Russia Ukraine War- रूस और यूक्रेन के बीच 34 दिनों से युद्ध जारी है। भारी जन और धन की हानि के बाद अब इस युद्ध के थमने की कुछ उम्मीद नजर आ रही है। खबरों के मुताबिक मंगलवार को दोनों देशों के प्रतिनिधियों की बातचीत हुई। यह वार्तालाप लगभग 3 घंटे तक चली। युद्ध की शांति से जुड़े इस वार्तालाप में रूस के प्रतिनिधि ने यूक्रेन की राजधानी में सैन्य गतिविधियों को कम करने का वादा किया है।
रूस के डिफेंस मिनिस्टर ने मीडिया से की बात –
दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बैठक के बाद रूस के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर अलेक्जेंडर फोमिन ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि रूस ने कीव और चेर्नीहिव में सैन्य गतिविधियों को कम करने का फैसला लिया है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की ने प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्तालाप में पॉजिटिव सिग्नल मिलने की बात तो कबूली लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रूस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
दोनों देशों के राष्ट्रपति की हो सकती है वार्तालाप-
इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच वार्तालाप से बातें निकल कर सामने आई है पहली बात तो यह कि रूस यूक्रेन में अपनी सैन्य गतिविधियों को कम करने का फैसला ले रहा है। दूसरी यह कि इस वार्तालाप के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की के बीच शांति वार्तालाप हो सकती है।
वार्तालाप में यूक्रेन ने रूस के सामने रखे ये प्रस्ताव-
यूक्रेन के वार्ताकार डेविड अरहमिया (David Arahamia) के मुताबिक इस काबुल में हुई बातचीत के दौरान यूक्रेन ने रूस के सामने कुछ प्रस्ताव रखे हैं।
इन शर्तों के मुताबिक यूक्रेन में दोस्त के सामने यह प्रस्ताव रखा है कि यदि यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी मिलती है तो स्क्रीन किसी भी सैन्य संगठन में शामिल नहीं होगा और ना ही दूसरे देश को अपने देश में किसी भी मिलिट्री बेस बनाने की अनुमति देगा।
इसके साथ ही रूस के सामने क्रीमिया के मसले को द्विपक्षीय वार्तालाप द्वारा सुलझाने का प्रस्ताव दिया गया है। और इसके साथ ही यूक्रेन द्वारा यह प्रस्ताव भी रखा गया है कि रूस यूक्रेन के यूरोपियन यूनियन में शामिल होने का विरोध नहीं करेगा।
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हालांकि रूस इन बातों को मानेगा या नहीं इस पर अभी संशय है। रूस के वार्ताकार मेंदेस्की ने कहा है कि वह यूक्रेन द्वारा रखे गए प्रस्ताव का अध्ययन कर उसे राष्ट्रपति पुतिन के सामने पेश करेंगे। प्रस्ताव पर आखिरी निर्णय राष्ट्रपति का होगा। इसके साथ ही मेंदेस्की ने यह भी कहा कि शांति समझौते पर तैयारियां चल रही है लेकिन अभी दोनों देशों को एक लंबा सफर तय करना है।