Friday, 21 March 2025

UN : भारत लैंगिक भेदभाव को पाटने के लिए तैयार: अन्नपूर्णा देवी

UN : संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महिलाओं की स्थिति पर आयोजित 69वें सत्र में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा…

UN : भारत लैंगिक भेदभाव को पाटने के लिए तैयार: अन्नपूर्णा देवी

UN : संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महिलाओं की स्थिति पर आयोजित 69वें सत्र में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भारत के लैंगिक डिजिटल समावेशन की दिशा में उठाए गए कदमों और उपलब्धियों को विश्व समुदाय के साथ साझा करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्राथमिकता देते हुए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का उपयोग कर रहा है, जिससे लैंगिक असमानताओं को पाटने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है।

भारत में डिजिटल समावेशन की सफलता

संयुक्त राष्ट्र में भारत के डिजिटलीकरण और महिला सशक्तीकरण की सराहना की गई। अन्नपूर्णा देवी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक ऐसा देश बना रहा है जहां महिलाएं अवधारणा, डिज़ाइन, कार्यान्वयन और निगरानी की प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लेकर विकास यात्रा की आर्किटेक्ट बन रही हैं। यह प्रयास भारत को एक विकसित राष्ट्र की दिशा में अग्रसर कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और यूएन वूमन द्वारा आयोजित मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुईं, जहां उन्होंने ‘महिला सशक्तीकरण के लिए डिजिटल और वित्तीय समावेशन’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए संसाधनों की महत्वपूर्ण भूमिका है और भारत अपने अनुभवों को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यूपीआई और आधार की भूमिका

अन्नपूर्णा देवी ने भारत में विकसित यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की सफलता को रेखांकित किया, जिसने पारंपरिक लेन-देन प्रणाली को पूरी तरह से डिजिटल बना दिया है। भारत में 87.35 मिलियन डिजिटल लेन-देन दर्ज किए गए हैं, जो 147% की वृद्धि दर्शाते हैं। यह डिजिटल समावेशन लिंग, शहरी-ग्रामीण विभाजन और आर्थिक असमानताओं को पार कर चुका है, जिससे महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ डाटा सुरक्षा और गोपनीयता की रक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश ने आधार और यूपीआई की सफलता को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे इन नवाचारों ने 250 मिलियन से अधिक भारतीय महिलाओं को लाभान्वित किया है। भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान इस मुद्दे को प्राथमिक एजेंडा बनाते हुए महिला सशक्तीकरण कार्य समूह की भी स्थापना की।

भारत के नेतृत्व की वैश्विक सराहना

यूएन वूमन की कार्यकारी निदेशक सिमा बहौस ने भारत द्वारा विकसित इंडिया स्टैक और यूपीआई की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिलाओं को डिजिटल और वित्तीय प्रणालियों में समान रूप से शामिल करने के लिए सरकारों को सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश करना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि डिजिटल नवाचार में समावेशन को प्राथमिकता देने से असमानताओं को समाप्त किया जा सकता है।

भारत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के माध्यम से डिजिटल वित्तीय समावेशन की शक्ति को स्पष्ट रूप से देखा गया है। डिजिटल भुगतान प्रणाली ने महिलाओं के रोजगार और वित्तीय स्वतंत्रता को मजबूत किया है। UN 

 

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