उत्तर प्रदेश में है वो शहर जिसे कहते हैं 'कालीन नगरी'

उत्तर प्रदेश में है वो शहर जिसे कहते हैं 'कालीन नगरी'
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Oct 2025 02:15 PM
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उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले का अपना एक इतिहास और खास पहचान है। उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को उनके गुणों के अनुसार अलग-अलग नाम दिए गए हैं, जैसे ताज नगरी, तालानगरी, उद्योग नगरी। इसी तरह, उत्तर प्रदेश में 'कालीन नगरी' भी है। वैसे तो कालीन के लिए मिर्ज़ापुर मशहूर है, लेकिन मिर्जापुर के अलावा भदोही को भी कालीन के लिए जाना जाता है। वर्तमान में भदोही को संत रविदास नगर के नाम से भी जाना जाता है। UP News :

एशिया का सबसे बड़ा कालीन बुनाई केंद है भदोही

भदोही दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हाथ से बुना जाने वाला कालीन बुनाई केंद्र है। यहां प्रमुख रूप से कालीन का निर्माण होता है और इसी जिले में भारतीय कालीन प्रोद्योगिकी संस्थान भी मौजूद है। भदोही को विश्व की सबसे बड़ी हैंड टफ्टेड कालीन बनाने का गौरव हासिल है। गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में पटोदिया कंपनी द्वारा बनाई गई 12,464 वर्ग मीटर की कालीन को जगह मिली। यह कालीन कजाखिस्तान की अस्ताना ग्रैंड मस्जिद में बिछाई गई। * इस कालीन को बनाने में 1,000 कारीगरों ने 6 महीने मेहनत की। * इसे 125 टुकड़ों में कजाखिस्तान भेजा गया। * कालीन की कीमत 15 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 13.2 करोड़) है। * आॅर्डर 2021 में कोरोना काल में मिला था।

पहले ईरान के नाम था रिकार्ड

इससे पहले विश्व की सबसे बड़ी हैंड नॉटेड कालीन का रिकॉर्ड ईरान के नाम था, जिसकी कालीन 5,630 वर्ग मीटर की थी और संयुक्त अरब अमीरात की शेख जायद ग्रैंड मस्जिद में बिछाई गई थी। भदोही न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की कालीन कला और उद्योग का प्रमुख केंद्र है। इस शहर की हैंडक्राफ्टेड कालीनें दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं और इसके कारीगर वर्षों से अपने हुनर से इतिहास रच रहे हैं। UP News

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उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह की हो रही है खूब चर्चा

उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह की हो रही है खूब चर्चा
locationभारत
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calendar08 Oct 2025 01:59 PM
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उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह की खूब चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश कैडर के वर्ष-2005 बैच के IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह की बड़े पैमाने पर चर्चा होने का कारण बहुत ही खास है। उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह अभी तक दिल्ली में उपराज्यपाल के सचिव के पद की बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। दिल्ली से वापस अपने गृह प्रदेश में लौटते हुए सुरेन्द्र सिंह को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि कौन हैं उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह।   UP News

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही प्रधानमंत्री के भी पसंदीदा अधिकारी हैं सुरेन्द्र सिंह

उत्तर प्रदेश के IASअधिकारी सुरेन्द्र सिंह का पूरा परिचय बताने से पहले हम आपको बता दें कि सुरेन्द्र सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद भरोसे के अधिकारी हैं। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी पसंदीदा अधिकारी हैं। सुरेन्द्र सिंह लम्बे अर्से तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में प्रशासनिक व्यवस्था को संभाल चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर ही सुरेन्द्र सिंह को दिल्ली में उप राज्यपाल के सचिव का महत्वपूर्ण पद सौंपा गया था। दिल्ली में तैनात रहते हुए सुरेन्द्र सिंह ने दिल्ली की व्यवस्था को मजबूत बनाने का बड़ा काम किया है। हाल ही में सुरेन्द्र सिंह वापस अपने गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में वापस तैनात किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में आते ही उन्हें मुख्यमंत्री के सचिव पद पर तैनात करना इस बात का प्रमाण है कि सुरेन्द्र सिंह के ऊपर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बड़ा भरोसा है। सुरेन्द्र सिंह को ईमानदार, कत्र्तव्यनिष्ठा तथा त्वरित फैसले लेने वाले अधिकारी के रूप में बड़ी पहचान प्राप्त है।  UP News

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के रहने वाले हैं IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह

उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म मथुरा जिले के जोधपुर गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उनके पिता हरी सिंह खेती-बाड़ी से परिवार का गुजर-बसर करते थे। स्कूल से लौटने के बाद सुरेंद्र सिंह अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे। इसके बावजूद पढ़ाई के प्रति उनका समर्पण कभी कम नहीं हुआ। उनके पिता का सपना था कि बेटा कलेक्टर बने और परिवार का नाम रोशन करे। उन्होंने IAS अधिकारी बनकर पिता का सपना पूरा करके दिखा दिया। सुरेंद्र सिंह के सपनों का सफर गांव से शुरू हुआ। उन्होंने गांव के प्राथमिक विद्यालय से आठवीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उनके बड़े भाई जितेंद्र सिंह उन्हें दिल्ली ले गए। वे दिल्ली के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। वहां उन्होंने आगे की पढ़ाई की। दिल्ली से इंटरमीडिएट पास करने के बाद सुरेंद्र सिंह ने राजस्थान जाकर बीएससी और एमएससी की डिग्री हासिल की। एमएससी में वे गोल्ड मेडलिस्ट रहे।

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लगातार आगे बढ़ते रहे IAS अधिकारी सुरेन्द्र सिंह

पढ़ाई के दौरान सुरेंद्र सिंह ने कई प्रतियोगी परीक्षाएं पास कीं। उनका चयन एयरफोर्स में हुआ। इसके बाद ONGC में जियोलॉजिस्ट के रूप में नियुक्ति मिली। लेकिन पिता का सपना अधूरा था, बेटा IAS बने। सुरेंद्र सिंह ने नौकरी छोडक़र UPSC  की तैयारी शुरू की। उन्होंने तीन बार पीसीएस परीक्षा पास की, लेकिन ज्वाइन नहीं किया। सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि मैंने ठान लिया था कि IAS से कम कुछ मंजूर नहीं।  आखिरकार वर्ष 2005 में उन्होंने UPSC परीक्षा में 21वीं रैंक हासिल कर अपना और अपने पिता का सपना साकार कर दिया। सुरेंद्र सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाली श्रीमती गरिमा सिंह से विवाह किया है। उनकी दो बेटियां हैं।    UP News IAS बनने के बावजूद वे आज भी बेहद सरल जीवन जीते हैं। गांव की चूल्हे पर सिकी रोटी उन्हें आज भी सबसे प्रिय लगती है। सुरेंद्र सिंह उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो हल्की ठोकर से ही घबराने लगते हैं। अपने सपने को छोड़ देते हैं।  सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि अगर आप सपना देखते हैं तो उसे पूरा करने के लिए प्रयास भी आपको ही करना होगा। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जिलाधिकारी तथा कमिश्नर के पद पर तैनात रह चुके सुरेन्द्र सिंह को उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था की भरपूर समझ है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सचिव के तौर पर काम करने वाले उत्तर प्रदेश के इस लाड़ले बेटे सुरेन्द्र सिंह से प्रदेशवासियों को बड़ी उम्मीद है।  UP News

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने IAS सुरेंद्र सिंह को दी बड़ी जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने IAS सुरेंद्र सिंह को दी बड़ी जिम्मेदारी
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calendar30 Nov 2025 12:20 PM
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उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ IAS अधिकारी सुरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नया सचिव नियुक्त किया है। 2005 बैच के आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह हाल ही में एजीएमयूटी काडर (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) से प्रतिनियुक्ति पूरी कर राज्य में वापस लौटे हैं। सरकारी आदेश के अनुसार, सुरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री सचिवालय में सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह इससे पहले भी मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। UP News 

तीन वर्षों की प्रतिनियुक्ति पूरी कर लौटे

सुरेंद्र सिंह करीब तीन वर्षों तक एजीएमयूटी काडर में प्रतिनियुक्त रहे। सोमवार को उन्होंने राज्य में वापस योगदान दिया। प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडलायुक्त के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा अक्टूबर 2019 से मार्च 2021 तक वह मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिव के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं, जिससे उन्हें सीएम ऑफिस की कार्यप्रणाली की पहले से जानकारी है। अब उनकी नियुक्ति सचिव पद पर की गई है, जिसे एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री सचिवालय में अब तीन सचिव

सुरेंद्र सिंह की तैनाती के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय में अब तीन सचिव हो गए हैं। इससे पहले आईएएस सूर्य पाल गंगवार और भारतीय रेल सेवा के अधिकारी अमित सिंह पहले से सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वहीं मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रमुख सचिव संजय प्रसाद पहले से कार्यभार संभाल रहे हैं।

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पांच विशेष सचिव पहले से कार्यरत

वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिवों की संख्या पांच है। इन पदों पर विशाल भारद्वाज, बृजेश कुमार, ईशान प्रताप सिंह, विपिन कुमार जैन और नवनीत सिंह चहल तैनात हैं। UP News 

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