PM Modi In UAE : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपने दो दिवसीय दौर के लिए यूएई (UAE) गए हुए हैं। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाड़ी के इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात में आज (14 फरवरी) BAPS स्वामीनारायण मंदिर का उद्घाटन कर किया, जिसकी खूब चर्चा है। आपको बता दें यह विशाल मंदिर पत्थरों से बना अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर है जिसे ‘रेत के बीच खिला कमल’ कहा जा रहा है। 27 एकड़ में फैला विशाल स्वामीनारायण मंदिर भारत के प्राचीन मंदिर निर्माण शैली का बेहद शानदार उदाहरण है।
मंदिर के लिए UAE सरकार ने दी जमीन
जानकारी के अनुसार मंदिर अबू धाबी के अबू मुरीखा जिले में बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) संस्था की तरफ से बनाया गया है। मंदिर निर्माण के लिए जमीन यूएई (UAE) की सरकार ने दान में दी थी। साल 2015 में पीएम मोदी जब यूएई गए थे, तब यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर के लिए 13.5 एकड़ जमीन पीएम मोदी को उपहार में दिया था। मंदिर 27 एकड़ जमीन पर बना है, जिसमें 13.5 एकड़ पर मंदिर और 13.5 एकड़ में पार्किंग एरिया है। पार्किंग एरिया की जमीन भी यूएई सरकार ने ही दी है, जिससे यहां आने वाले लोगों को परेशानी न हो। साल 2019 में ‘ईयर ऑफ टॉलरेंस’ के दौरान सरकार ने मंदिर को बाकी की जमीन दी थी।
पीएम ने UAE के राष्ट्रपति को किया धन्यवाद
यूएई (UAE) सरकार के इस सहयोग के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति अल-नाहयान को धन्यवाद भी दिया है। अपने यूएई दौरे में पीएम मोदी ने कहा, ‘आपके सहयोग के बिना BAPS मंदिर का निर्माण असंभव था।’ इसके साथ ही उन्होंने जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में शामिल होने के लिए भी यूएई के राष्ट्रपति को धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने भारतवंशी समुदाय के बड़े आयोजन के लिए भी राष्ट्रपति का शुक्रिया किया है।
कितनी कीमत में तैयार हुआ मंदिर ?
आपको बता दें UAE के दौरे में पहुंचे पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन किए गए BAPS स्वामीनारायण मंदिर 108 फीट ऊंचा, 262 फीट लंबा और 180 फीट चौड़ा है। इसे बनाने में 700 करोड़ रुपये लगे हैं। मंदिर के निर्माण में सिर्फ चूना पत्थरों और संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए 20,000 टन से अधिक पत्थर और संगमरमर 700 कंटेनरों में भरकर अबू धाबी लाया गया था। इसके साथ ही मंदिर निर्माण में स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ है। जिससे यह हजारों सालों तक इसी तरह खड़ा रहेगा। मंदिर की नींव को फ्लाई ऐश से भरा गया है। फ्लाई ऐश से बनी ईंटें लंबे समय तक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। इन सभी चीजों का इस्तेमाल करने की वजह से मंदिर के सालों साल तक ऐसे ही चमकते रहने की उम्मीद लगाई जा रही है।
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