Friday, 20 June 2025

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं, रहेगा जेल में

Ali Khan Mahmoodabad : भारतीय सेना के विरूद्घ अर्नगल टिप्पणी प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को भारी पड़ गई है। हरियाणा…

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं, रहेगा जेल में

Ali Khan Mahmoodabad : भारतीय सेना के विरूद्घ अर्नगल टिप्पणी प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को भारी पड़ गई है। हरियाणा पुलिस के द्वारा जेल भेजे गए प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी के विरूद्घ दायर याचिका को तुरंत सुनने से मना कर दिया। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट बुधवार को करेगा। इस दौरान प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जेल में ही रहना पड़ेगा।

क्या है पूरा मामला

हरियाणा में अशोक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर सेना का अपमान करने का आरोप लगा है। हरियाणा प्रदेश की पुलिस ने सेना का अपमान करने के आरोप में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को रविवार को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को हरियाणा के सोनीपत जिले की अदालत में पेश किया गया। सोनीपत की जिला अदालत ने मंगलवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी। उनके खिलाफ संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने सहित कई गंभीर आरोपों में 2 प्राथमिकी दर्ज हैं। हरियाणा राज्य महिला आयोग ने हाल में एसोसिएट प्रोफेसर को उनकी टिप्पणियों पर सवाल उठाते हुए नोटिस भेजा था। हालांकि, महमूदाबाद ने कहा था कि उनका गलत मतलब निकाला गया। प्रोफेसर ने कहा कि उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग किया है।

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली कोर्ई राहत

हरियाणा पुलिस ने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को गलत ढंग से गिरफ्तार किया है। इस बात को लेकर प्रोफेसर के वकील कपिल  सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कपिल सिब्बल का कहनान है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद एक देशभक्त प्रोफेसर हैं। हरियाणा पुलिस ने उसे गलत ढंग से गलत मामले में गिरफ्तार किया है। कपिल सिब्बल ने इस मामले में तुरंत सुनवाई करने की मांग सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी। सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल की मांग को नहीं माना। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई बुधवार को करने का फैसला किया है। इसका मतलब यह हुआ कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जेल के अंदर ही रहना पड़ेगा। इस मुद्दे पर  राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।

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