Bihar News: एसआईटी से जांच कराने का अनुरोध करने वाली याचिका दायर

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calendar01 Dec 2025 01:04 PM
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Bihar News: नयी दिल्ली। बिहार में हाल में हुई जहरीली शराब त्रासदी की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने का अनुरोध करने वाली एक याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की गई है। इस त्रासदी में 28 लोगों की मौत हो चुकी है।

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प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष इस याचिका का जिक्र इसे तत्काल सूचीबद्ध किए जाने के लिए किया गया। पीठ ने इस मामले का जिक्र करने वाले वकील पवन प्रकाश पाठक से कहा कि याचिकाकर्ता को मामले को सूचीबद्ध करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा। शीर्ष अदालत का शुक्रवार से दो सप्ताह का शीतकालीन अवकाश आरंभ हो जाएगा। इसके बाद न्यायालय का कामकाज दो जनवरी को आरंभ होगा। सारण जिले के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बिहार में जहरीली शराब के सेवन से दो और लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 28 हो गई है। सारण के जिलाधिकारी (डीएम) राजेश मीणा ने बताया कि जिले में संदिग्ध जहरीली शराब के सेवन से (बृहस्पतिवार रात तक) मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई। जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने अप्रैल, 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस बीच विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि सरकार जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की कुल संख्या को छिपा रही है।

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National News: संपत्ति बंटवारे पर आंध्र प्रदेश की याचिका पर जनवरी में होगी सुनवाई

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National Nwes:
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 07:40 AM
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NNational News: नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार की तेलंगाना के साथ संपत्तियों का समान एवं शीघ्रता से बंटवारा करने संबंधी याचिका पर वह जनवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई करेगा।

National News:

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की एक पीठ ने आंध्र प्रदेश सरकार से याचिका की एक प्रति तेलंगाना को देने को कहा। पीठ ने कहा, इससे संबंधित और याचिकाएं भी लंबित हैं। आप प्रतिवादी को इसकी एक प्रति सौंपे। आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि एक असाधारण स्थिति उत्पन्न हो गई है और इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह जनवरी 2023 के दूसरे सप्ताह में मामले पर सुनवाई करेंगे। आंध्र प्रदेश ने याचिका में दलील दी है कि तेलंगाना के गठन के आठ साल से अधिक समय बाद भी संपत्तियों का वास्तविक बंटवारा शुरू नहीं हुआ है। संपत्तियों का बंटवारा नहीं किए जाने के चलते तेलंगाना को फायदा हुआ है क्योंकि इनमें से 91 प्रतिशत संपत्तियां हैदराबाद में स्थित हैं। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश का विभाजन किए जाने के बाद दो जून 2014 को तेलंगाना अस्तित्व में आया था।  
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International News: भारत ने ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स' लॉन्च किया

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International News:
locationभारत
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calendar16 Dec 2022 09:20 PM
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International News: संयुक्त राष्ट्र। भारत ने शांतिरक्षकों के खिलाफ होने वाले अपराधों के प्रति जवाबदेही बढ़ाने के लिए ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ पहल शुरू की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घोषणा की है कि नई दिल्ली के पास जल्द एक ऐसा डेटाबेस होगा, जिस पर शांतिरक्षकों के खिलाफ होने वाले सभी अपराधों को दर्ज किया जाएगा।

International News:

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अपनी अध्यक्षता के दौरान बृहस्पतिवार को ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स टू प्रमोट अकाउंटेबिलिटी फॉर क्राइम्स अगेंस्ट पीसकीपर्स’ पहल शुरू की थी। भारत, बांग्लादेश, मिस्र, फ्रांस, मोरक्को और नेपाल इस समूह के सह-अध्यक्ष हैं। ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ की शुरुआत के मौके पर दिए संबोधन में जयशंकर ने कहा, संयुक्त राष्ट्र का शांति अभियान आज पहले की तुलना में कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। शांति अभियान अब ज्यादा अस्पष्ट और जटिल वातावरण में भी चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, आज के शांतिरक्षकों पर सिर्फ शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उन पर बेहद अशांत और अस्थिर क्षेत्रों में कड़ा अभियान चलाने का दारोमदार भी है। सशस्त्र समूहों, आतंकवादियों और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध गिरोहों की संलिप्तता ने शांतिरक्षकों के काम पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। जयशंकर ने कहा कि ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2589 के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में सदस्य देशों, खासकर पुलिस और सशस्त्र बल प्रदान करने वाले देशों की ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ का प्रतिनिधित्व करता है। यूएनएससी का प्रस्ताव 2589 पिछले साल अगस्त में भारत की अध्यक्षता में अपनाया गया था। इसमें वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों की मेजबानी करने वाले या अतीत में ऐसा कर चुके सदस्य देशों से आह्वान किया गया था कि वे संयुक्त राष्ट्र के कर्मियों की हत्या या अपहरण करने वालों और उनके खिलाफ हिंसा को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सभी उचित उपाय करें। प्रस्ताव में सदस्य देशों से ऐसे कृत्यों की जांच करने के लिए और इनके साजिशकर्ताओं के खिलाफ अपने राष्ट्रीय कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का भी आह्वान किया गया था।

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