Rajasthan: राजस्थान EWS प्रवेश : स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू

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calendar26 MAR 2025 03:47 PM
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Rajasthan: राजस्थान सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2025 के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने हेतु आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। यह प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के अंतर्गत संचालित की जा रही है, जिसके तहत निजी स्कूलों में 25% सीटें EWS श्रेणी के छात्रों के लिए आरक्षित हैं।

आवेदन की अंतिम तिथि

जो अभिभावक अपने बच्चों को इस योजना के तहत कक्षा 1 में प्रवेश दिलाना चाहते हैं, उन्हें 7 अप्रैल 2025 तक आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

लॉटरी प्रक्रिया और चयन प्रक्रिया

सरकारी कार्यक्रम के अनुसार, लॉटरी प्रक्रिया 9 अप्रैल 2025 तक पूरी होगी। चयनित छात्रों के नाम ऑनलाइन प्रकाशित किए जाएंगे और वे अपने आवेदन पत्र में सूचीबद्ध पांच स्कूलों में से किसी एक स्कूल में प्रवेश ले सकेंगे।

आवश्यक दस्तावेज़ और सत्यापन प्रक्रिया

अभिभावकों को अपने आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड (यदि उपलब्ध हो)
  • पिछली कक्षा की मार्कशीट (यदि लागू हो)
सत्यापन प्रक्रिया 9 अप्रैल से 15 अप्रैल 2025 तक चलेगी।

योग्यता मानदंड

  • आवेदन करने वाले छात्रों की आयु 31 जुलाई 2025 तक न्यूनतम 6 वर्ष होनी चाहिए।
  • कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आयु सीमा 6 से 7 वर्ष निर्धारित की गई है।
  • RTE के तहत यह प्रवेश प्रक्रिया केवल एक बार उपलब्ध होती है, यदि कोई छात्र इस वर्ष चयनित नहीं होता है तो वह भविष्य में इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएगा।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

  • आवेदन प्रारंभ: मार्च 2025
  • अंतिम तिथि: 7 अप्रैल 2025
  • लॉटरी प्रक्रिया: 9 अप्रैल 2025 तक
  • दस्तावेज़ सत्यापन: 9 अप्रैल - 15 अप्रैल 2025  Rajasthan:
 

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भारत की सड़के अमेरिका से बेहतर होंगी - नितिन गडकरी

Nitin Gadkari
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locationभारत
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calendar26 MAR 2025 09:54 AM
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Nitin Gadkari : भारत का सड़क बुनियादी ढांचा आने वाले वर्षों में वैश्विक मानकों को पार करने की ओर अग्रसर है। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में घोषणा की कि अगले दो वर्षों में भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से बेहतर होगा।

भारत की सड़क क्रांति

मंत्री गडकरी ने कहा कि पहले वे भारत के हाईवे नेटवर्क को अमेरिका के समकक्ष बनाने की बात करते थे, लेकिन अब वे दावे के साथ कहते हैं कि भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से भी उन्नत होगा। उन्होंने यह भी बताया कि देश में हो रहे विकास कार्यों के चलते यात्रा समय में भारी कमी आएगी, जिससे देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, देहरादून, जयपुर और बेंगलुरु के बीच आवागमन अधिक सुगम और तेज़ होगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों में भारत की बढ़त

गडकरी ने यह भी भविष्यवाणी की कि अगले पांच वर्षों में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के उत्पादन और उपयोग में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से ईवी की मांग और इसकी स्वीकार्यता में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की दिशा में कई योजनाएं बनाई गई हैं।

उच्च गुणवत्ता वाले वाहन निर्माण पर ज़ोर

टेस्ला के भारत में प्रवेश के बारे में पूछे जाने पर, गडकरी ने स्पष्ट किया कि भारत एक खुला बाजार है, जहां जो भी सक्षम है, वह उत्पादन कर सकता है और प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों पर अपने उत्पाद बेच सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वाहन निर्माता लागत से अधिक गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हैं, जिससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में मजबूती मिलेगी।

लॉजिस्टिक्स लागत में कमी का लक्ष्य

मंत्री गडकरी ने भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकार इसे एकल अंकों में लाने का लक्ष्य रख रही है, जिससे व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में, यह लागत लगभग 14-16 प्रतिशत है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों की तुलना में अधिक है।

स्क्रैपिंग नीति और लिथियम-आयन बैटरियों की गिरती कीमतें

गडकरी ने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत ऑटोमोबाइल कंपोनेंट की कीमतों में लगभग 30 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। इससे वाहनों की कीमतें कम होंगी और उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि देश में लिथियम-आयन बैटरियों की कीमतों में गिरावट आ रही है, क्योंकि अडानी और टाटा समूह जैसी प्रमुख कंपनियां इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करने जा रही हैं।

लिथियम भंडार और भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग

गडकरी ने खुलासा किया कि जम्मू-कश्मीर में विशाल लिथियम भंडार पाया गया है, जो वैश्विक लिथियम भंडार का लगभग 6 प्रतिशत है। इस खोज से भारत के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की सराहना करते हुए कहा कि यह जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उद्योग बन चुका है।  Nitin Gadkari :  

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अब एटीएम से निकासी होगी महंगी, जानें क्या है प्लान

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ATM Withdrawal
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calendar25 MAR 2025 07:01 PM
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ATM Withdrawal : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एटीएम इंटरचेंज शुल्क और मुफ्त लेनदेन की सीमा पार करने पर लगने वाले शुल्कों में वृद्धि करने की योजना बना रहा है। नकद लेनदेन के लिए वर्तमान में 17 रुपया प्रति लेनदेन का इंटरचेंज शुल्क है, जिसे बढ़ाकर रुपया 19 करने का प्रस्ताव है।​ गैर-नकद लेनदेन का वर्तमान शुल्क 6 से बढ़ाकर 7 रुपया करने की सिफारिश की गई है।​

मुफ्त लेनदेन की सीमा पार करने पर शुल्क

बचत खाता धारकों को वर्तमान में मेट्रो शहरों में अपने बैंक के एटीएम पर पांच मुफ्त लेनदेन और अन्य बैंकों के एटीएम पर तीन मुफ्त लेनदेन की अनुमति है। इन सीमाओं के पार करने पर वर्तमान में 21 प्रति लेनदेन शुल्क लिया जाता है, जिसे बढ़ाकर 22 करने का प्रस्ताव है। व्हाइट लेबल एटीएम आॅपरेटरों ने भी बढ़ती परिचालन लागतों के कारण इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने की मांग की है। वे चाहते हैं कि शुल्क को बढ़ाकर अधिकतम 23 प्रति लेनदेन किया जाए ताकि व्यवसाय के लिए अधिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित हो सके।

ग्राहकों के लिए सलाह

यदि आप एटीएम से बार-बार नकदी निकालते हैं, तो इन संभावित शुल्क बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए अपनी नकदी निकासी की आदतों पर पुनर्विचार करना उचित होगा। डिजिटल भुगतान विकल्पों का अधिक उपयोग करने से आप अतिरिक्त शुल्कों से बच सकते हैं।​ ध्यान दें कि ये शुल्क वृद्धि अभी प्रस्तावित हैं और अंतिम निर्णय के लिए आरबीआई की आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है।​

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