National News : भारत में 6G की तैयारी, 2030 तक लॉन्च होने की संभावना

National News 4
National News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 MAR 2025 05:02 PM
bookmark
National News : भारत में 5G के सफल क्रियान्वयन के बाद, सरकार अब 6G तकनीक की ओर कदम बढ़ा चुकी है। केंद्रीय सरकार ने ‘भारत 6G मिशन’ की शुरुआत 2023 में की थी, जिसका उद्देश्य 2030 तक देश में 6G सेवा को लाना है। हाल ही में केंद्रीय संचार राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की ह  6G की दिशा में प्रगति जबकि कई देश अभी भी 5G नेटवर्क को पूरी तरह से लागू करने में संघर्ष कर रहे हैं, भारत ने पहले ही 6G की ओर अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। भारत सरकार ने 6G अनुसंधान और परीक्षण के लिए एक टेस्ट बेड वर्षों पहले ही स्थापित कर दिया था। सरकार के अनुसार, भारत 6G मिशन के तहत अनुसंधान, डिज़ाइन और विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। इस प्रयास का लक्ष्य भारत को दूरसंचार और उन्नत संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाना है।

5G से 6G की यात्रा

भारत में 5G सेवाओं को 2022 में लॉन्च किया गया था और केवल दो वर्षों में ही यह नेटवर्क देशभर में लगभग 98% जिलों तक पहुंच चुका है।
  • प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों की भागीदारी: एयरटेल और जियो के साथ-साथ Vi ने भी अपनी 5G सेवाओं की शुरुआत कर दी है।
  • BSNL की तैयारी: सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL भी जून 2025 तक अपनी 5G सेवाएं शुरू करने जा रही है।

2030 तक 6G लॉन्च की योजना

केंद्रीय मंत्री पेम्मासानी ने अपने हालिया बयान में कहा, "भारत 6G मिशन के तहत हम 2030 तक 6G सेवाएं लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। हमारा उद्देश्य अगली पीढ़ी की दूरसंचार तकनीक के डिज़ाइन, विकास और तैनाती में अग्रणी बनना है।"

भारत को टेलीकॉम हब बनाने की योजना

टेलीकॉम राज्य मंत्री ने आगे कहा कि सरकार भारत को दूरसंचार उपकरणों और सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  • सेमीकंडक्टर और नेटवर्क उपकरणों का उत्पादन: सरकार न केवल इनका उपयोग करने बल्कि देश में निर्माण को भी बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • AI और क्वांटम कंप्यूटिंग में अग्रणी बनने की योजना: 5G नेटवर्क के प्रभावी क्रियान्वयन के चलते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में भी भारत को अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।  National News :
   

ISRO : ISRO में अपरेंटिस भर्ती, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

जेडीयू ने वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्र को तीन अहम सुझाव दिए

Untitled design 2025 03 31T162055.523
Waqf Bill :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 MAR 2025 04:21 PM
bookmark
Waqf Bill : वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Bill) पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने केंद्र सरकार को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। ये सुझाव उस समय दिए गए हैं जब मुस्लिम संगठनों ने जेडीयू के स्टैंड पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने आश्वासन दिया कि सरकार इनके सुझावों पर विचार करेगी जब यह बिल संसद में पेश होगा।

जेडीयू के तीन सुझाव

पहला सुझाव यह है कि वक्फ संपत्तियों की जमीन राज्य का मामला है, इसलिए नए कानून में भी इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। दूसरा सुझाव यह है कि नया कानून पूर्वप्रभावी नहीं होगा, बशर्ते वक्फ संपत्ति पंजीकृत हो। यानी रजिस्टर्ड संपत्तियां प्रभावित नहीं होंगी, लेकिन अगर कोई संपत्ति विवादित या सरकारी है और पंजीकृत नहीं है, तो उसका फैसला वक्फ बिल के मानकों के अनुसार होगा। तीसरा सुझाव यह है कि यदि कोई वक्फ संपत्ति सरकारी जमीन पर है, तो उसका फैसला भी बिल के मुताबिक किया जाए। इसके अलावा, यदि कोई वक्फ संपत्ति पंजीकृत नहीं है, लेकिन उस पर धार्मिक भवन (जैसे मस्जिद या दरगाह) बना हो, तो उसे तोड़ा नहीं जाए और उसका स्टेटस बरकरार रखा जाए।

कांग्रेस का प्रतिक्रिया

इस विधेयक (Waqf Bill) को लेकर कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नीतीश कुमार संसद में इसका विरोध करेंगे। तारिक ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को बीजेपी के रास्ते पर नहीं चलना चाहिए और उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू इस विधेयक का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि यह उनके धर्मनिरपेक्ष रुख के खिलाफ हो सकता है।

विधेयक (Waqf Bill) पर राजनीतिक बहस

वक्फ विधेयक (Waqf Bill)पर जेडीयू के द्वारा दिए गए सुझाव और कांग्रेस के बयान से यह साफ हो गया है कि यह मुद्दा बिहार में राजनीतिक बहस का कारण बन चुका है। जेडीयू ने अपनी पार्टी के मुस्लिम हितों को ध्यान में रखते हुए विधेयक पर सुझाव दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने नीतीश कुमार से इस विधेयक का विरोध करने की उम्मीद जताई है। अब यह देखना होगा कि सरकार इन सुझावों को कैसे स्वीकार करती है और विधेयक की चर्चा में इनका क्या असर पड़ता है।Waqf Bill :

भागलपुर के दिहाड़ी मजदूरों को 16 करोड़ टैक्स नोटिस, विभाग में हलचल

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

National News : 'नीति एनसीएईआर राज्य आर्थिक मंच' का आगाज

National News 3
National News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 MAR 2025 03:10 PM
bookmark
National News :  भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 अप्रैल को ‘नीति एनसीएईआर राज्य आर्थिक मंच’ (State Economic Platform) का शुभारंभ करेंगी। यह प्लेटफॉर्म राज्यों के आर्थिक और राजकोषीय परिदृश्य पर व्यापक डेटा और विश्लेषण उपलब्ध कराएगा। नीति आयोग और राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) के सहयोग से विकसित यह मंच राज्य स्तर पर आर्थिक नीतियों को अधिक प्रभावी और डेटा-संचालित बनाने में सहायक होगा।

क्या है 'नीति एनसीएईआर राज्य आर्थिक मंच'?

'नीति एनसीएईआर राज्य आर्थिक मंच' एक डिजिटल पोर्टल है, जो 28 भारतीय राज्यों के आर्थिक, सामाजिक और वित्तीय संकेतकों का संकलन प्रदान करेगा। इसमें जनसांख्यिकी, आर्थिक संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजकोषीय नीतियों से संबंधित विस्तृत डेटा उपलब्ध होगा। यह मंच राज्यों को तीन दशकों के आर्थिक आंकड़ों तक सीधी पहुँच प्रदान करेगा, जिससे नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और विश्लेषकों को निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।

इस मंच की विशेषताएँ

  1. समय-आधारित आर्थिक डेटा: यह पोर्टल 1990 के दशक से लेकर वित्त वर्ष 2022-23 तक राज्यों के सामाजिक और आर्थिक मापदंडों का डेटा संग्रह उपलब्ध कराएगा।
  2. राज्यों का राजकोषीय और आर्थिक डैशबोर्ड: यह प्लेटफॉर्म समय के साथ प्रमुख आर्थिक कारकों का ग्राफिकल प्रतिनिधित्व करेगा, जिससे आर्थिक प्रवृत्तियों को समझने में आसानी होगी।
  3. डेटा परिशिष्ट और विस्तृत विश्लेषण: उपयोगकर्ता अनप्रोसेस्ड डेटा या सारांश तालिकाओं के माध्यम से व्यापक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  4. विकासशील नीतियों के लिए सहायक: यह मंच नीति-निर्माताओं को ऐतिहासिक रुझानों और वास्तविक समय के डेटा के माध्यम से साक्ष्य-आधारित रणनीतियाँ विकसित करने में मदद करेगा।

इस मंच का महत्व क्यों है?

भारत जैसे विविध और विशाल देश में राज्यों की अर्थव्यवस्थाएँ एक-दूसरे से भिन्न होती हैं। इस मंच के माध्यम से नीति-निर्माताओं को एक केंद्रीकृत डेटा स्रोत मिलेगा, जिससे वे राज्य स्तर पर आर्थिक सुधारों और नीतिगत हस्तक्षेपों को अधिक प्रभावी बना सकते हैं। इससे न केवल आर्थिक असमानता को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्यों के समग्र विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने में भी सहायता मिलेगी।   National News :  

West Bengal :  मालदा में अब हालात सामान्य, ईद की नमाज में उमड़ी भीड़

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।