Site icon चेतना मंच

Literature : लेखक के अहम का तुष्टीकरण नहीं है ‘फ्यूज बल्ब’ : सुभाष चंद्र

Literature

'Fuse Bulb' is not the appeasement of the writer's ego: Subhash Chandra

हापुड़/गाजियाबाद। वरिष्ठ लेखक इंदु भूषण मित्तल के उपन्यास ‘फ्यूज बल्ब’ के लोकार्पण के अवसर पर अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉक्टर अशोक मैत्रेय ने कहा कि आज के दौर में विखंडन समाज व परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी बन चुका है। हर रोज हमें विखंडन की नई त्रासदियां देखने को मिलती हैं। लेकिन, इंदु भूषण मित्तल ने अपने उपन्यास के जरिए उम्मीद की जो रोशनी जलाई है, वह निसंदेह समाज को एक नई राह दिखाएगी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति डॉ. विजयलक्ष्मी ने संवैधानिक रूप से परिवार व परिवार में बुजुर्गों की स्थिति की विवेचना प्रस्तुत की।

Literature

हर सांझ का होता है एक सवेरा

जिमखाना क्लब में श्री मित्तल के 76वें जन्मदिन पर आयोजित लोकार्पण समारोह में उपन्यास की सराहना करते हुए श्री मैत्रेय ने कहा कि यह उपन्यास बुजुर्गों के जीवन की ढलती सांझ का साक्षात बयान है। हर सांझ का एक सवेरा होता है, उसी तरह इस उपन्यास ने भी बुजुर्गों की जिंदगी में उजाला भरने का प्रयास किया है।

Greater Noida West : चौथे दिन भी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे निवासी

भूल चुके आदर्शों को जीवित करने की कोशिश है ‘फ्यूज बल्ब’

वरिष्ठ व्यंग्यकार व आलोचक सुभाष चंदर ने कहा कि आज के दौर में 90 फ़ीसदी किताबें लेखक के अहम के तुष्टीकरण के लिए लिखी जा रही है। कहानी, कविता, उपन्यास, गजल व संस्मरण कुछ ऐसे विषय हैं, जिनमें थोक के भाव किताबें सामने आ रही हैं। लेकिन, इसके बावजूद हिंदी साहित्य से वह समय जा रहा है, जब किताबों में कुछ कहने की कोई परंपरा थी। कोई संदेश होता था। जिससे नई पीढ़ी को संस्कार मिलता था। उन्होंने कहा कि श्री मित्तल ने भूल चुके आदर्शों को जीवित करने की कोशिश सराहनीय है।

Literature

समाजिक पीड़ा की गठरी के वाहक हैं इंदु भूषण

पत्रकार, लेखक व कवि आलोक यात्री ने कहा कि यह पुस्तक पाठक को नए संस्कार से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब हर व्यक्ति अपनी पीड़ा की गठरी लेकर चल रहा है, वहीं इंदु भूषण मित्तल समाज की पीड़ा की गठरी के वाहक बनकर संस्कार की एक नई राह की ओर चल पड़े हैं। उनकी यह राह ‘फ्यूज बल्ब’ बन चुके बुजुर्गों की जिंदगी में उम्मीद की एक नई रोशनी लेकर आई है। जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।

Railway News: महाप्रबंधक ने उत्‍तर रेलवे की कार्य प्रगति की समीक्षा की

संवेदनाओं की कोख से जन्मा ‘फ्यूज बल्ब’

पुस्तक के लेखक ने कहा कि उपन्यास में उन्होंने परिवार परामर्श केंद्र तथा परिवार न्यायालय में आने वाले घरेलू विवादों के अनुभवों का निचोड़ प्रस्तुत किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील त्यागी ने कहा कि इस तरह के उपन्यास का जन्म संवेदना की कोख से ही हो सकता है। प्रकाशक सुबोध भारतीय ने इस उपन्यास को मील का पत्थर बताया।

इन्होंने बढ़ाई समारोह की शोभा

कार्यक्रम का शुभारंभ मनीषा गुप्ता की सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन महेश वर्मा ने किया। इस अवसर पर डॉ. अजय गोयल, ओमपाल सिंह, आशुतोष, प्रशांत मित्तल, कीर्ति गोयल, गौरव मित्तल, डॉ. योगेश गोयल, उमेश शर्मा, मोहन लाल तेजियान, अनुज मित्तल, भारत मित्तल, कमलेश त्रिवेदी फर्रुखाबादी आदि उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Exit mobile version