Tuesday, 21 May 2024

Jaya Kishori: दिलों पर राज करने वाली मोटिवेशनल टीचर जया किशोरी ने देखो प्यार के बारे में क्या-क्या कह डाला !

सार Jaya Kishori:  अपनों पर सितम गैरों पे करम ए जाने वफा यह जुल्म ना कर… यह गाना तो आपने…

Jaya Kishori: दिलों पर राज करने वाली मोटिवेशनल टीचर जया किशोरी ने देखो प्यार के बारे में क्या-क्या कह डाला !

सार

Jaya Kishori:  अपनों पर सितम गैरों पे करम ए जाने वफा यह जुल्म ना कर… यह गाना तो आपने खूब सुना होगा। इस गाने के जो असली मायने हैं, आज की लोकप्रिय मोटिवेशनल टीचर जया किशोरी ने समझाये हैं। आमतौर पर लोग जब अपनों से बातें करते हैं तो कह देते हैं, आपके सामने क्या सोच समझ कर बोलना आप तो अपने ही हैं। अपनों पर ही गुस्सा करना और अपने ही लोगों की बेइज्जती करना.. और फिर उसे प्यार का नाम देना …. अपनों को ही सताना.. ये कहाँ का प्यार है ?

विस्तार

अपने लोगों की भावनाएं नहीं होनी चाहिए आहत

Jaya Kishori कहती हैं आपको अपनों का सबसे ज्यादा ध्यान रखना ही चाहिए क्योंकि पूरी दुनिया थोड़े ही हमारे साथ खड़ी होती है, हमारे अपने ही तो हर सुख दुख में साथ होते हैं । ये हमें सोचना चाहिए.. जो मेरा अपना है ये ही तो मेरे साथ खड़ा है. हमें ये भी ध्यान रखना है कि हमारी बातों से उनकी भावनाएं बिलकुल आहत नहीं होनी चाहिए.। उन्हे किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होनी चाहिए. इसीलिए ही दुनिया के सामने सोचकर बोलो या मत बोलो. कम से कम अपनों के सामने तो बोलने से पहले दो बार सोच लो…. और अक्सर लोग इसी का उलटा करते हैं. बाहर वालों को तो बड़ा खुश रखते हैं. उससे सोच-समझकर बाते करते हैं,लेकिन घरवालों को वह सताते हैं और फिर उसको वह प्यार का नाम देते हैं. मतलब बेइज्जती करना, गुस्सा करना, बुरी बातें कहना।
क्या यही प्यार है ?
जया किशोरी ने मोटिवेशनल क्लास में कहा हम अक्सर ऐसा कहते हैं कि यह तो अपने ही है उनके सामने क्या सोच समझ कर बोलना,हम ये नहीं सोचते कि जो हमसे सच्चा प्यार करता है जो हमारे लिए सब कुछ काम करने को तैयार होता है ,हम उसके सामने ही बोलने के वक्त ध्यान नहीं रखते, आखिर हमें क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना।
दूसरों के सामने कैसे बोलते हैं आप..
जया, मोटिवेशनल क्लासेस में छोटी-छोटी बातों में बहुत कुछ बड़ा-बड़ा कह जाती है और समझने वालो के लिए वह जिंदगी को पूरी तरह से बदल देता है।  हमें सोचना चाहिए की जिससे हम प्यार करते हैं उसके साथ हमें कैसा बर्ताव करना है कैसे बोलना है। इस बारे में जया किशोरी बहुत ही सहज भाव से कहती हैं की देखिए आप दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं जो आपको एक बार मिलेगा और पता नहीं अगली बार मिलेगा या नहीं मिलेगा उसके सामने आप बहुत सोच समझ कर बोलते हैं ,लेकिन अपनों से बोलते वक्त ध्यान नहीं रखते..
हम अपनों से बोलते हुए जिसे हम प्यार करते हैं उसकी भावनाओं को आहत कर देते हैं।  उसे पर गुस्सा भी करते हैं और बोलने से पहले कुछ सोचते नहीं । वह हमारा अपना है जो हमारे प्यार में सब कुछ करने के लिए तैयार है, चाहे कोई भी रिश्ता हो लेकिन वह हमारे लिए हमारे साथ खड़ा होता है, हर सुख-दुख में क्या हमें उन अपनों के लिए बोलते वक्त कुछ सोचना नहीं चाहिए… हमें उनकी भावनाओं के बारे में सोचना चाहिए जो हमारे अपने हैं जिनके साथ हमें हमेशा रहना है फिर देखिए आपकी जिंदगी कैसे सकारात्मक ढंग से पलटती है।

अपनों की भावनाएं बिल्कुल नहीं होनी चाहिए आहत यही है असली प्यार

Jaya Kishori जब बोलती है तो सहजता से बोलती चली जाती है वह कहती है मुझे समझ नहीं आता कि लोग अपनों से क्यों नहीं सोच समझ कर बोलते उन्हीं से तो हमारा संसार बनता है। बाहर वालों से हम सोच समझ कर बोलते हैं जो थोड़ा बहुत मिलेगा और चला जाएगा उससे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा आप कुछ थोड़ा बहुत इधर-उधर बोल भी देंगे तो। जया की बातों में बहुत सार है और वह ठीक ही तो कह रही है अपनी मोटिवेशनल क्लासेस में कि हमारे साथ हर वक्त अपने ही तो खड़े रहते हैं जब भी कोई जरूरत होती है जब भी कोई सुख-दुख के लम्हे होते हैं वही हमारे साथ होते हैं दुनिया के सामने सोच समझ कर बोलो या मत बोलो..लेकिन अपने के सामने बोलने से पहले दो बार सोच लो! लेकिन लोग अक्सर इसका उल्टा करते हैं परिणाम स्वरूप जिंदगी में उसका रिजल्ट भी अच्छा नहीं होता। जया किशोरी हमें बताना चाह रही हैं ,हमारे अपने प्यारे रिश्ते चाहे वह पति-पत्नी का हो, प्रेमी प्रेमिका का हो ,भाई बहन का हो , गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड  का हो  हमें अपनों के साथ बोलते समय अपने पर नियंत्रण रखना चाहिए और देखना चाहिए कहीं हमारे बोलने से उनकी भावनाएं आहत तो नहीं हो रही क्योंकि उनके चेहरे पर मुस्कुराहट होती है तभी तो हमें सुकून मिलता है । हमें एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। हम उन लोगों के साथ अच्छा बोलते हैं जिनसे हमारा कोई मतलब भी नहीं होता जो बहुत कम क्षणों के लिए मिलते हैं जबकि उनसे कुछ थोड़ा बहुत इधर-उधर बोल जाओ तो आप पर फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन आपके अपने अगर साथ होते हैं तो आपका जीवन उससे पहले प्रभावित हो जाता है।
क्यों सताते हैं हम अपने ही घरवालों को
जया किशोरी बहुत सहजता से कह जाती हैं कि हम अपने ही घरवालों को क्यों अपनी बातों से सताते हैं, उन पर ही गुस्सा करते हैं ,उन पर ही खीज निकलते हैं और कुछ भी कहने से पहले जरा सा भी सोचते नहीं… हमें सोचना चाहिए क्योंकि वही हमारे अपने हैं, वही हमारे साथ खड़े होते हैं ,हमारे बारे में अच्छा सोचते हैं, हमसे प्यार करते हैं यही है असली प्यार सच्चा प्यार। 
हमें अपनी जिंदगी को खुशनुमा बनाना है तो
Jaya Kishori कहती हैं हमें अपनी जिंदगी को अगर खुशहाल बनाना है तो हमें अपने ही लोगों से अच्छे से बात करनी चाहिए उनकी भावनाएं आहत न हो , बोलते समय इसका ध्यान रखना चाहिए। हमारी खुशी और प्यार अपनों में ही तो बसता है। अपनों पर हक जताकर हम उन्हें सताने से नहीं चूकते ..यह सरासर गलत है हक का मतलब अपनों को सताना नहीं है अपनों पर गुस्सा करना भी नहीं है हमें अपनो को प्यार देना होगा और अपनों से ही अच्छे से बात करनी होगी। जीवन का यही सारांश है।
 यह बात कभी मेरी समझ में नहीं आई..
Jaya Kishori कहती है यह बात मेरी समझ में कभी नहीं आई कि मेरे अपने मेरे साथ सोच समझकर क्यों नहीं बोलेंगे। अरे वह हमारे लिए सब कुछ करते हैं हमसे प्यार करते हैं हमारे लिए सब कुछ करने को तैयार रहते हैं हम उन्हीं के साथ सोच समझकर क्यों नहीं बोल सकते… मैं कहती हूं हमें अपनों के ही साथ सोच समझ कर बोलना चाहिए। ताकि उन्हें जरा सा भी दुख ना हो।
फिल्म का यह है गाना.. अपनों पे सितम गैरों पे करम ए जाने वफा ये जुल्म ना कर… मोटिवेशनल क्लास मे इस गाने के सारांश को बहुत खूबसूरती से बता जाती है ।।

प्रस्तुति मीना कौशिक

Nageshwar Jyotirlinga : नागेश्वर ज्योतिर्लिंग में दर्शन करने से  मिल जाती है नागदोष से मुक्ति 10वें ज्योतिर्लिंग की रोचक बातें

ग्रेटर नोएडा नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post