Tariff : अमेरिका द्वारा वाहनों और ऑटो कंपोनेंट्स पर 25% आयात शुल्क लगाने की घोषणा से भारत के मोटर वाहन उद्योग पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। इस कदम से भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर भी खुल सकते हैं। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, यह नीति भारत के लिए चुनौती से अधिक एक संभावित अवसर हो सकती है।
भारत से अमेरिका को वाहन निर्यात: आंकड़ों की नजर में
- 2024 में भारत ने अमेरिका को केवल 83 लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य की यात्री कारें निर्यात कीं।
- यह कुल 6.98 अरब अमेरिकी डॉलर के वाहन निर्यात का मात्र 0.13% हिस्सा है।
- अमेरिका को ट्रक निर्यात सिर्फ 1.25 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा, जो भारत के वैश्विक ट्रक निर्यात का 0.89% है।
- इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारत के कुल वाहन निर्यात पर अमेरिका के नए टैरिफ का सीमित प्रभाव पड़ेगा।
किन क्षेत्रों में होगा असर?
- इंजन लगे कार चेसिस:
- 2024 में भारत का वैश्विक निर्यात 24.69 करोड़ अमेरिकी डॉलर था, जिसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 2.82 करोड़ डॉलर (11.4%) थी।
- इस सेगमेंट पर कुछ असर पड़ने की संभावना है।
- ऑटो पार्ट्स और कंपोनेंट्स:
- भारत ने 2024 में अमेरिका को 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के ऑटो कंपोनेंट्स निर्यात किए।
- यह उसके कुल निर्यात का 29.1% है, जो पहली नजर में चिंता का विषय लग सकता है।
- लेकिन अमेरिका ने वैश्विक स्तर पर 89 अरब डॉलर के ऑटो कंपोनेंट्स आयात किए, जिसमें:
- मैक्सिको की हिस्सेदारी 36 अरब डॉलर थी।
- चीन की हिस्सेदारी 10.1 अरब डॉलर थी।
- भारत की हिस्सेदारी मात्र 2.2 अरब डॉलर थी।
- चूंकि 25% टैरिफ सभी देशों पर लागू होगा, इसलिए सभी निर्यातक देशों को समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
भारत के लिए अवसर कैसे?
- श्रम-प्रधान विनिर्माण का लाभ:
- भारत के पास कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन करने की क्षमता है।
- प्रतिस्पर्धात्मक आयात शुल्क (शून्य से 7.5% तक) भारत को अन्य देशों से अधिक लाभ दे सकता है।
- अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका:
- अगर भारत अपनी उत्पादन क्षमता और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करता है, तो यह अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है।
- चीन और मैक्सिको के मुकाबले भारत का निर्यात फिलहाल कम है, लेकिन टैरिफ नीति के कारण यह बढ़ सकता है। Tariff :
चारधाम यात्रा 2025 : VIP दर्शन पर रोक, नए नियम लागू
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।