उपराष्ट्रपति धनखड़ ने रातोंरात कर दी बड़ी घोषणा, जल्द ही होगी संसदीय नेताओं की अहम बैठक

Jagdeep Dhankhar 1
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:17 AM
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Delhi News : दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिलने के बाद एक बार फिर से राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) चर्चा में आ गया है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने घोषणा की कि वह शीघ्र ही राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के संसदीय नेताओं की बैठक बुलाएंगे, ताकि एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे पर चर्चा की जा सके।

सभी पार्टियों के नेताओं से चर्चा करेंगे धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ एनजेएसी अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2015 में रद किए जाने के खिलाफ मुखर आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को फिर से उठाने के लिए वह सभी पार्टियों के नेताओं से चर्चा करेंगे।राज्यसभा के सभापति ने सोमवार को इस संबंध में भाजपा नेता जेपी नड्डा और प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। यह बैठक खासतौर पर 21 मार्च को कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा उच्च सदन में उठाए गए जस्टिस वर्मा के घर से नकदी बरामदगी के मुद्दे के संदर्भ में बुलाई गई थी।

यदि कानून किया जाता लागू तो इन विवादों का नहीं करना पड़ता सामना

धनखड़ ने इस बैठक में बताया कि 2014 में एनजेएसी एक्ट को संसद में पारित किया गया था, जिसमें न्यायिक नियुक्तियों के लिए एक स्पष्ट तंत्र प्रस्तावित किया गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया। उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि यह ऐतिहासिक विधेयक संसद द्वारा अत्यधिक सहमति से पारित किया गया था। यदि इस कानून को लागू किया गया होता तो शायद हमें ऐसे विवादों का सामना नहीं करना पड़ता।धनखड़ ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष से विचार-विमर्श करेंगे।

आगे की चर्चा का रास्ता साफ होने की संभावना

वहीं, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आशंका जताई कि केंद्र सरकार जज के आवास से नकदी बरामदगी का इस्तेमाल न्यायिक नियुक्तियों पर नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास के रूप में कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि इस तरह के मुद्दे को उछालने से एनजेएसी को फिर से लागू करने का एक बड़ा प्रयास हो सकता है। इस सब के बीच, एनजेएसी अधिनियम और न्यायिक जवाबदेही पर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है, और इस पर आगे की चर्चा का रास्ता साफ होने की संभावना है। Delhi News

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Delhi News : दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिलने के बाद एक बार फिर से राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) चर्चा में आ गया है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने घोषणा की कि वह शीघ्र ही राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के संसदीय नेताओं की बैठक बुलाएंगे, ताकि एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे पर चर्चा की जा सके।

सभी पार्टियों के नेताओं से चर्चा करेंगे धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ एनजेएसी अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2015 में रद किए जाने के खिलाफ मुखर आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को फिर से उठाने के लिए वह सभी पार्टियों के नेताओं से चर्चा करेंगे।राज्यसभा के सभापति ने सोमवार को इस संबंध में भाजपा नेता जेपी नड्डा और प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। यह बैठक खासतौर पर 21 मार्च को कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा उच्च सदन में उठाए गए जस्टिस वर्मा के घर से नकदी बरामदगी के मुद्दे के संदर्भ में बुलाई गई थी।

यदि कानून किया जाता लागू तो इन विवादों का नहीं करना पड़ता सामना

धनखड़ ने इस बैठक में बताया कि 2014 में एनजेएसी एक्ट को संसद में पारित किया गया था, जिसमें न्यायिक नियुक्तियों के लिए एक स्पष्ट तंत्र प्रस्तावित किया गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया। उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि यह ऐतिहासिक विधेयक संसद द्वारा अत्यधिक सहमति से पारित किया गया था। यदि इस कानून को लागू किया गया होता तो शायद हमें ऐसे विवादों का सामना नहीं करना पड़ता।धनखड़ ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष से विचार-विमर्श करेंगे।

आगे की चर्चा का रास्ता साफ होने की संभावना

वहीं, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आशंका जताई कि केंद्र सरकार जज के आवास से नकदी बरामदगी का इस्तेमाल न्यायिक नियुक्तियों पर नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास के रूप में कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि इस तरह के मुद्दे को उछालने से एनजेएसी को फिर से लागू करने का एक बड़ा प्रयास हो सकता है। इस सब के बीच, एनजेएसी अधिनियम और न्यायिक जवाबदेही पर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है, और इस पर आगे की चर्चा का रास्ता साफ होने की संभावना है। Delhi News

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किसानों के लिए 'नो लोन'! लोकसभा में निर्मला सीतारमण क्यों नहीं कर रही खुलकर बात?

Nirmala Sitaraman
Farmers Loan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:58 AM
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Farmers Loan : लोकसभा में किसानों को लोन न मिलने के मामले पर सवाल उठाए गए थे खासकर सिबिल स्कोर के कारण लोन न मिलने की स्थिति पर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सीधे तौर पर यह नहीं बताया कि क्या सरकार को इस समस्या का पता है या नहीं और क्या इसकी जांच की गई है। इसके बजाय निर्मला सीतारमण ने यह बताया कि, सरकार किसानों को कर्ज देने के लिए कई उपाय कर रही है और बगैर बंधक के कर्ज की सीमा को भी बढ़ा दिया गया है।

सिबिल स्कोर के मुद्दे पर बैंकों को दिया गया अधिकार

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने 2019 में सभी बैंकों को यह निर्देश दिया था कि वे किसानों को तीन लाख रुपये तक का कर्ज बिना किसी प्रोसेसिंग या सेवा शुल्क के दें। इसके अलावा, 2024 में एक और आदेश जारी किया गया, जिसमें बगैर बंधक के कर्ज की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। हालांकि, सिबिल स्कोर के मुद्दे पर बैंकों को यह अधिकार दिया गया है कि वे कर्ज देने के निर्णय में ग्राहकों के पुराने कर्ज की जानकारी के आधार पर फैसला लें।

खराब सिबिल स्कोर की वजह से किसानों को नहीं मिल रहा था कर्ज

पिछले साल महाराष्ट्र में भी यह मुद्दा उठ चुका था, जहां किसानों को खराब सिबिल स्कोर के कारण कर्ज नहीं मिल रहा था। उस समय महाराष्ट्र सरकार ने बैंकों को चेतावनी दी थी कि अगर वे कर्ज देने से इनकार करेंगे, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अब सवाल यह है कि सरकार इस सिबिल स्कोर के मुद्दे का समाधान कब तक निकालेगी और किसानों को लोन मिलने में आ रही इन दिक्कतों को कैसे दूर किया जाएगा।

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