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Birthday Special: 90 वर्ष की आयु में भी योगासन करते थे – योग गुरु अयंगर!

 विनय संकोची

उन्होंने दुनिया के 78 देशों में जाकर वहां के लोगों को योग की शिक्षा दी। चीन समेत संपूर्ण विश्व में उनके 30,000 से ज्यादा शिष्य हैं, पूरी दुनिया में 20,000 से ज्यादा योग शिक्षक उन्हें गुरु मानते हैं और पूरी दुनिया में उनके द्वारा स्थापित 200 योग संस्थान संचालित हैं। वह विश्व के सबसे लंबी आयु तक जीवित रहने वाले सबसे बड़े योग गुरु थे।

उनके शिष्यों में एल्डस हक्सले, आचार्य अत्रे, अच्युत वर्धन, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जे.कृष्णमूर्ति, क्रिकेटर लाला अमरनाथ, दिलीप वेंगसरकर, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, श्रीनाथ, अनिल कुंबले, मार्टिन क्रो और प्रोफेसर देवधर जैसे नामचीन लोगों का नाम शामिल है।

जिन्होंने बेल्जियम की महारानी को 80 वर्ष की आयु में शीर्षासन करवाया, वह कोई और नहीं दुनिया के सबसे बड़े योगगुरु बीकेएस अयंगर थे, जिनका जन्म 14 दिसंबर 1918 को बेलूर के एक गरीब परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता की 11वीं संतान थे। अयंगर बचपन में बहुत कमजोर थे और अक्सर बीमार रहा करते थे। उन्हें बचपन में टीबी, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ा। इन तमाम व्याधियों से बचने के लिए चिकित्सकों ने उन्हें योग करने का सुझाव दिया। अयंगर जी ने स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए न केवल आजीवन योग का आश्रय लिया अपितु पूरी दुनिया में योग को पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य भी किया।

योग गुरु बेलूर कृष्णमाचारी सुंदरराजा अयंगर ‘अयंगर योग’ के जनक थे। उनके अतिरिक्त शायद ही कोई ऐसा योग गुरु होगा जो 14 प्रकार के प्राणायाम और 200 तरह के क्लासिकल योगासन कर लेता हो।

योग गुरु अयंगर ने योग पर शोध के उपरांत कई पुस्तकें भी लिखी थी, जिनमें लाइट ऑफ योग, लाइट ऑफ प्राणायाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त आयंगर ने लाइट ऑन योग सूत्र आफ पतंजलि, लाइट ऑन प्राणायाम और लाइट ऑन योग जैसी किताबें भी लिखी थीं। लाइट ऑन योग को ‘योग बाइबल’ भी कहा जाता है।

‘गुरुजी’ के नाम से पूरी दुनिया में विख्यात योग गुरु अयंगर ने 1937 में पुणे के डेक्कन जिमखाना में बतौर योग शिक्षक लोगों को योग का प्रशिक्षण देना शुरू किया था। उनका विवाह 9 जून 1943 को राजमणि से हुआ। उनके छह संताने पांच बेटियां और एक बेटा हुआ।

सुन-सोच कर आश्चर्य होता है कि अयंगर जी 90 वर्ष की अवस्था में भी योग के लिए समय निकाला करते थे और प्रतिदिन 3 घंटे योगासन और हर घंटे प्राणायाम किया करते थे।

भारत के इन महान योग गुरु बीकेएस अयंगर को प्रतिष्ठित पत्रिका ‘टाइम मैगजीन’ ने 2004 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों की सूची में शामिल किया था। इसके अतिरिक्त
‘गुरु जी’ को 1991 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2014 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। किडनी की लंबी बीमारी से 96 वर्ष की आयु में 20 अगस्त 2014 को ‘गुरुजी’ की जीवन यात्रा समाप्त हुई।

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