NEERAV MODI NEWS: नई दिल्ली। मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े 6,498 करोड़ रुपए के घोटाले में आरोपी ‘फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड’ कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (एसएफओ) के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जारी ‘लुकआउट सर्कुलर’ को रद्द कर दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
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अदालत ने रवि शंकर गुप्ता का यह प्रतिवेदन स्वीकार कर लिया कि वह बहुत पढ़ा-लिखा व्यक्ति है और एक बहुराष्ट्रीय कंपनी का कार्यकारी निदेशक होने के कारण उसे देश के बाहर यात्रा करने की आवश्यकता पड़ती है। गुप्ता ने कहा था कि वह पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने 31 बार पेश हो चुका है।
नोएडा स्थित 53 वर्षीय अधिकारी ने लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि उनकी नौकरी की प्रकृति ऐसी है कि उन्हें भारत के बाहर यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन सर्कुलर के कारण वह अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने में असमर्थ हैं।
सीबीआई ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि गुप्ता नीरव मोदी की कंपनी के वित्तीय मामले को संभाल रहा था। इस कंपनी ने 150 फर्जी गारंटी पत्रों का इस्तेमाल कर सरकारी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 6,498.20 करोड़ रुपये ठगे।
उसने कहा कि यदि एलओसी को रद्द कर दिया जाता है, तो गुप्ता अन्य आरोपियों की तरह देश से फरार हो सकता है और वह संभवत: आगे की जांच के लिए उपलब्ध नहीं हो। विशेष अदालत ने कहा कि गुप्ता न तो आरोपी है और न ही मामले में गवाह है और वह मामले के संबंध में 30 से अधिक बार जांच अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित हो चुका है।
अदालत ने सर्कुलर रद्द करते हुए कहा, अगर याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी एलओसी को रद्द नहीं किया जाता या उसे वापस नहीं लिया जाता तो उसका करियर प्रभावित होगा। बहरहाल, उसने गुप्ता को उसकी अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया।
नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
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