NTPC : किसानों को अब रोजगार देना संभव नहीं : एनटीपीसी





E-Commerce : नई दिल्ली। भारत को 2030 तक ई-कॉमर्स के जरिये 350 अरब डॉलर के माल निर्यात का लक्ष्य रखना चाहिए और इसके लिए सरकार को एक अलग नीति तैयार करने की जरूरत है। आर्थिक थिंक टैंक GTRI ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि भारत में थोक निर्यातकों (बी2बी) के लिए मौजूदा ई-कॉमर्स निर्यात प्रावधानों में कई जटिलताएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के ई-कॉमर्स निर्यात में 2000 के दशक की शुरुआत में देखे गए आईटी निर्यात की तुलना में तेज गति से बढ़ने की क्षमता है।
रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक व्यापार-से-उपभोक्ता (बी2सी) या खुदरा ई-कॉमर्स निर्यात 2030 तक मौजूदा 800 अरब डॉलर से बढ़कर 8,000 अरब डॉलर होने का अनुमान है। भारत इन रुझानों से फायदा उठाने की प्रमुख स्थिति में है।
जीटीआरआई ने ऑनलाइन माध्यम से देश के निर्यात में तेजी लाने के लिए 21 कार्रवाई बिंदुओं की पहचान की है।
भारत का मौजूदा ई-कॉमर्स निर्यात उसकी क्षमता से काफी कम है। इस समय ई-कॉमर्स निर्यात केवल दो अरब डॉलर का है, जो देश के कुल माल निर्यात का 0.5 प्रतिशत से भी कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश को 2030 तक ई-कॉमर्स के जरिए 350 अरब डॉलर का निर्यात करने की योजना बनानी चाहिए। ऐसे में ई-कॉमर्स निर्यात के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर ध्यान देने की जरूरत होगी।
E-Commerce : नई दिल्ली। भारत को 2030 तक ई-कॉमर्स के जरिये 350 अरब डॉलर के माल निर्यात का लक्ष्य रखना चाहिए और इसके लिए सरकार को एक अलग नीति तैयार करने की जरूरत है। आर्थिक थिंक टैंक GTRI ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि भारत में थोक निर्यातकों (बी2बी) के लिए मौजूदा ई-कॉमर्स निर्यात प्रावधानों में कई जटिलताएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के ई-कॉमर्स निर्यात में 2000 के दशक की शुरुआत में देखे गए आईटी निर्यात की तुलना में तेज गति से बढ़ने की क्षमता है।
रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक व्यापार-से-उपभोक्ता (बी2सी) या खुदरा ई-कॉमर्स निर्यात 2030 तक मौजूदा 800 अरब डॉलर से बढ़कर 8,000 अरब डॉलर होने का अनुमान है। भारत इन रुझानों से फायदा उठाने की प्रमुख स्थिति में है।
जीटीआरआई ने ऑनलाइन माध्यम से देश के निर्यात में तेजी लाने के लिए 21 कार्रवाई बिंदुओं की पहचान की है।
भारत का मौजूदा ई-कॉमर्स निर्यात उसकी क्षमता से काफी कम है। इस समय ई-कॉमर्स निर्यात केवल दो अरब डॉलर का है, जो देश के कुल माल निर्यात का 0.5 प्रतिशत से भी कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश को 2030 तक ई-कॉमर्स के जरिए 350 अरब डॉलर का निर्यात करने की योजना बनानी चाहिए। ऐसे में ई-कॉमर्स निर्यात के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर ध्यान देने की जरूरत होगी।