Monday, 14 October 2024

जानें कब और कहां से हुई थी ईद-उल-फ़ित्र मनाने की शुरूआत?

Eid-Ul-Fitr 2024 : ईद-उल-फ़ित्र इस्लाम धर्म का सबसे बड़े पर्व  माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे एक महीने…

जानें कब और कहां से हुई थी ईद-उल-फ़ित्र मनाने की शुरूआत?

Eid-Ul-Fitr 2024 : ईद-उल-फ़ित्र इस्लाम धर्म का सबसे बड़े पर्व  माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे एक महीने रोज़ा रखकर अल्लाह तआला की इबादत करते हुए गुजारते हैं। एक महीने रोज़ा रखने के बाद मुसलमान बड़े ही हर्षोल्लास के साथ Eid का पर्व मनाते हैं। जब माह-ए-रमज़ान का चांद डूब जाता है और ईद का चांद नज़र आने लगता है तो उसके अगले तारीख को ईद मनाई जाती है।साल 2024 में ईद 10 या 11 अप्रैल को मनाई जाएगी।

क्यों मनाई जाती है ईद-उल-फ़ित्र?

माह-ए-रमज़ान खत्म होने के बाद ईद-उल-फित्र (Eid-Ul-Fitr) का खास पर्व मनाया जाता है। रमज़ान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोज़ा रखकर अल्लाह तआला की इबादत करते हुए बिताते हैं। रमज़ान के पाक महीने में मुस्लिम क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करके, गरीबों में सदका, ज़कात, फितरा आदि देकर अल्लाह तआला को खुश करने की पूरी कोशिश करते हैं। ऐसा माना जाता है कि  ईद के खास मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग अपना रोज़ा खत्म करके ईद का पर्व मनाते हैं और अल्लाह तआला का शुक्रिया अदा करते है। ईद मनाने का दूसरा मतलब है कि पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बद्र की जंग में जीत हासिल करके लोगों का मुंह मीठा कराया था, जिसके बाद मीठी ईद मनाई जाती है। मुस्लिम कैलेण्डर के मुताबिक रमज़ान के 10वें शव्वल की तारीख को ईद का पर्व मनाया जाता है।

कैसे मनाते हैं ईद ?

माह-ए-रमज़ान गुनाहों से तौबा करके खुदा की इबादत करने का महीना होता है। जिसके लगभग 29-30 रोज़े रखे जाते हैं। ईद के दिन मुस्लिम भाई सुबह-सुबह उठकर नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं। ईद के दिन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर व्यक्ति कुर्ता पायजामा और टोपी में नज़र आते हैं और ईदगाह जाकर नमाज़ अदा करते हैं। नमाज़ अदा करके एक-दूसरे के गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दा जाती है। वहीं मुस्लिम बहनें सवेरे उठकर नहा-धोकर तैयार हो जाती हैं और घर में सेवइयां बनाकर अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट पकवान जैसे- सेवाइयां, गुलाब शरबत, मटन शाम कबाब, बिरयानी आदि बनाने में जुट जाती हैं। इसके बाद सब इकट्ठे होकर सेवइयां खाते हुए अपना मुंह मीठा करते हैं। इतना ही नहीं ईद के मौके पर तमाम लोगों द्वारा अल्लाह तआला की राह में ग़रीबों और जरूरत मंदों को सदक़ा, जकात और फितरा दिया जाता है।

बच्चे लगाते हैं मेले में चार चांद

ईद के दिन गली-मौहल्लों और शहरों में मेला लगता है जहां कई तरह के खिलौने, मिठाईयां और पकवान बिकते हैं। Eid-Ul-Fitr में मां-बाप अपने-अपने बच्चों को ढ़ेर सारे तोहफें और ईदी देते हैं। बच्चे मेले में जाकर खूब मस्ती करते हैं और ईद को एक यादगार दिन बनाते हैं।

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