Delhi : क्या जज के खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है? पूरी प्रक्रिया समझें

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userचेतना मंच
calendar24 MAR 2025 03:04 PM
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Delhi :  हाल ही में एक दिल्ली के जज के आवास पर बेहिसाब धन मिलने की खबरें सुर्खियों में रही हैं। इस मामले ने आम जनता के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या किसी पदस्थ न्यायाधीश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है? इस प्रश्न का उत्तर कानूनी दृष्टिकोण से समझना आवश्यक है।

कानूनी स्थिति और प्रक्रिया

भारतीय न्यायपालिका में पदस्थ किसी भी न्यायाधीश के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई सीधे तौर पर नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने के. वीरस्वामी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (1991) मामले में यह स्पष्ट किया था कि किसी भी जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अनुमति आवश्यक होती है।

इन-हाउस प्रक्रिया क्या है?

यदि किसी जज पर आपराधिक आरोप लगाए जाते हैं, तो उसके खिलाफ जांच की अनुमति देने के लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसे 'इन-हाउस प्रक्रिया' कहा जाता है। इस प्रक्रिया के तहत:
  1. आरोपों की समीक्षा भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है।
  2. यदि आरोप प्रारंभिक तौर पर सही प्रतीत होते हैं, तो CJI राष्ट्रपति को पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने की अनुमति देने की सिफारिश कर सकते हैं।
  3. अंतिम निर्णय राष्ट्रपति द्वारा लिया जाता है, लेकिन राष्ट्रपति CJI की सिफारिश मानने के लिए बाध्य नहीं होते।

1991 का ऐतिहासिक मामला

1991 में एक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इन-हाउस प्रक्रिया को स्पष्ट किया था और यह निर्णय दिया था कि पीसी अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत कार्यरत किसी भी न्यायाधीश के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति केवल राष्ट्रपति ही दे सकते हैं।

रविशंकर अय्यर बनाम जस्टिस ए.एम. भट्टाचार्य (1995)

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुनः इन-हाउस प्रक्रिया को मान्यता दी और इसे न्यायपालिका की आंतरिक अनुशासनात्मक प्रक्रिया बताया। इसका उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखते हुए किसी भी संभावित दुरुपयोग को रोकना था।

क्या दिल्ली के जज के घर से नकदी मिली?

हाल ही में एक दिल्ली के न्यायाधीश के घर में आग लगने की घटना के बाद, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वहां से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई। हालांकि, दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख ने इस दावे को खारिज कर दिया। घटना का विवरण:
  • 14 मार्च की रात 11:35 बजे आग लगने की सूचना मिली।
  • दमकल की दो गाड़ियाँ 11:43 बजे घटनास्थल पर पहुँचीं।
  • फायर ब्रिगेड ने स्पष्ट किया कि आग बुझाने के दौरान किसी प्रकार की नकदी बरामद नहीं हुई। Delhi : 
 

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Shahnawaz Hussain : हैदराबाद एयरपोर्ट नाम पर शाहनवाज हुसैन की आपत्ति

Shahnawaz Hussain
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 MAR 2025 01:02 PM
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Shahnawaz Hussain : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखे जाने का कोई औचित्य नहीं था, क्योंकि इसके विकास में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। शाहनवाज हुसैन ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि इस परियोजना के लिए जिन नेताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, उन्हें उचित मान्यता नहीं दी गई।

शाहनवाज हुसैन की नाराजगी

शाहनवाज हुसैन ने यह टिप्पणी तेलंगाना में भाजपा द्वारा आयोजित ‘बिहार दिवस 2025’ समारोह के दौरान की। उन्होंने कहा कि हैदराबाद हवाई अड्डे के निर्माण में तीन प्रमुख व्यक्तियों – जॉर्ज फर्नांडीस, चंद्रबाबू नायडू और उन्होंने स्वयं – ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने दावा किया कि भूमि रक्षा मंत्रालय के अधीन थी और इस परियोजना को मूर्त रूप देने में इन नेताओं ने कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा, "जब कांग्रेस सत्ता में आई, तो उसने चंद्रबाबू नायडू, जॉर्ज फर्नांडीस, या मेरे योगदान को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। इसके बजाय, बिना किसी स्पष्ट योगदान के हवाई अड्डे का नाम राजीव गांधी के नाम पर रख दिया गया।"

हैदराबाद हवाई अड्डे का विकास और योगदान

हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है। इस हवाई अड्डे के निर्माण और उन्नति में तत्कालीन केंद्रीय मंत्रियों, राज्य सरकार और विभिन्न विभागों का समन्वय आवश्यक था। लेकिन भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में जिन नेताओं ने अहम भूमिका निभाई, उन्हें उचित श्रेय नहीं मिला।

बिहार दिवस समारोह में बिहारवासियों की उपलब्धियों की सराहना

शाहनवाज हुसैन ने इस अवसर पर बिहारवासियों की मेहनत और उनकी उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की एनडीए सरकार राज्य के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे बिहार अब देश के अन्य विकसित राज्यों के समकक्ष खड़ा हो रहा है।

राजनीतिक विवाद का विस्तार

हैदराबाद हवाई अड्डे के नामकरण को लेकर यह विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी कई बार विभिन्न परियोजनाओं और सरकारी संस्थानों के नामकरण को लेकर राजनीतिक दलों के बीच टकराव देखने को मिला है। यह मुद्दा केवल हवाई अड्डे तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में कई स्थानों के नाम बदलने या उनके नामकरण को लेकर विवाद होते रहे हैं। Shahnawaz Hussain :  

रुपये में डॉलर के मुकाबले तेजी : कारण, आंकड़े और भविष्य की संभावनाएं

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रुपये में डॉलर के मुकाबले तेजी : कारण, आंकड़े और भविष्य की संभावनाएं

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Indian Rupees : 
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 MAR 2025 00:50 PM
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Indian Rupees : हाल के दिनों में भारतीय रुपये (Indian Rupees) में डॉलर के मुकाबले लगातार तेजी देखी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, रुपये (Indian Rupees) ने सातवें दिन डॉलर के मुकाबले मजबूत होना जारी रखा है और इसने लगभग डेढ़ प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है। 10 फरवरी को जब रुपया 87.94 के निचले स्तर पर पहुंच गया था, तब से अब तक रुपये में 2.36% की रिकवरी देखी गई है। आइए जानते हैं कि आखिर रुपये की इस तेजी के पीछे कौन से कारण हैं और भविष्य में इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं।

रुपये (Indian Rupees) में तेजी के कारण

रुपये में इस तेजी के कई कारण हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:

  1. बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ाना

    बैंकों द्वारा लिक्विडिटी बढ़ाने के प्रयासों के कारण रुपये (Indian Rupees) को मजबूती मिली है। इन प्रयासों ने घरेलू अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है और रुपये को डॉलर के मुकाबले मजबूत किया है।
  2. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

    कच्चे तेल की कीमतों में हाल के दिनों में गिरावट आई है, जो रुपये के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। तेल आयात से होने वाली लागत में कमी आने के कारण व्यापार घाटा घटा है।
  3. विदेशी निवेशकों का निवेश

    भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि भी रुपये की मजबूती का एक बड़ा कारण है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार में निवेश करना फिर से शुरू किया है, जिससे रुपये को समर्थन मिला है।
  4. भारतीय रिजर्व बैंक के प्रयास

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा उठाए गए कदमों का भी इस तेजी में अहम योगदान है। RBI के प्रयासों से रुपये (Indian Rupees) की स्थिति मजबूत हुई है, खासकर जब डॉलर इंडेक्स 104 के स्तर को पार कर चुका था।

हालिया आंकड़े और भविष्य की दिशा

सोमवार को शुरुआती कारोबार में रुपये (Indian Rupees) ने 12 पैसे की वृद्धि के साथ 85.86 का स्तर छुआ। इस वृद्धि का मुख्य कारण घरेलू फ्लो में मजबूती है, जिससे रुपये को समर्थन मिला है। हालांकि, कुछ जोखिम जैसे कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और तरलता की कमी भी रुपये के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं।

रुपये की भविष्यवाणी

विशेषज्ञों के अनुसार, रुपये में आगामी दिनों में 85.55 का समर्थन स्तर देखा जा सकता है। HDFC सिक्योरिटीज के अनुज गुप्ता का कहना है कि रुपये-डॉलर की रेंज 85.55-86.45 के बीच रह सकती है। इसके अलावा, अमेरिकी टैरिफ के लागू होने के बाद अप्रैल से रुपये (Indian Rupees) में और बदलाव हो सकते हैं। यह देखा जाएगा कि वैश्विक आर्थिक हालात और घरेलू आर्थिक गतिविधियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

डॉलर इंडेक्स और वैश्विक स्थिति

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स की स्थिति भी रुपये के मुकाबले महत्वपूर्ण है। वर्तमान में यह 104.15 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 71.89 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, जो रुपये के लिए सकारात्मक है। इन कारकों से रुपये को आगे भी समर्थन मिल सकता है।

आरबीआई का विदेशी मुद्रा भंडार

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 14 मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 305 मिलियन डॉलर बढ़कर 654.271 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए 10 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा स्वैप के कारण हुई है, जो रुपये (Indian Rupees) को और मजबूत करने में मदद कर रहा है।Indian Rupees :

2025 में कच्चे तेल की बाढ़, क्या मिलेगा भारत को राहत?

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