Nagaland Assembly: नगालैंड विधानसभा के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला बनकर हेखानी जखालू ने रचा इतिहास

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Nagaland Assembly
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:17 AM
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Nagaland Assembly/ कोहिमा। नगालैंड विधानसभा के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला बनकर हेखानी जखालू ने बृहस्पतिवार को इतिहास रच दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि दीमापुर-तीन सीट से नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपीपी) की उम्मीदवार जखालू ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (लोजपा-रामविलास) के अजेतो जिमोमी को 1,536 मतों के अंतर से हराया। इस बार नगालैंड विधानसभा चुनाव में चार महिला उम्मीदवारों - हेखानी जखालू, सलहूतु क्रुसे, हुकली सेमा और रोजी थॉम्पसन ने चुनाव लड़ा है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार एनडीपीपी की सलहूतु क्रूसे पश्चिमी अंगामी सीट से आगे हैं और भाजपा की हुकली सेमा भी अतोइजू निर्वाचन क्षेत्र से आगे हैं।

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Tripura Political : त्रिपुरा में किंगमेकर की भूमिका निभाएगी टिपरा मोठा

Tripura motha
Tipra Motha will play the role of kingmaker in Tripura
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Mar 2023 06:53 PM
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अगरतला। Tripura Political: Tipra Motha will play the role of kingmaker in Tripuraद्वारा बनाई गई नई पार्टी ‘टिपरा मोठा’ राज्य में अगली सरकार के गठन में अहम भूमिका निभा सकती है।

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त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतगणना के बीच टिपरा मोठा अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 20 में से 12 सीटों पर आगे है। इससे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन और विपक्षी कांग्रेस-वाम गठबंधन की जीत की संभावनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

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ताजा रुझानों के मुताबिक, भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन 30 सीटों पर आगे है। इस तरह, वह बहुमत के जादुई आंकड़े से महज एक सीट दूर है। रुझानों के अनुसार, विपक्षी कांग्रेस-वाम गठबंधन को 17 सीटों पर बढ़त हासिल है। रुझान संकेत देते हैं कि टिपरा मोठा राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाने में सफल रहा है। त्रिपुरा में 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 10 सीटें जीती थीं, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने आठ सीटें हासिल की थीं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित दो सीटें जीती थीं। इस बार, टिपरा मोठा प्रमुख आदिवासी पार्टी के रूप में आईपीएफटी की जगह लेने में सफल रही है, क्योंकि देबबर्मा के ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की स्थापना के वादे के बलबूते उसे आदिवासी मतदाताओं के एक बड़े वर्ग के बीच व्यापक समर्थन हासिल हुआ है।

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आईपीएफटी के साथ भाजपा के गठबंधन को 2018 के चुनाव में वाम मोर्चा सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने वाले प्रमुख कारकों में शुमार किया गया था। आईपीएफटी के 2018 के चुनावों से पहले किए गए ‘टिपरालैंड’ की स्थापना के वादे को पूरा करने में नाकाम रहने के बाद देबबर्मा ने अपनी शाही विरासत को भुनाते हुए व्यवस्थित रूप से आदिवासी क्षेत्रों में पैठ बनानी शुरू कर दी। धीरे-धीरे वह खुद को आदिवासियों के संरक्षक के रूप में चित्रित करने में कामयाब रहे, जिन्होंने उन्हें ‘बुबगरा’ (राजा) कहना शुरू कर दिया। इससे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आईपीएफटी की लोकप्रियता में भारी गिरावट आने लगी।

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देबबर्मा की टिपरा मोठा अप्रैल 2022 में अपने गठन के महज तीन महीने बाद त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के लिए हुए चुनावों में आईपीएफटी को शून्य पर समेटने में सफल रही। कभी पहाड़ों में दबदबा रखने वाली माकपा का जनाधार भी टिपरा मोठा के कारण कमजोर पड़ा है। टीटीएएडीसी चुनाव में टिपरा मोठा ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को दस सीटों से संतोष करना पड़ा था। दोस्ती की कई कोशिशों के बावजूद न तो सत्तारूढ़ भाजपा और न ही विपक्षी दल माकपा विधानसभा चुनावों के लिए टिपरा मोठा के साथ गठबंधन करने में कामयाब हो पाई। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Business News : रिलायंस कैपिटल मामले में होगी एक और दौर की नीलामी : एनसीएलएटी

Nclt
Reliance Capital case to have another round of auction: NCLAT
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:57 AM
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के समाधान के मामले में ऋणदाताओं की नीलामी की एक और दौर की याचिका को स्वीकार कर लिया है। कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है।

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एनसीएलएटी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के पास ऊंची बोली के प्रयास करने का अधिकार है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने सीओसी को चुनौती तंत्र को जारी रखने और दो सप्ताह बाद बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति दी है।

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एनसीएलएटी ने यह आदेश विस्ट्रा आईटीसीएल (इंडिया) लिमिटेड की याचिका पर दिया है। विस्ट्रा अनिल अंबानी प्रवर्तित कंपनी के ऋणदाताओं में से है। याचिका में एनसीएलटी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें दिवालिया कंपनी के लिए और नीलामी पर रोक लगाई गई थी।

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रिलायंस कैपिटल के मामले में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। हालांकि, कंपनी की ऋणदाताओं की समिति ने दूसरा चुनौती तंत्र चलाने का फैसला किया। उसके बाद हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने संशोधित बोली जमा कराई।

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टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष इसे चुनौती दी। एनसीएलटी ने दो फरवरी को कहा कि वित्तीय बोली के लिए चुनौती व्यवस्था या तंत्र 21 दिसंबर, 2022 को पूरा हो गया है। इसके बाद टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने नौ जनवरी को नई याचिका दायर कर न्यायाधिकरण से ऋणदाताओं की नए सिरे से नीलामी की योजना पर रोक लगाने की अपील की। बाद में आईआईएचएल ने भी एक याचिका दायर कर एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी। आईआईएचएल ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की। समाधान प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।