UP News: पिछली सरकारों में था माफिया राज: योगी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:14 AM
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Bareilly : बरेली (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) ने एक बार फिर प्रदेश की पूर्व सपा व बसपा सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा है कि उनके शासन में माफिया राज था और अराजकता पूरे राज्य में फैली हुई थी। सत्ता प्रायोजित दंगे, अपराध व अराजकता का तांडव होता था। कोई अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। 5 साल में भाजपा सरकार ने जो काम किया उससे न कोई दंगा, न महिलाओं व व्यापारियों का उत्पीडऩ हुआ।  पीलीभीत के पूरनपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात कही। इसके पहले उन्होंने कहा भाइयो बहनों मां गोमती के उद्गम स्थल व यहां के किसानों के परिश्रम से उर्वरक धरती पीलीभीत में आपका स्वागत करता हूँ आज फिर से पूरनपुर के मतदाता भाइयों बहनों का आभार व्यक्त करने आया हूँ। पांच साल पहले पूरनपुर और प्रदेश में क्या होता था यह किसी से छिपा नहीं है। कफ्र्यू का स्थान कांवड़ यात्रा ने ले लिया है। विकास के पथ पर हमारा पीलीभीत बढ़ रहा है। पीलीभीत को मेडिकल कालेज मिल रहा है तो दशकों पुराना सपना पूरा हो रहा है। विधायक बाबूराम पासवान के अनुरोध पर रामलला मैदान आपको दिया है। अगली बार इसका सुंदरीकरण और बेहतर करेंगे। पिछली सरकारों में अन्नदाता आत्महत्या करता, किसान भूख से मरता था, व्यापारी तबाह था, नौजवान बेरोजगार था। चारों ओर अराजकता का माहौल 2017 से पहले था। अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में शामिल अपराधियों में उत्तर प्रदेश के भी कुछ आतंकवादी थे।उनमें से कुछ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संबंधित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूछा यही नई सपा है, नई हवा है।सपा सरकार ने दर्जन भर आतंकी मुकदमों को वापस लिया। किसी ने अयोध्या, किसी ने बजरंगबली, किसी ने बिजनौर, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर में आतंकी हमले किये।इनकी पैरवी सपा सरकार करती थी। कल के न्यायालय के फैसले से साबित हो गया कि सपा आतंकवादियों को समर्थन देती थी।
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hijab case : जानिए यूपी चुनाव पर कितना हो रहा हिजाब मुद्दे का असर

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:42 AM
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hijab case : कल यानि 20 फरवरी को यूपी चुनाव के तीसरे चरण का मतदान होगा। (hijab case) इसके बाद चौथे चरण के मतदान की (hijab case) तैयारी भी शुरु कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान जहां आम जनता की समस्याओं से जुड़े मुद्दे गायब हैं, वहीं ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं, जिनका आम जनता से कोई सरोकार नहीं है। इनमें से ही एक मुद्दा तेजी से उछाला जा रहा है और वो ​है हिजाब प्रकरण (hijab case)।

hijab case

यूपी के चुनाव में हिजाब प्रकरण का कितना असर हो रहा है, यह देखना भी जरुरी है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो चुनाव के तीसरे चरण तक इस मुद्दे की धार ज्यादा दिख नहीं रही है। ओवैसी के अलावा सीएम योगी ने भी अप्रत्यक्ष तौर पर इस मुद्दे को उछाला, लेकिन बाकी के चरणों में यह हिजाब एक मुद्दा बन पाएगा इसकी संभावना काफी कम ही है।

कर्नाटक से उठा हिजाब और बुर्का बवंडर को देखकर पूरे देश में फैल गया है। इस मामले पर हर पार्टी के नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं, हिजाब प्रकरण का असर अब उत्तर प्रदेश में है। हिजाब के समर्थन में कई जगह प्रदर्शनों के बाद अब यह मामला अलीगढ़ के स्कूलों तक भी पहुंच गया है। अलीगढ़ के धर्म समाज कॉलेज ने परिसर में हिजाब और भगवा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर नोटिस चस्पा कर छात्रों के हिजाब या भगवा शॉल पहनकर स्कूल आने पर सख्त रोक लगा दी है।

अलीगढ़ के धर्म समाज कॉलेज स्कूल प्रशासन द्वारा पोस्ट किए गए नोटिस में कहा गया है, 'सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि वे निर्धारित वर्दी में कॉलेज में आएं। यदि वे निर्धारित यूनिफॉर्म में नहीं हैं तो कॉलेज प्रशासन उन्हें कॉलेज में प्रवेश करने से रोकने के लिए बाध्य होगा। इसलिए इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए। हिजाब विवाद पर जारी इस नोटिस में आगे कहा गया है, 'कक्षाएं और परीक्षाएं चल रही हैं। कुछ छात्र चेहरा ढककर कॉलेज आ रहे हैं, हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

छात्रों से कहा जाएगा कि अगर वे कॉलेज में पढ़ने आते हैं तो छात्रों का मुंह खुला होना चाहिए। हमने चीफ प्रॉक्टर के साथ एक योजना बनाई है। नोटिस चिपका दिया गया है और इसे जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। इस तरह से हिजाब या भगवा पहनना कॉलेज के अंदर प्रतिबंधित है।

हालांकि यूनिवर्सिटी अभी भी बंद है, लेकिन इसके बावजूद यहां की लड़कियां हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इन छात्राओं का कहना है कि देश में हिजाब के नाम पर राजनीति हो रही है। हिंदू-मुसलमान को बांटने की कोशिश हिजाब लंबे समय से पहना जा रहा है। वह पूछती हैं कि यह मुद्दा पहले क्यों नहीं उठा? सिख पगड़ी क्यों पहनते हैं? स्कूल में सरस्वती पूजा, गायत्री मंत्र क्यों है? ज्यादातर छात्राओं का कहना है कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है। उनसे यह अधिकार कोई नहीं छीन सकता।

छात्राओं का तर्क है कि इस्लाम ने हिजाब पहनने का आदेश दिया है और संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म के अनुसार जीवन जीने का अधिकार देता है। यह संविधान में दिए गए चयन के अधिकार के अंतर्गत भी आता है। इन छात्राओं का कहना है कि उन्हें हिजाब पहनने का अधिकार है ताकि वे खुद को ढक सकें ताकि वे दुनिया की गंदी नजरों से अपनी रक्षा कर सकें। हिजाब पहनने वाली लड़कियां इसे पिछड़ेपन की नहीं बल्कि तहजीब की निशानी मानती हैं।

रजानीतिक विश्लेषक कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान हो चुका है। अलीगढ़ में पहले चरण में मतदान हो चुका है। राज्यों की कुल 403 में से 113 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान हो चुका है। तीसरे चरण का मतदान रविवार को होना है। तीसरे चरण में 59 सीटों पर मतदान होगा। हालांकि पहले चरण के मतदान से ठीक पहले यूपी में हिजाब विवाद ने दस्तक दे दी थी लेकिन तब इसे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया था।

पहले और दूसरे चरण में उनकी पार्टी के उम्मीदवार 32 सीटों पर मैदान में थे। इसलिए ओवैसी ने इसे खूब उछाला। तमाम टीवी चैनलों ने भी इसे खूब तवज्जो दी। लेकिन पहले चरण के मतदान के दौरान इस मुद्दे का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। आगे के चरणों में भी यह एक प्रभावी मुद्दा बनेगा इसकी संभावना काफी कम ही है।

दूसरे चरण के मतदान से एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यह कहकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश की थी कि देश 'शरीयत' से नहीं बल्कि 'संविधान' से चलेगा। उन्होंने 'गजवा-ए-हिंद' का जिक्र तो किया था लेकिन हिजाब का जिक्र नहीं किया। हालांकि वह इस ओर इशारा कर रहे थे। दूसरे चरण में मुरादाबाद, संभल, बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर, बरेली और शाहजहांपुर जिलों के साथ-साथ राज्य में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले रामपुर जिलों में मतदान हुआ था। रामपुर में जहां 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है वहीं बाकी जिलों में भी 30 से 47 फीसदी मुस्लिम आबादी है।

तमाम कोशिशों के बाद भी दूसरे चरण में भी हिजाब के मुद्दे का चुनाव पर खास असर होता नहीं दिखा। वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिलाएं और लड़कियां हिजाब का समर्थन जरूर करती नजर आईं। लेकिन इस पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं हुई। तीसरे चरण के मतदान से पहले एक बार फिर मामला गरमा गया है, अब तीसरे चरण के मतदान से ठीक पहले राज्य में यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हिजाब बनाम भगवा दुपट्टा या शॉल सड़कों पर लड़ा जा रहा है। इसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इसे दबाने की कोशिश की जा रही है।

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Lucknow: पूर्व मंत्री व सपा नेता अहमद हसन का निधन

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 10:45 AM
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Lucknow: लखनऊ (एजेंसी)। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता पूर्व मंत्री व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन(Former Minister and Leader of the Opposition in the Legislative Council Ahmed Hassan)  का आज निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। वह सपा के कद्दावर नेता थे। सपा की सरकार में वह स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। वह लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे। अहमद हसन के निधन पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने व्यक्त किया शोक। आईपीएस से नेता बने अहमद हसन की पहचान ईमानदार नेता के तौर पर होती है। यही वह वजह है कि पहले वह सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (SP Patron Mulayam Singh Yadav)  के खास हुआ करते थे और अब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के खास लोगों में उनकी पहचान है। मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री बने तो अहमद हसन उनके कैबिनेट में मंत्री बने। वहीं जब अखिलेश यादव मुख्यमत्री बने तो अहमद हसन उनके साथ भी कैबिनेट मंत्री बने। अहमद हसन सपा के लिए कितने खास है यह इस बात से पता चलता है कि जब से वह आईपीएस की नौकरी से नेता बने है तभी से समाजवादी पार्टी की तरफ से विधान परिषद में या तो नेता सदन रहते है या नेता प्रतिपक्ष रहते है। मुख्यमंत्री ने जताया शोक लखनऊ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath)  ने विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री नेे दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।