Saturday, 19 April 2025

अमावस्या पर रहेगा सूर्य ग्रहण का साया, जानें कैसे बिना रुके किए जा सकेंगे श्राद्ध कार्य

Solar Eclipse 2023 : आश्विन माह के श्राद्ध पक्ष की इस अमावस्या के दिन ग्रहण का प्रभाव भी पड़ने वाला…

अमावस्या पर रहेगा सूर्य ग्रहण का साया, जानें कैसे बिना रुके किए जा सकेंगे श्राद्ध कार्य

Solar Eclipse 2023 : आश्विन माह के श्राद्ध पक्ष की इस अमावस्या के दिन ग्रहण का प्रभाव भी पड़ने वाला है। ग्रहण के होने के बावजूद भी श्राद्ध एवं सर्व पितृ अमावस्या के दिन किए जाने वाले सभी श्राद्ध कार्य निर्विघ्न संपन्न किए जा सकेंगे। आइये जानें, ग्रहण होने पर भी आखिर कैसे कर पाएंगे पितरों का शांति पूजन और महालय पूजन। इस अवसर पर क्या होगा ग्रहण का असर।

14 अक्टूबर 2023 को शनिवार के दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण kankan solar eclipse कंकण सूर्य ग्रहण के रूप में लगने वाला है। इस दिन ग्रहण का प्रभाव कुछ देशों पर विशेष रूप से होगा, लेकिन भारत में इसका प्रभाव नहीं रहेगा। 14 अक्टूबर को लगने वाला कंकण सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। ग्रहण के भारत में दिखाई न देने के कारण ही इसका सूतक प्रभाव भी मान्य नहीं होगा। ग्रहण की स्थिति यहां न होने के कारण ही श्राद्ध एवं पितरों के तर्पण एवं पूजन से संबंधित कार्य बिना किसी व्यवधान के समय पर किए जा सकेंगे।

सूर्य ग्रहण का समय

सूर्य ग्रहण आशिव अमावस्या को रात्रि के समय आरंभ होगा, भारतीय समय के अनुसार ग्रहण का समय 20:34 से 26:25 तक का रहने वाला है। यह ग्रहण 14 और 15 अक्टूबर की मध्य रात्रि में घटित होगा। ग्रहण का प्रभाव उत्तरी अमेरिका के क्षेत्रों से लेकर दक्षिणी अमेरिका के देशों में दिखाई देगा। इसके अलावा ग्रहण अफ्रीका महाद्वीप के पश्चिमी क्षेत्रों पश्चिमी सहारा, ग्यान आदि स्थानों पर दृष्य होगा। ग्रहण की कंकण आकृति अमेरिका के टेक्सास,  नवाडा, मैक्सिको इत्यादि स्थानों में दिखाई देगी।

14/15 अक्टूबर की मध्यरात्रि को ग्रहण का समय

>>ग्रहण का आरंभ 20:34 से होगा।

>>कंकण आरंभ 21:42 पर होगा।

>>परम ग्रास स्थिति 23:30 पर होगी।

>>कंकण स्थिति समाप्त 25:17 पर होगी।

>>ग्रहण की समाप्ति 26:25 पर होगी।

ग्रहण का प्रभाव किन राशियों पर होगा

वलयाकार या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण को ring of fire रिंग ऑफ फायर के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव कन्या राशि के साथ चित्रा नक्षत्र पर ग्रहण का असर सबसे अधिक रहने वाला है। इसके अलावा ग्रहण का प्रभाव मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, वृश्चिक और मीन राशियों पर पड़ेगा।

ग्रहण के प्रभाव से मुक्त रहेगा श्राद्ध कार्य

इस समय ग्रहण की स्थिति का प्रभाव भारत में न पड़ने के कारण ही सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कार्यों को पूर्ण रूप से किया जा सकेगा। इस दिन महालय श्राद्ध संपन्न होगा पितरों को अंतिम नमन किया जाएगा।

इस दिन श्राद्ध करने का समय इस प्रकार रहेगा

अमावस्या तिथि की शुरुआत का समय 13 अक्टूबर 2023 को रात्रि 09:50 से होगा और अगले दिन 14 अक्टूबर को अमावस्या तिथि की समाप्ति रात्रि 11:24 बजे पर होगी। अमावस्या श्राद्ध के दिन शनिवार का योग होगा। श्राद्ध पूजा हेतु कुतुप मुहूर्त 11:44 से दोपहर 12:30 तक रहने वाला है। इसके बाद रोहिणी मुहूर्त का आरंभ होगा जिसकी समाप्ति 13:16 पर होगी। अपराह्न काल के लिए समय 13:16 से 15:35 तक रहने वाला होगा।

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