Bihar Politics : बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रणनीतियाँ और राजनीतिक कदम चर्चा का विषय बने हुए हैं। चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने हाल ही में दावा किया कि नीतीश कुमार चुनाव तो भाजपा के साथ लड़ेंगे, लेकिन बाद में पाला बदल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट आई है, जिससे उनके लिए लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनना कठिन हो सकता है।
नीतीश ने राज्य के कई जिलों का किया दौरा
नीतीश कुमार ने अपनी ‘प्रगति यात्रा’ के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा किया, जो 23 दिसंबर 2024 से 21 फरवरी 2025 तक चली। इस यात्रा का उद्देश्य विकास कार्यों की समीक्षा और आगामी चुनावों के लिए जनता से संवाद स्थापित करना था। जदयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी ने कहा कि पार्टी किसी भी वक्त चुनाव का सामना करने को तैयार है और एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट है।
पांडव सेना को सौंपी जिम्मेदारी
पार्टी के भीतर भी महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। नीतीश कुमार ने पांच प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारियाँ सौंपी हैं, जिन्हें ‘पांडव सेना’ कहा जा रहा है। इनमें संजय झा, मनीष वर्मा, अशोक चौधरी, निखिल मंडल और श्याम रजक शामिल हैं। इन नेताओं को आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के इस्तीफे की अटकलें भी सुर्खियों में हैं। त्यागी को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है, और उनके इस्तीफे के संभावित राजनीतिक मायने पर चर्चा हो रही है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे
बिहार की राजनीति में इन घटनाओं के बीच, नीतीश कुमार के नेतृत्व और आगामी चुनावों में उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। उनकी सेहत और उत्तराधिकारी को लेकर भी चचार्एँ हो रही हैं, जिससे जदयू और भाजपा दोनों के लिए रणनीतिक चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन सभी राजनीतिक गतिविधियों के बीच, बिहार के मतदाता आगामी चुनावों में किसे अपना समर्थन देंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
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