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International Literacy Day- 8 सितम्बर: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस

आज, यानी 8 सितंबर का दिन पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आज का दिन पूरे विश्व के लिए बेहद खास है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य पूरे विश्व के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है। मानव जाति में शिक्षा की भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से यह दिन काफी महत्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई? इस बारे में संपूर्ण जानकारी आज के इस पोस्ट में हम आपको देंगे। लेकिन इससे पहले हम जान लेते हैं कि आखिर साक्षरता है क्या?

हम यदि भारतीय परिभाषा के मुताबिक साक्षरता को समझे तो इसका अर्थ है- बच्चा यदि 7 साल का हो जाए और वह अगर किसी भाषा को पूर्णत समझ, लिख एवं पढ़ ले तो वह साक्षर कहलाएगा। लेकिन क्या, साक्षरता की यह परिभाषा पूर्ण है? क्या साक्षर होने के लिए बस किसी भाषा को जान लेना ही आवश्यक है? नहीं साक्षरता का अर्थ इससे कहीं ज्यादा है। किसी को साक्षर बनाने का अर्थ है, उस व्यक्ति को अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाना व व्यक्ति के पूर्ण सामाजिक विकास का आधार बनाना।

कैसे और कब हुई विश्व साक्षरता दिवस की शुरुआत-

साल 1965 में, 8 से 19 सितम्बर के बीच, ईरान देश की राजधानी तेहरान में दुनिया के विभिन्न देशों के शिक्षा मंत्रियों का एक सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में, पूरे विश्व में शिक्षा के महत्व को बढ़ाने को लेकर बातचीत की गई थी। इसी सम्मेलन में निर्धारित किया गया कि प्रतिवर्ष 8 सितंबर के दिन को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उसके बाद साल 1966 में पूरे विश्व में 8 सितंबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। तब से लेकर आज तक 8 सितंबर का दिन विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आज यह दिन पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। जैसा कि आप सभी जानते हैं पूरे विश्व में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। कोरोना काल में, जब पूरे विश्व में लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न हुई ऐसे में शिक्षा के नए आयाम देखने को मिले। स्कूल कॉलेज बंद होने की वजह से इन दिनों ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिला है। कुछ छात्रों के लिए जहां या फायदेमंद साबित हुआ है, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो वर्चुअल एजुकेशन प्राप्त करने में असफल है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस साल विश्व साक्षरता दिवस की थीम ‘मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता : डिजिटल विभाजन को कम करना’ रखी गई है।

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