Stock Market : सोमवार को शेयर बाजार के लिए एक ऐतिहासिक और कष्टदायक दिन साबित हुआ। वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका और अमेरिका में संभावित मंदी की खबरों ने निवेशकों के बीच हड़कंप मचा दिया। भारतीय बाजार भी इस दबाव से अछूता नहीं रहा। सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक 4% से अधिक लुढ़क गए, जिससे निवेशकों को ₹20 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।
किन कारणों से गिरा बाजार?
अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए जवाबी टैरिफ ने वैश्विक बाजार में डर का माहौल बना दिया। इसके जवाब में चीन ने भी भारी शुल्क लगाने की घोषणा कर दी, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव चरम पर पहुंच गया। नतीजतन, एशियाई और अमेरिकी बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई और इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ा।
शेयरों में रिकॉर्ड गिरावट, धातु और आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, इन्फोसिस, लार्सन एंड टुब्रो जैसे दिग्गज शेयरों में बड़ी गिरावट आई। रिलायंस का शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंचा। बीएसई मेटल इंडेक्स में 6.5% की भारी गिरावट देखी गई, वहीं टाटा स्टील, हिंडाल्को, एनएमडीसी जैसे स्टॉक्स में 9-11% तक की गिरावट आई।
आईटी, ऑटो, रियल्टी और गैस सेक्टर भी लाल निशान में रहे। निफ्टी आईटी इंडेक्स 7% गिरा, जबकि स्मॉल और मिड-कैप इंडेक्स में क्रमशः 10% और 7.3% की गिरावट आई।
भारत ही नहीं, एशिया से अमेरिका तक भूचाल
हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 11%, जापान का निक्केई 7% और शंघाई का एसएसई 6% तक लुढ़का। अमेरिकी बाजारों में S&P 500 में 6%, नैस्डैक में 5.8% और डॉव जोंस में 5.5% की गिरावट देखी गई। यूरोपीय बाजारों में भी पिछले 16 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
क्या यह गिरावट अब और गहराएगी?
रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख विकास जैन के मुताबिक, वैश्विक मंदी की संभावना और व्यापार युद्ध की वजह से बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। उनका कहना है कि निवेशकों की धारणा फिलहाल कमजोर बनी रहेगी और बाजार में स्थिरता आने में वक्त लग सकता है।
एसएमसी ग्लोबल के सौरभ जैन का मानना है कि निफ्टी 50 फिलहाल 21,500 से 21,800 के बीच समर्थन स्तर तलाश सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कॉर्पोरेट आय के कमजोर रहने की संभावना है, जिससे बाजार पर और दबाव बन सकता है।
भारत की जीडीपी और निवेशक मनोबल पर असर?
विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह टैरिफ युद्ध लंबा चला, तो इसका असर भारत की आर्थिक वृद्धि दर पर पड़ सकता है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, अस्थायी ही सही, पर इन टैरिफों से कंपनियों के मुनाफे और निवेशकों के विश्वास में गिरावट आ सकती है। हालांकि सरकारी सूत्रों का दावा है कि इस वर्ष के जीडीपी लक्ष्य पर तत्काल असर नहीं पड़ेगा। Stock Market :
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