आज विश्व एड्स दिवस है। 1 दिसंबर को हर साल दुनियाभर में ये दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच एचआईवी-एड्स के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। विश्व एड्स दिवस पहली बार 1988 में मनाया गया था। एड्स आज दुनिया की गंभीरतम बीमारियों में से एक है, जिसका अभी तक कोई समुचित इलाज नहीं खोजा जा सका है। बता दें एचआईवी वायरस रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है और अन्य ‘बीमारियों’ के प्रति इसके प्रतिरोध को कम करता है।
क्या कहते हैं आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 3.77 करोड़ लोग एड्स के साथ जी रहे थे। एचआईवी के साथ रहने वाले सभी लोगों में से 16% को यह नहीं पता था कि उन्हें 2020 में एचआईवी है। 73 प्रतिशत की 2020 में एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी तक पहुंच थी।
प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था परंतु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
एचआईवी होने के होने के सबसे लक्षण
शरीर पर हो जाते हैं बॉडी रैशेज
एचआईवी संक्रमण का सबसे अहम लक्षणों में से एक है शरीर पर लाल चक्ते या बॉडी रैश्ज होना। इन चकत्तों में खुजली होने आदि की भी परेशानी हो सकती है।
रह रह कर बुखार
बुखार एचआईवी के आम लक्षणों में से एक है। एचआईवी से पीड़ित को बुखार रह रह कर हो जाता है।
सोर थ्रोट
गले में सूजन या दर्द इसके कुछ लक्षणों में से एक है। एचआईवी पीड़ित में इस तरीके की परेशानी धीरे-धीरे बढ़ जाती है।
बहुत ज्यादा सिर दर्द
एड्स से पीड़ित महिलाओं को सिर में दर्द की समस्या रहती है।
जी मिचलाना
एचआईवी वायरस के बढ़ने से भूख कम हो जाती है। इसके अलावा पेट भी ठीक नहीं रहता। इसी चलते जी मिचली करता है।
अन्य लक्षण
1.थकान
2. मुंह में अल्सर
3.फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरियल वेजिनोसिस (वेजाइनल इंफेक्शन)