Caste Census : केन्द्र सरकार ने बुधवार को बहुत बड़ा फैसला किया है। केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला यह है कि पूरे देश में जल्दी ही जाति जनगणना कराई जाएगी। केन्द्र सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में देश में जाति जनगणना कराने का बड़ा फैसला किया है। केन्द्र सरकार ने तय किया है कि निकट भविष्य में होने वाली सामान्य जनगणना के साथ ही जाति जनगणना भी कराई जाएगी। आजाद भारत में पहली बार जाति जनगणना कराने का फैसला लिया गया है।
कांग्रेस पर अश्वनी वैष्णव ने लगाए आरोप
कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने कांग्रेस की पूर्व सरकारों पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कभी भी जाति जनगणना नहीं कराई। केवल सर्वे ही कराया गया है। उन्होंने 2010 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) की सरकार का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र का यह फैसला काफी अहम साबित होगा। बुधवार को कैबिनेट की खास बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि आने वाली जणगना में जातियों की गणना भी कराई जाएगी।
आपको बता दें कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी यानी CCPA को ‘सुपर कैबिनेट’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के टॉप मिनिस्टर्स शामिल होते हैं. CCPA के मौजूदा सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शामिल हैं, जो इसके अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी इसमें शामिल हैं। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार ने शिलांग से सिलचर के बीच नए हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिसकी कुल लागत 22,864 करोड़ रुपये होगी।
केन्द्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला
अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अगली जनगणना में जातीय गणना को शामिल किया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि अब तक जातीय जनगणना मूल जनगणना का हिस्सा नहीं रही है. उन्होंने कहा, “कुछ राज्यों ने जातीय सर्वे अपने स्तर पर किया है, लेकिन सामाजिक ताने-बाने को समझने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण जरूरी है. CCPA ने तय किया है कि अब जातियों की गिनती अगली जनगणना में की जाएगी, किसी अलग सर्वे के तहत नहीं।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है। आजादी के बाद की सभी जनगणनाओं में जातियों की गणना नहीं की गई. वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर केबिनेट में विचार किया जाएगा. इसके बाद एक मंत्रिमंडल समूह का भी गठन किया गया था, जिसमें अधिकांश राजनैतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी। इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाए, एक सर्वे कराना ही उचित समझा जिसे SECC के नाम से जाना जाता है। Caste Census :
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