म की स्थापना करने के बाद पृथ्वी से बैकुण्ठ चले गए थे। लेकिन धरा पर धर्म की रक्षा के लिए पवनपुत्र हनुमान को अमरता का वरदान दिया था। इस वरदान के कारण हनुमान जी आज भी जीवित हैं और भगवान के भक्तों और धर्म की रक्षा में लगे हुए हैं।
Hanuman Jayanti 2023 : चित्रकूट में करते हैं वास
कहते हैं चित्रकूट में आज भी हनुमान जी वास करते हैं जहां भक्तों को दैहिक और भौतिक ताप से मुक्ति मिलती है। कारण यह है कि यहीं पर भगवान राम की कृपा से हनुमान जी को उस ताप से मुक्ति मिली थी जो लंका दहन के बाद हनुमान जी को कष्ट दे रहा था। इस विषय में एक रोचक कथा है कि, हनुमान जी ने प्रभु राम से कहा, लंका जलाने के के बाद शरीर में तीव्र अग्नि बहुत कष्ट दे रही है। तब श्रीराम ने मुस्कराते हुए कहा कि-चिंता मत करो। चित्रकूट पर्वत पर जाओ। वहां अमृत तुल्य शीतल जलधारा बहती है। उसी से कष्ट दूर होगा।
Hanuman Jayanti 2023 : यहां पंचमुखी हनुमान जी प्रगट हुए
धर्म नगरी में हनुमान जी का एक मंदिर है जिसे हनुमान धारा मंदिर कहते हैं जो इस घटना की याद दिलाती है। यहां भगवान श्रीराम का एक छोटा सा मंदिर भी है। हनुमान जी के दर्शन से पहले नीचे बने कुंड में भरे पानी से हाथ मुंह धोना कोई भी भक्तगण नहीं भूलता है। कुछ सालों पहले यहां पंचमुखी हनुमान जी भी प्रगट हुए हैं। यहां सीढ़ियां कहीं सीधी हैं तो कहीं घुमावदार। कुछ ऊपर सीता रसोई है। जहां माता सीता ने भगवान श्रीराम और देवर लक्ष्मण के लिए कंदमूल से रसोई बनाई थी। माता सीता ने जिन चीजों से यहां रसोई बनाई थी उसके चिन्ह आज भी यहां देखे जा सकते हैं।
यहां तुलसीदास जी को हुए राम जी के दर्शन
हनुमान मंदिर के पुजारी बताते हैं कि, हनुमान जी की आज्ञा के अनुसार तुलसीदास जी चित्रकूट घाट पर बैठ गये और सभी आने जाने वालों को चंदन लगाने लगे। राम और लक्ष्मण जब आये तो हनुमान जी गाने लगे ’चित्रकूट के घाट पै, भई संतन के भीर। तुलसीदास चंदन घिसै, तिलक देत रघुबीर।।’ हनुमान के यह वचन सुनते ही तुलसीदास प्रभु राम और लक्ष्मण को निहारने लगे।’ इस प्रकार तुलसीदास जी को राम जी के दर्शन हुए थे। पुजारी बताते हैं कि, हनुमान जी के चलते चित्रकूट के घाट पर तुलसीदास को भगवान श्रीराम के दर्शन हो पाए थे।
Hanuman Jayanti 2023 : जहां राम कथा वहां हनुमान
पुजारी बताते हैं कि, तुलसीदास जी से पहले हनुमान जी की मुलाकात त्रेतायुग में महाभारत युद्घ से पहले पाण्डु पुत्र भीम से हुई थी। भीम की विनती पर युद्घ के समय हनुमान जी ने पाण्डवों की सहायता करने का आश्वासन दिया था। पुजारी बताते हैं कि शास्त्रों का ऐसा मत है कि जहां भी राम कथा होती है वहां हनुमान जी अवश्य होते हैं। इसलिए हनुमान की कृपा पाने के लिए श्री राम की भक्ति जरूरी है। जो राम के भक्त हैं हनुमान उनकी सदैव रक्षा करते हैं।
अकबर को दिखाई अपनी शक्ति
पुजारी एक किस्से के जिक्र कर बताते हैं कि अकबर ने एक बार तुलसीदास जी को अपने दरबार में बुलाया। तुलसीदास जी को अकबर ने कोई चमत्कार दिखाने के लिए कहा, जिसे तुलसीदास जी ने अस्वीकार कर दिया। क्रोधित होकर अकबर ने तुलसीदास को जेल में डाल दिया। जेल में तुलसीदास जी ने हनुमान की अराधना शुरू कर दी। हनुमान जी ने तुलसीदास जी को दर्शन दिए और इतने में चमत्कार यह हुआ कि बंदरों ने अकबर के महल पर आक्रमण कर दिया। बंदरों के उत्पात से अकबर भयभीत हो गया। पुजारी बताते हैं कि अकबर को समझ में आ गया कि तुलसीदास जी को जेल में डालने के कारण हनुमान जी नाराज हो गये हैं। बंदरों के उत्पात का कारण यही है। अकबर ने संत तुलसीदास जी से क्षमा मांगी और उन्हें जेल से मुक्त कर दिया।