Thursday, 28 March 2024

World Cancer Day 2023- विश्व कैंसर दिवस 2023 की थीम है ये

World Cancer Day 2023- कैंसर जो कि एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, इसी से लोगों को जागरूक करने के…

World Cancer Day 2023- विश्व कैंसर दिवस 2023 की थीम है ये

World Cancer Day 2023- कैंसर जो कि एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, इसी से लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 4 फरवरी को कैंसर दिवस (World Cancer Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को आज से नहीं बल्कि काफी सालों से मनाया जा रहा है। अगर बात करें इसकी शुरुआत की तो वर्ष 1933 में इसकी शुरुआत की गई थी। उसके बाद से हर वर्ष लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए ही 4 फरवरी को कैंसर दिवस के रूप में जाना जाने लगा।

क्या है विश्व कैंसर दिवस का इतिहास –

1933 में पहली बार 4 फरवरी को कैंसर दिवस के रूप में मनाया गया था। पहला कैंसर दिवस जेनेवा, स्विट्जरलैंड (Geneva ,Switzerland) में मनाया गया था। बस तभी से हर साल इस दिन नई नई थीम को जारी किया जाता है। इसको यूं ही नहीं मनाया जाता है। इसको मनाने के पीछे भी एक उद्देश्य है। इसको इसलिए मनाया जाता है क्योंकि लोगों को इस भयानक बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके। साथ ही इसके लक्षणों और बचाव के बारे में भी लोगों को बताया जा सके। कभी कभी क्या होता है कि लोगों के अंदर इस बीमारी को लेकर छुआछूत की भावना पनपने लगती है। लोगों को लगता है कि अगर वो कैंसर पीड़ित के साथ रहेंगे तो हो सकता है उन्हें भी ये बीमारी अपनी चपेट में ले के। मगर ऐसा नहीं है। जो लोग ऐसा सोचते हैं वो बिल्कुल गलत सोचते हैं। हमें मरीजों का हमेशा साथ देना चाहिए और हमेशा उनके साथ खड़े रहना चाहिए।

कैंसर दिवस 2023 की थीम क्या है? (World Cancer Day theme 2023)

प्रतिवर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने के लिए एक टीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 विश्व कैंसर दिवस (World Cancer day 2023) के लिए जोखिम निर्धारित की गई है वह है क्लोज द केयर गैप’ (Close The Care Gap) रखी गयी है। IUCC द्वारा यह थीम 3 वर्षो के लिए जारी कैम्पेन के तहत रखी रखी गयी है जो की वर्ष 2022, वर्ष 2023 एवं वर्ष 2024 तक चलेगी। इस थीम के माध्यम से कैंसर के प्रति जंग के लिए सभी नागरिको को समान देखभाल एवं स्वास्थ्य सेवाओं तक समुचित पहुँच को सुनिश्चित करने की मुहिम चलायी जा रही है।

कैंसर का क्या इतिहास है? (History of Cancer)

अगर बात करें इस शब्द की उत्पत्ति की तो, इस शब्द की उत्पत्ति का श्रेय हिप्पोक्रेट्स (Hippocrates) को जाता है। हिप्पोक्रेट्स एक यूनानी चिकित्सक थे। उन्हें ‘चिकित्सा के जनक’ के रूप में भी जाना जाता है। हिप्पोक्रेट्स ने उस समय अल्सर बनाने वाले ट्यूमर और अल्सर न बनाने वाले ट्यूमर को दर्शाने के लिए कार्सिनोमा और कार्सिनो शब्द का इस्तेमाल किया था। ग्रीक भाषा में केकड़े को इस शब्द से संबोधित किया जाता है। 70-80 करोड़ साल पहले सबसे पहले कैंसर के सेल्स डायनासोर के जीवाश्म में पाए गए थे। इसके बाद 2003 में कई शोध के बाद इस बात का पता चल पाया। लुइस लीके ने 1932 में इस बात की जानकारी दी थी। यही नहीं रामायण में भी इसका वर्णन किया गया है। 500 ई.पू. रामायण में भी बढ़ते हुए ट्यूमर को रोकने के लिए आर्सेनिक पेस्ट के बारे में बताया गया है।

कैंसर के प्रकार क्या-क्या हैं? (Types of Cancer)

कैंसर का एक नहीं बल्कि बहुत सारा रूप है। सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर लोगों को अपनी चपेट में लेता है। इसके अलावा लंग कैंसर (Lungs cancer), प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer), कोलोरेक्टल कैंसर (Colon cancer), ब्लैडर कैंसर (Bladder cancer), मेलानोमा (Skin cancer), लिम्फोमा (Lymphoma), किडनी कैंसर (Kidney Cancer)हैं। महिलाओं में सबसे ज्यादा स्तन (Breast Cancer), कोलोरेक्टल (Colon cancer), फेफड़े (Lungs cancer), सर्वाइकल (Cervical cancer), और थायराइड कैंसर (Thyroid cancer) होते हैं। वहीं अगर पुरुषों की बात करें तो उन में फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लिवर का कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है।

World Cancer Day: पुरूषों में प्रोस्टेट व महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा सबसे अधिक

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