Chanakya Niti : चाणक्य का नाम सभी ने सुना है। माना जाता है कि पिछली कुछ सदियों में चाणक्य से बड़ा बुद्घिमान कोई हुआ ही नहीं। चाणक्य नीति की बात करें तरे चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति को सर्वश्रेष्ठï नीति
माना जाता है। चाणक्य नीति में वह सब कुछ बताया गया है जो दुनिया में राजा महाराजाओं की तरह शानदार जीवन जीने का बेहतरीन मार्र्ग है।
चाणक्य की यह बात मान ली तो आप भी जी सकते हैं राजा जैसा जीवन
चाणक्य नीति में कही गई चाणक्य की बात को मानकर आप भी राजा महाराजाओं की तरह एक शानदार जीवन जी सकते हैं। आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र के बारहवें अध्याय में राजाओं की तरह जिंदगी जीने वाले लोगों की जानकारी दी है। चाणक्य नीति शास्त्र के बारहवें अध्याय के 13वें श्लोक में कहते हैं-मातृवत् परदारांश्च यानी जो व्यक्ति अपनी पत्नी को छोडक़र सभी महिलाओं को माता मानता है। उस पर परमात्मा की असीम कृपा बरसती है। परम पिता परमेश्वर की कृपा से व्यक्ति पृथ्वी लोक पर राजाओं की तरह जिंदगी जीते हैं। आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि व्यक्ति अपने कर्मों से जीवन में तरक्की और उन्नति की राह पर अग्रसर रहते हैं। वहीं, दूसरों के धन को चुराने या अपना मानने वाले लोग जीवन में कभी सुखी नहीं रह पाते हैं। परद्रव्याणि लोष्ठवत् यानी दूसरे के धन को ढेला समझने वाले लोग हमेशा सुखी रहते हैं। ऐसे लोगों पर परमात्मा की भी कृपा बरसती है। नारायण की कृपा से ऐसे लोगों को धरती पर सभी प्रकार के सुखो की प्राप्ति होती है। आचार्य चाणक्य श्लोक के अंत में कहते हैं कि सभी जीवों में परमात्मा को देखने वाले लोग जीवन में हमेशा सुखी रहते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में सुखी और संतुष्ट रहते हैं। साथ ही जीवन में खूब तरक्की करते हैं। इसके साथ ही मधुरभाषी, सात्विक व्यक्ति, दानी और विनम्र स्वभाव रखने वाले लोग भी जीवन में तरक्की और उन्नति की राह पर अग्रसर रहते हैं। Chanakya Niti
चाणक्य ने बताई कभी न बदली जाने वाली चीज
चाणक्य नीति में चाणक्य ने यह भी बताया है कि जीवन में तीन चीज ऐसी हैं जो कभी नहीं बदली जा सकती। चाणक्य कहते हैं कि जब किसी का जन्म होता है तो यह बात पहले ही तय हो जाती है कि उसकी आयु कितनी होगी।आप चाहकर भी कभी अपनी आयु को बदल नहीं सकते हैं। चाणक्य के अनुसार किसी भी इंसान के कर्म कैसे होंगे इस बात का फैसला उसके जन्म से पहले ही हो जाता है। बता दें यहीं कर्म होते हैं जो जीवन में उसके सुख और दुखों का फैसला करते हैं। इस जन्म में कोई भी इंसान कैसा काम करेगा इस बात का फैसला पिछले जन्म में ही हो चुका होता है। चाणक्य नीति के अनुसार जब एक बच्चा अपनी मां के पेट में होता है तभी इस बात का फैसला हो चुका होता है कि उसे जीवन में कितने पैसे मिलेंगे और वह कितनी दूर तक पढ़ाई करेगा। एक बार यह तय हो जाए तो लाख कोशिशों के बावजूद इसे बदला नहीं जा सकता है। Chanakya Niti
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