बुध प्रदोष व्रत: कल रखा जाएगा साल 2023 का पहला प्रदोष व्रत , बन रहे हैं ये शुभ संयोग





Horoscope 2023 : नया साल 2023 शुरु हो चुका है। सभी को नए साल 2023 से बहुत सारी उम्मीदें हैं। वैसे तो यह साल सभी को मिला जुला फल प्रदान करेगा, (Horoscope 2023) लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं, जिन पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी, यानि कि इन राशि वालों को सालभर धन लाभ होता रहेगा। (Horoscope 2023) आइए जानते हैं कि तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ व मीन वालों के लिए यह साल कैसा रहेगा।
तुला राशि
वर्ष की शुरुआत से 30 अक्टूबर तक इस राशि पर केतु का संचार रहने से घरेलु तनाव, कार्यक्षेत्र संबंधी परेशानियां एवं गुप्त चिन्ताएं बनी रहेगी। 17 जन तक शनि की ढैय्या भी रहेगी। 15 फरवरी से 11 मार्च तक राशिस्वामी शुक्र मीन (उच्च) राशि, 12 मार्च से 5 अप्रैल तक शुक्र की स्वगृही दृष्टि रहने से मान- प्रतिष्ठा में वृद्धि, अचानक धन-लाभ व उन्नति होगी। 14 अप्रैल से 14 मई तक इस राशि पर सूर्य की नीच दृष्टि तथा 22 अप्रैल से वर्ष के अंत तक गुरु की शत्रु दृष्टि रहने से बनते कामों में अड़चने पैदा होंगी। 30 मई से 2 नवंबर के मध्य राशिस्वामी शुक्र क्रमशः कर्क व सिंह राशि में संचारित होने से मिश्रित फल प्राप्त होंगे।
वृश्चिक राशि
17 जनवरी से साल के अंत तक इस राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहने से संघर्षमयी परिस्थितियां रहेंगी। परंतु वर्ष की शुरुआत से 21 अप्रैल तक गुरु की शुभ दृष्टि तथा 1 जनवरी से 12 मार्च तक मंगल की स्वगृही दृष्टि रहने से नए उच्चाधिकारियों के साथ संबंध बनेंगे। 12 मार्च से 9 मई तक मंगल अष्टमस्थ, तदुपरान्त 30 जून तक नीचस्थ (कर्क राशिगत) संचार करने से स्वास्थ्य संबंधी विशेष सावधानी बरतें। 30 जून से 17 अगस्त तक इस राशि पर मंगल की स्वगृही चतुर्थ दृष्टि रहने से संघर्ष के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
धनु राशि
साल की शुरुआत से 16 जनवरी तक इस राशि पर शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहने से कार्य व्यवसाय में विघ्न बाधाओं के कारण उलझनें बढ़ेंगी। 17 जन से साल के अंत तक द्वादश (व्यय) भाव पर शनि की विशेष दशम दृष्टि होने से वर्ग के पूर्वार्द्ध भाग में आय कम व खर्च अधिक रहेंगे। राशिस्वामी गुरु चतुर्थ भाव में होने से भूमि, सवारी आदि सुख-साधनों की प्राप्ति भी होगी। 22 अप्रैल से साल के अंत तक इस राशि पर गुरु की स्वगृही दृष्टि रहने से बिगड़े हुए काम बनेंगे। 18 अगस्त से 3 अक्टूबर तक मंगल की दृष्टि धनु राशि पर होने से विद्या में सफलता तथा सोची योजनाओं में कामयाबी होगी।
मकर राशि
वर्षभर मकर राशि पर शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। 16 जन तक राशिस्वामी शनि लग्नस्य तदुपरान्त 17 जन से वर्ष के अंत तक द्वितीय भाव में संचार करेगा तथा चतुर्थस्थ राहु पर नीच दृष्टि रखेगा। बेकार की दौड़-धूप तथा खर्च अधिक रहेंगे। 14 जनवरी से 12 फरवरी के मध्य इस राशि पर सूर्य का संचार 2 रहने से भी आय कम तथा खर्च अधिक रहेंगे। 13 फरवरी से 14 मार्च के मध्य द्वितीय भाव में 'सूर्य-शनि' योग होने से निकट बन्धुओं के साथ मतभेद एवं तकरार के हालात बनेंगे। 13 मार्च से 9 मई तक मंगल की अष्टम दृष्टि रहने से क्रोध, उत्तेजना अधिक रहेगी। 10 मई से 30 जून तक मंगल की स्वोज दृष्टि रहने से अत्यधिक संघर्ष के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। 3 अक्टूबर से 16 नवंबर तक मंगल की पुनः चतुर्थ उच्च दृष्टि रहने से पुरुषार्थ में वृद्धि, निकटस्थ सम्बन्धियों से मेल-मिलाप, वाहनादि सुख-साधनों में भी वृद्धि होगी।
कुंभ राशि
साल की शुरुआत से 16 जनवरी तक राशिस्वामी शनि 12 तथा 17 जनवरी से साल के अंत तक लग्न (इसी राशि में) भाव में संचार करने से इस राशि पर शनि साढ़ेसाती' का प्रभाव रहेगा। फलत: व्यवसाय/ सर्विस सम्बन्धी दौड़-धूप, वृथा परिश्रम एवं खर्च भी बहुत अधिक रहे, परन्तु इन सबके बावजूद पुरुषार्थ में वृद्धि, व्यवसाय सम्बन्धी नई नई योजनाएँ भी बनेंगी। 13 फरवरी से 14 मार्च के मध्य सूर्य इस राशि पर शनि युक्त होने से बनते कार्यों में अड़चनें उत्पन्न होंगी। 10 मई से 17 अगस्त तक मंगल की शत्रु दृष्टि रहने से शरीर कष्ट व उलझनें बढ़ेंगी तथा 17 जून से 3 नवंबर तक शनि वक्री होने से व्यवसाय एवं गृहस्थ सम्बन्धी उलझनें बढ़ेंगी।
मीन राशि
1 जनवरी से 21 अप्रैल तक राशि स्वामी गुरु का संचार स्वराशि मीन में ही रहेगा, फलतः उसकी शुभ दृष्टियां पंचम एवं नवम (भाग्य) स्थानों पर विशेष रूप से रहेगी। 17 जन से साल के अंत तक शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहने से बनते कामों में अड़चनें तथा व्यवसाय में भी आशानुकूल धन लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा। 22 अप्रैल से साल के अंत तक गुरु दूसरे भाव (मेष राशि) में संचार करेगा, जिससे आय में कमी तथा खचों में विशेष वृद्धि होगी। गुरु राहु योग रहने से किसी निकटस्थ बन्धु से धोखा मिलने की भी सम्भावना है। 30 अक्टूबर के बाद राहु का संचार इस राशि पर होने से नई-नई समस्याएं उत्पन्न होती रहेंगी।
Horoscope 2023 : नया साल 2023 शुरु हो चुका है। सभी को नए साल 2023 से बहुत सारी उम्मीदें हैं। वैसे तो यह साल सभी को मिला जुला फल प्रदान करेगा, (Horoscope 2023) लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं, जिन पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी, यानि कि इन राशि वालों को सालभर धन लाभ होता रहेगा। (Horoscope 2023) आइए जानते हैं कि तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ व मीन वालों के लिए यह साल कैसा रहेगा।
तुला राशि
वर्ष की शुरुआत से 30 अक्टूबर तक इस राशि पर केतु का संचार रहने से घरेलु तनाव, कार्यक्षेत्र संबंधी परेशानियां एवं गुप्त चिन्ताएं बनी रहेगी। 17 जन तक शनि की ढैय्या भी रहेगी। 15 फरवरी से 11 मार्च तक राशिस्वामी शुक्र मीन (उच्च) राशि, 12 मार्च से 5 अप्रैल तक शुक्र की स्वगृही दृष्टि रहने से मान- प्रतिष्ठा में वृद्धि, अचानक धन-लाभ व उन्नति होगी। 14 अप्रैल से 14 मई तक इस राशि पर सूर्य की नीच दृष्टि तथा 22 अप्रैल से वर्ष के अंत तक गुरु की शत्रु दृष्टि रहने से बनते कामों में अड़चने पैदा होंगी। 30 मई से 2 नवंबर के मध्य राशिस्वामी शुक्र क्रमशः कर्क व सिंह राशि में संचारित होने से मिश्रित फल प्राप्त होंगे।
वृश्चिक राशि
17 जनवरी से साल के अंत तक इस राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहने से संघर्षमयी परिस्थितियां रहेंगी। परंतु वर्ष की शुरुआत से 21 अप्रैल तक गुरु की शुभ दृष्टि तथा 1 जनवरी से 12 मार्च तक मंगल की स्वगृही दृष्टि रहने से नए उच्चाधिकारियों के साथ संबंध बनेंगे। 12 मार्च से 9 मई तक मंगल अष्टमस्थ, तदुपरान्त 30 जून तक नीचस्थ (कर्क राशिगत) संचार करने से स्वास्थ्य संबंधी विशेष सावधानी बरतें। 30 जून से 17 अगस्त तक इस राशि पर मंगल की स्वगृही चतुर्थ दृष्टि रहने से संघर्ष के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
धनु राशि
साल की शुरुआत से 16 जनवरी तक इस राशि पर शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहने से कार्य व्यवसाय में विघ्न बाधाओं के कारण उलझनें बढ़ेंगी। 17 जन से साल के अंत तक द्वादश (व्यय) भाव पर शनि की विशेष दशम दृष्टि होने से वर्ग के पूर्वार्द्ध भाग में आय कम व खर्च अधिक रहेंगे। राशिस्वामी गुरु चतुर्थ भाव में होने से भूमि, सवारी आदि सुख-साधनों की प्राप्ति भी होगी। 22 अप्रैल से साल के अंत तक इस राशि पर गुरु की स्वगृही दृष्टि रहने से बिगड़े हुए काम बनेंगे। 18 अगस्त से 3 अक्टूबर तक मंगल की दृष्टि धनु राशि पर होने से विद्या में सफलता तथा सोची योजनाओं में कामयाबी होगी।
मकर राशि
वर्षभर मकर राशि पर शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। 16 जन तक राशिस्वामी शनि लग्नस्य तदुपरान्त 17 जन से वर्ष के अंत तक द्वितीय भाव में संचार करेगा तथा चतुर्थस्थ राहु पर नीच दृष्टि रखेगा। बेकार की दौड़-धूप तथा खर्च अधिक रहेंगे। 14 जनवरी से 12 फरवरी के मध्य इस राशि पर सूर्य का संचार 2 रहने से भी आय कम तथा खर्च अधिक रहेंगे। 13 फरवरी से 14 मार्च के मध्य द्वितीय भाव में 'सूर्य-शनि' योग होने से निकट बन्धुओं के साथ मतभेद एवं तकरार के हालात बनेंगे। 13 मार्च से 9 मई तक मंगल की अष्टम दृष्टि रहने से क्रोध, उत्तेजना अधिक रहेगी। 10 मई से 30 जून तक मंगल की स्वोज दृष्टि रहने से अत्यधिक संघर्ष के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। 3 अक्टूबर से 16 नवंबर तक मंगल की पुनः चतुर्थ उच्च दृष्टि रहने से पुरुषार्थ में वृद्धि, निकटस्थ सम्बन्धियों से मेल-मिलाप, वाहनादि सुख-साधनों में भी वृद्धि होगी।
कुंभ राशि
साल की शुरुआत से 16 जनवरी तक राशिस्वामी शनि 12 तथा 17 जनवरी से साल के अंत तक लग्न (इसी राशि में) भाव में संचार करने से इस राशि पर शनि साढ़ेसाती' का प्रभाव रहेगा। फलत: व्यवसाय/ सर्विस सम्बन्धी दौड़-धूप, वृथा परिश्रम एवं खर्च भी बहुत अधिक रहे, परन्तु इन सबके बावजूद पुरुषार्थ में वृद्धि, व्यवसाय सम्बन्धी नई नई योजनाएँ भी बनेंगी। 13 फरवरी से 14 मार्च के मध्य सूर्य इस राशि पर शनि युक्त होने से बनते कार्यों में अड़चनें उत्पन्न होंगी। 10 मई से 17 अगस्त तक मंगल की शत्रु दृष्टि रहने से शरीर कष्ट व उलझनें बढ़ेंगी तथा 17 जून से 3 नवंबर तक शनि वक्री होने से व्यवसाय एवं गृहस्थ सम्बन्धी उलझनें बढ़ेंगी।
मीन राशि
1 जनवरी से 21 अप्रैल तक राशि स्वामी गुरु का संचार स्वराशि मीन में ही रहेगा, फलतः उसकी शुभ दृष्टियां पंचम एवं नवम (भाग्य) स्थानों पर विशेष रूप से रहेगी। 17 जन से साल के अंत तक शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहने से बनते कामों में अड़चनें तथा व्यवसाय में भी आशानुकूल धन लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा। 22 अप्रैल से साल के अंत तक गुरु दूसरे भाव (मेष राशि) में संचार करेगा, जिससे आय में कमी तथा खचों में विशेष वृद्धि होगी। गुरु राहु योग रहने से किसी निकटस्थ बन्धु से धोखा मिलने की भी सम्भावना है। 30 अक्टूबर के बाद राहु का संचार इस राशि पर होने से नई-नई समस्याएं उत्पन्न होती रहेंगी।