Tuesday, 3 December 2024

कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे हैं एक साथ कई शुभ योग, जानें व्रत का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा एक ऎसा पर्व है जो देश के अनेक स्थानों पर किसी न किसी रूप में अलग अलग नामों से मनाया जाता है

कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे हैं एक साथ कई शुभ योग, जानें व्रत का महत्व

Kartik Purnima News कार्तिक पूर्णिमा एक ऎसा पर्व है जो देश के अनेक स्थानों पर किसी न किसी रूप में अलग अलग नामों से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि बेहद विशेष योगों वाली होती है। यह बिलकुल वैसे ही प्रतीत होती है जैसे शरद माह में आने वाली पूर्णिमा। उसी के अनुरूप ही यह भी अमृत प्राप्ति का समय होता है जब देवताओं का भी पृथ्वी पर आगमन होता है।

कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2023 

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 27 नवम्बर, 2023 में सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन ही पूर्णिमा का व्रत भी होगा। पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 26 नवम्बर 2023 को दोपहर 03:53 बजे होगी और कार्तिक पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 27 नवंबर 2023 को दोपहर 02:45 बजे पर होगी।

26 नवंबर के दिन कार्तिक पूर्णिमा का आरंभ होगा

26 नवंबर के दिन कार्तिक पूर्णिमा का आरंभ होगा इस कारण से इस दिन पर देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। उसके बाद अगले दिन 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा व्रत का दिन होगा और साथ ही इस दिन स्नान दान से जुड़े कार्य भी संपन्न होंगे। इसी दिन पर पुष्कर एवं गंगा स्नान का महत्व होगा।

कार्तिक पूर्णिमा का दिन मनाया जाता है कई रूपों में

कार्तिक पूर्णिमा पर बनने वाले शुभ योगों में गुरु नानक जयन्ती, पुष्कर स्नान, कार्तिक अष्टाह्निका विधान का पूर्ण होना, कार्तिक रथ यात्रा का होना, उत्तम मन्वादि का पूजन जब सृष्टि का पुन: निर्माण होता है, भीष्म पञ्चक की समाति तथा चातुर्मास की समाप्ति का विशिष्ट समय होता है। इसी के साथ इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग नामक शुभ योग बनेगा जिसके होने से धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यों को बल प्राप्त होता है।

Kartik Purnima News in hindi

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान दान का लाभ 

कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों एवं धर्म स्थलों पर जाकर स्नान करने की परंपरा भी बहुत विशिष्ट मानी गई है। इस दिन प्रात:काल के समय पर स्नान पश्चात सूर्य उपासना करना तथा भगवान श्री विष्णु एवं भगवान शिव का पूजन करना अत्यंत ही शुभ प्रभाव देने वाला होता है।

कार्तिक पूर्णिमा से संबंधित कुछ पौराणिक तथ्य  

मान्यताओं के अनुसार यह तिथि अत्यंत पावन मानी गई है। शास्त्रों में वर्णित है कि प्रलय काल के बाद जिन तिथियों में सृष्टि का आरंभ हुआ उस में से एक तिथि कार्तिक पूर्णिमा की भी रही है अत: इस दिन को किया जाने वाला कार्य जीवन को उत्तम गति प्रदान करता है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर के आतंक से तीनों लोकों को मुक्त किया और इस कारण यह दिन त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से पूजा जाता है और इस दिन भगवान शिव के निमित्त रुद्राभिषेक का भी विधान है।

प्रस्‍तुति आचार्या राजरानी

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