World Down Syndrome Day –हर साल पूरे विश्व में 21 मार्च को डाउन सिंड्रोम दिवस मनाया जाता है। डाउन सिंड्रोम क्या है और क्यों हर साल डाउन सिंड्रोम दिवस मनाया जाता है, ये आप आगे इस आर्टिकल में पढ़ने वाले हैं।
डाउन सिंड्रोम क्या है?
डाउन सिंड्रोम तब होता है जब किसी व्यक्ति के पास क्रोमोसोम 21 की अतिरिक्त कॉपी या आंशिक कॉपी मौजूद होती है। ऐसे में व्यक्ति का आईक्यू जो होता है वो मध्यम निम्न श्रेणी का हो जाता है और डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों की तुलना आगे नॉर्मल बच्चों ने करें तो ऐसे बच्चे बोलने में भी काफी धीमे होते हैं। ये एक ऐसी स्तिथि है जो विश्व भर में पाई जाती है। डाउन सुंदरी की वजह से व्यक्ति की शारीरिक विशेषता तो प्रभावित होती ही है, इसके साथ- साथ उसके सीखने की शैली पर भी प्रभाव पड़ता है। ये बच्चे के शरीर और मस्तिष्क के विकास को पूरी तरह से बदल देती है। ऐसे में लोगों को इसके बारे में जागरूक करना बेहद आवश्यक है। यही कारण है कि हर साल 21 मार्च को विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस मनाया जाता है।
विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस का इतिहास-
पहली बार विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस (World Down Syndrome Day) को 2006 में मनाया गया था। इसके बाद डाउन सिंड्रोम इंटरनेशनल और इसके कुछ मेंबर्स के साथ मिलकर ब्राजीलियाई फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ डाउन सिंड्रोम ने एक व्यापक अभियान को शुरू किया। ये व्यापक अभियान डाउन सिंड्रोम को लेकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन को उतपन्न करने के लिए किया गया था। आगे चलकर 2011 में नवंबर में विश्व डाउन सिंड्रोम को महासभा ने 21 मार्च को मनाने का प्रस्ताव पारित किया। इसके अगले महीने में ही ये घोषणा की गई कि हर साल 21 मार्च को डाउन सिंड्रोम दिवज़ मनाया जाएगा।
World Down Syndrome Day theme: विश्व डाउन सिंड्रोम 2023 थीम-
हर साल इस दिन की एक थीम निर्धारित की जाती है। इस साल विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस की थीम ‘हमारे साथ नहीं, हमारे लिए’ निर्धारित की गई है। इस दिन लोगों को डाउन सिंड्रोम को लेकर जागरूक किया जाता है और इससे होने वाले प्रभावों के बारे में बताया जाता है। यही कारण है कि इस दिन का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत अधिक महत्व है।