म्यांमार सीमा पर ड्रोन हमले का आरोप : उल्फा (I) ने भारत पर साधा निशाना, सेना ने दी सफाई

ड्रोन अटैक का आरोप, उल्फा का बयान
उल्फा (I) की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सागिंग क्षेत्र में उनके कई मोबाइल शिविरों पर तड़के ड्रोन के जरिए निशाना साधा गया। संगठन के मुताबिक, इन हमलों में उनका एक वरिष्ठ नेता मारा गया और कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं। संगठन ने आरोप लगाया कि यह हमला भारतीय सेना की ओर से किया गया है। जो म्यांमार सीमा के पास सक्रिय उग्रवादी नेटवर्क पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत किया गया है।भारतीय सेना का इनकार
इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने स्पष्ट किया कि, "भारतीय सेना के पास इस प्रकार के किसी आॅपरेशन की कोई जानकारी नहीं है। सेना ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है।" उन्होंने कहा कि भारत की सेना सीमा पार संप्रभुता का सम्मान करती है और कोई भी कार्रवाई नीतिगत और सामरिक प्राथमिकताओं के आधार पर की जाती है।पड़ोसी क्षेत्र में अशांति और सुरक्षा पर असर
म्यांमार के सागिंग क्षेत्र में पहले से ही सेना और विद्रोही संगठनों के बीच संघर्ष चल रहा है। भारत की पूर्वोत्तर सीमा, विशेष रूप से नागालैंड और मणिपुर से सटी सीमा, इन घटनाओं से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती रही है। हाल के वर्षों में भारत ने म्यांमार के साथ सीमावर्ती आतंकवाद और उग्रवाद पर संयुक्त सहयोग को प्राथमिकता दी है, लेकिन सीमा पार कार्रवाई को लेकर हमेशा संवेदनशीलता बरती गई है। उल्फा (आई) के इस दावे ने भारत-म्यांमार सीमा पर एक बार फिर सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, फिलहाल तक कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है कि हमला वास्तव में भारतीय पक्ष से हुआ या नहीं। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि आने वाले दिनों में इस दावे पर म्यांमार अथवा अन्य पक्षों की प्रतिक्रिया क्या रहती है।अगली खबर पढ़ें
ड्रोन अटैक का आरोप, उल्फा का बयान
उल्फा (I) की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सागिंग क्षेत्र में उनके कई मोबाइल शिविरों पर तड़के ड्रोन के जरिए निशाना साधा गया। संगठन के मुताबिक, इन हमलों में उनका एक वरिष्ठ नेता मारा गया और कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं। संगठन ने आरोप लगाया कि यह हमला भारतीय सेना की ओर से किया गया है। जो म्यांमार सीमा के पास सक्रिय उग्रवादी नेटवर्क पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत किया गया है।भारतीय सेना का इनकार
इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने स्पष्ट किया कि, "भारतीय सेना के पास इस प्रकार के किसी आॅपरेशन की कोई जानकारी नहीं है। सेना ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है।" उन्होंने कहा कि भारत की सेना सीमा पार संप्रभुता का सम्मान करती है और कोई भी कार्रवाई नीतिगत और सामरिक प्राथमिकताओं के आधार पर की जाती है।पड़ोसी क्षेत्र में अशांति और सुरक्षा पर असर
म्यांमार के सागिंग क्षेत्र में पहले से ही सेना और विद्रोही संगठनों के बीच संघर्ष चल रहा है। भारत की पूर्वोत्तर सीमा, विशेष रूप से नागालैंड और मणिपुर से सटी सीमा, इन घटनाओं से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती रही है। हाल के वर्षों में भारत ने म्यांमार के साथ सीमावर्ती आतंकवाद और उग्रवाद पर संयुक्त सहयोग को प्राथमिकता दी है, लेकिन सीमा पार कार्रवाई को लेकर हमेशा संवेदनशीलता बरती गई है। उल्फा (आई) के इस दावे ने भारत-म्यांमार सीमा पर एक बार फिर सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, फिलहाल तक कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है कि हमला वास्तव में भारतीय पक्ष से हुआ या नहीं। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि आने वाले दिनों में इस दावे पर म्यांमार अथवा अन्य पक्षों की प्रतिक्रिया क्या रहती है।संबंधित खबरें
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