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जानें World Fisheries Day का इतिहास और साल 2023 की थीम

World Fisheries Day

World Fisheries Day 2023- हर वर्ष 21 नवंबर को वर्ल्ड फिशरीज डे (विश्व मत्स्य दिवस) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विश्व के सभी मछुआरे समुदाय के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन स्वस्थ महासागरों के पारिस्तिथिकी तंत्र के महत्व को लोगों को समझाया जाता है एवं इस दिन मत्स्य पालन के स्थायी भंडार को सुनिश्चित करने के ऊपर भी प्रकाश डाला जाता है।

विश्व मत्स्य दिवस का इतिहास (History of World Fisheries Day)-

इसको वर्ष 1997 में लांच किया गया था। नई दिल्ली में 18 देशों के प्रतिनिधियों के साथ ‘वर्ल्ड फिशरीज फोरम’ बनाया गया था और स्थायी मत्स्य पालन की जो प्रथाएं और वैश्विक जनादेश की नीतियां थीं उनके समर्थन के लिए इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। तभी से हर साल विश्व के मछुआरे समुदाय एकजुट होकर विश्व मत्स्य दिवस 21 नवंबर को मनाते हैं।

विश्व मत्स्य दिवस का महत्व (Importance of World Fisheries Day)-

इसको मनाने का उद्देश्य यह है कि इस दिन अंतर्देशीय संसाधनों की स्थिरता के लिए आवास आपदा, अतिफ़िशिंग एवं अन्यगम्भीर खतरों की ओर ध्यान केंद्रित करना है। यह दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि स्वस्थ महासागरों के पारिस्तिथिकी तंत्रों का जो महत्व है उसको लोगों के बीच उजागर किया जा सके। इसके साथ ही दुनियाभर में मत्स्य पालन के स्थायी भंडार को सुनिश्चित किया जा सके।

विश्व मत्स्यपालन दिवस 2023 थीम (World Fisheries Day 2023 Theme):

प्रति वर्ष विश्व मत्स्य पालन दिवस मनाने के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 के लिए जो थीम निर्धारित की गई है वो है -‘छोटे पैमाने पर कारीगर मत्स्य पालन के लिए सक्षम नीति वातावरण बनाएं’ (Build enabling policy environments for small-scale artisanal fisheries)।यह विषय टिकाऊ मत्स्य पालन प्रबंधन में छोटे पैमाने के मछुआरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।

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