इन मंदिरों में महिलाओं का प्रवेश है वर्जित, जानिए क्या है खास वजह

Sabrimala compressed
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 Nov 2021 08:34 AM
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भगवान पर आस्था और श्रद्धा (faith and belief) होने के बाद भी कुछ ऐसे मंदिर हैं, जहां महिलाओं (womens) का प्रवेश वर्जित है तो कुछ मंदिर (temples) ऐसे भी हैं, जहां पर महिलाओं (womens) के प्रवेश को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। आइए ऐसे ही कुछ मंदिरों (temples) के बारे में जानते हैं...

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर सदियों पुराना बताया जाता है। कहते हैं कि पहले महिलाओं का प्रवेश वर्जित था लेकिन अब नहीं है। लेकिन अभी भी आस्था के चलते यहां महिलाएं बाबा की गुफा के बाहर बने चबूतरे से ही दर्शन करती हैं।

मध्य प्रदेश के गुना में स्थित जैन मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश पर एक नियम है। यहां भी कोई भी महिला या लड़की वेस्टर्न परिधान पहनकर प्रवेश नहीं कर सकती है। इस मंदिर का मूल नाम श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र है, जो 1236 में बनाया गया था।

माँ कामाख्या का प्रसिद्ध मंदिर उत्तर पूर्व भारत में असम राज्य की राजधानी गुवाहाटी के पश्चिमी भाग में स्थित नीलाचल पहाड़ी के मध्य में स्थित है। खास बात ये है कि इस मंदिर में माता की पूजा के लिए कोई मूर्ति स्थापित नहीं है बल्कि मंदिर परिसर में चट्टान है जिसकी पूजा की जाती है। यहां मासिक धर्म के दौरान मंदिर में कोई भी महिला नहीं जाती है।

केरल का पद्मनाभस्वामी मंदिर देश भर में प्रसिद्ध है। देश के सबसे अमिर मंदिरों में से एक है। बताया जाता है कि सबसे पहले भगवान विष्णु की इसी स्थान पर प्रतिमा प्राप्त हुई थी। कहते हैं कि यहां महिलाएं भगवान विष्णु की पूजा तो कर सकती हैं लेकिन मंदिर कक्ष में प्रवेश नहीं कर सकतीं है। महिलाओं के साथ-साथ यहां पुरुषों को भी देसी भूषभूषा में मंदिर जाना होता है।

सबरीमाला दक्षिण भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यहां करोड़ों श्रद्धालु हर साल दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर हिंदू ब्रह्मचर्य देवता अयप्पन को समर्पित है। कहा जाता है कि सबरीमाला मंदिर में आने के लिए श्रद्धालुओं को 41 दिनों का व्रत रखना पड़ता है। लेकिन महिलाओं को बीच में पीरियड हो जाते हैं जिस कारण से वह व्रत पूरा नहीं कर पाती हैं, इसलिए उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है।

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Astrology 2022 : वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा वर्ष 2022

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calendar01 Dec 2025 03:09 PM
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वर्ष 2021 अब समाप्ति की ओर है। डेढ़ माह बाद हम सभी नए साल में प्रवेश कर जाएंगे। 2020 की भांति 2021 में भी कोरोना का प्रकोप रहा। बहुत से लोग वर्ष 2021 को भी अपने लिए अनलकी मानते हैं। अब 2022 को लेकर ही आशाएं व्यक्त की जा रही हैं। आइए जानते हैं कि वर्ष 2022 में आपके लिए क्या खास रहने वाला है।

वृषभ साल 2022 आपको सामान्य फल देने वाला है। 16 जनवरी को मंगल का धनु राशि में होने वाला गोचर अष्टम भाव को प्रभावित करेगा। इस भाव को आयु भाव भी कहते हैं। मंगल का यह गोचर भाग्य का साथ देने वाला है। साल 2022 में आप जीवन में अपार सफलता हासिल कर सकेंगे। जनवरी से जून के दौरान छात्र अपनी शिक्षा में शुभ फल प्राप्त करेंगे। मंगल उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर बनाएगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है। सेहत में भी सही सुधार आएगा और आप बेहतर स्वास्थ्य का आनंद लेते दिखाई देंगे। साल 2022 में करियर के क्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिलेंगे, आप तरक्की कर सकेंगे। शनि आपकी राशि से नवम भाव यानी भाग्य भाव में उपस्थित रहेंगे, यह स्थिति आपकी आय में वृद्धि करेगी। अप्रैल में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन भी होगा। धन और संपत्ति को जुटाने में बाधा दूर होगी। अगस्त में सूर्य और बुध ग्रह का सिंह राशि में एक साथ संयोग बन रहा है यह आपकी राशि के चतुर्थ भाव में बुधादित्य योग का निर्माण करेगा, जिससे आर्थिक तंगी दूर हो सकेगी। इस दौरान मंगल ग्रह वृषभ में अपना गोचर करते हुए कार्यस्थल पर वेतन वृद्धि होने के योग बनाएंगे। साल 2022 के नवंबर माह में बृहस्पति राशि से एकादश भाव में विराजमान होंगे, यह स्थिति इच्छाओं की पूर्ति के लिए ख़र्च की ओर प्रेरित करेगी। वर्ष 2022 में मई के मध्य तीन ग्रहों (मंगल, शुक्र और गुरु बृहस्पति) का एक साथ युति करना भी जीवन में अच्छी संभावना दर्शा रहा है। विशेष रूप से अगस्त से लेकर अक्टूबर तक की अवधि में, आपके आंगन में खुशियों का आगमन होगा। इस वर्ष के अंतिम तीन महीनों में यानी अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में संतान सुख मिल सकता है। बुध का नवम भाव यानी भाग्य भाव में गोचर आपके संबंधों में प्रेम और रोमांस की वृद्धि करने वाला है।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी
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